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महाराष्ट्र: फडणवीस मंत्रिमंडल का विस्तार, छगन भुजबल ने मंत्री पद की शपथ ली - CHHAGAN BHUJBAL TAKE OATH

भुजबल महाराष्ट्र की राजनीति में ओबीसी समुदाय का एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं, और पूर्व में कैबिनेट मंत्री और उपमुख्यमंत्री के पद पर रह चुके हैं.

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छगन भुजबल (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 20, 2025 at 9:42 AM IST

Updated : May 20, 2025 at 10:30 AM IST

2 Min Read

मुंबई: महाराष्ट्र में मंगलवार को महायुति सरकार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, जिसके अंतर्गत एनसीपी (अजित गुट) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने मंत्री पद की शपथ ली. उन्हें एनसीपी (अजित गुट) के कोटे से धनंजय मुंडे के स्थान पर मंत्री बनाया गया है. बता दें, 77 वर्षीय भुजबल महाराष्ट्र की राजनीति में ओबीसी समुदाय का एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं, और पूर्व में कैबिनेट मंत्री और उपमुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं.

धनंजय मुंडे के इस्तीफे के बाद वापसी: भुजबल की मंत्रिमंडल में वापसी कई मायनों में महत्वपूर्ण है. दिसंबर 2024 में, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा किए गए मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें शामिल नहीं किए जाने पर उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी व्यक्त की थी. अब उनकी वापसी धनंजय मुंडे के इस्तीफे के बाद हुई है. मुंडे ने मार्च में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उनके सहयोगी वल्मिक कराड का नाम बीड सरपंच देशमुख हत्या मामले में सामने आने के बाद इस इस्तीफे को कई संदेह की नजरों से देख रहे हैं.

वहीं, महाराष्ट्र के मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा, "जैसा कि कहा जाता है, 'अगर अंत अच्छा हो तो सब कुछ अच्छा होता है'. मैंने गृह मंत्रालय से लेकर हर जिम्मेदारी संभाली है. मुझे जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, वह ठीक रहेगी. यह सीएम का विशेषाधिकार है..."

नासिक जिले से विधायक और ओबीसी समुदाय का प्रतिनिधित्व: छगन भुजबल वर्तमान में नासिक जिले के येवला से विधायक हैं. महाराष्ट्र की राजनीति में उनका लंबा अनुभव है और वे ओबीसी समुदाय के एक प्रमुख नेता माने जाते हैं. उनकी वापसी से महायुति गठबंधन को ओबीसी समुदाय के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद मिलेगी. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि शपथ लेने के बाद उन्हें कौन सा विभाग आवंटित किया जाएगा. इसका फैसला मुख्यमंत्री फडणवीस द्वारा ही किया जाएगा.

महाराष्ट्र की राजनीति में महत्व: यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं. छगन भुजबल की वापसी से एनसीपी का कद गठबंधन में और बढ़ेगा. साथ ही, उनके अनुभव और ओबीसी समुदाय में लोकप्रियता को देखते हुए, उन्हें सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका मिलने की संभावना है.

यह भी पढ़ें- 'आंदोलन की एक सीमा होनी चाहिए', CM ममता का बेरोजगार शिक्षकों को कड़ा संदेश

मुंबई: महाराष्ट्र में मंगलवार को महायुति सरकार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, जिसके अंतर्गत एनसीपी (अजित गुट) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने मंत्री पद की शपथ ली. उन्हें एनसीपी (अजित गुट) के कोटे से धनंजय मुंडे के स्थान पर मंत्री बनाया गया है. बता दें, 77 वर्षीय भुजबल महाराष्ट्र की राजनीति में ओबीसी समुदाय का एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं, और पूर्व में कैबिनेट मंत्री और उपमुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं.

धनंजय मुंडे के इस्तीफे के बाद वापसी: भुजबल की मंत्रिमंडल में वापसी कई मायनों में महत्वपूर्ण है. दिसंबर 2024 में, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा किए गए मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें शामिल नहीं किए जाने पर उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी व्यक्त की थी. अब उनकी वापसी धनंजय मुंडे के इस्तीफे के बाद हुई है. मुंडे ने मार्च में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उनके सहयोगी वल्मिक कराड का नाम बीड सरपंच देशमुख हत्या मामले में सामने आने के बाद इस इस्तीफे को कई संदेह की नजरों से देख रहे हैं.

वहीं, महाराष्ट्र के मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा, "जैसा कि कहा जाता है, 'अगर अंत अच्छा हो तो सब कुछ अच्छा होता है'. मैंने गृह मंत्रालय से लेकर हर जिम्मेदारी संभाली है. मुझे जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, वह ठीक रहेगी. यह सीएम का विशेषाधिकार है..."

नासिक जिले से विधायक और ओबीसी समुदाय का प्रतिनिधित्व: छगन भुजबल वर्तमान में नासिक जिले के येवला से विधायक हैं. महाराष्ट्र की राजनीति में उनका लंबा अनुभव है और वे ओबीसी समुदाय के एक प्रमुख नेता माने जाते हैं. उनकी वापसी से महायुति गठबंधन को ओबीसी समुदाय के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद मिलेगी. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि शपथ लेने के बाद उन्हें कौन सा विभाग आवंटित किया जाएगा. इसका फैसला मुख्यमंत्री फडणवीस द्वारा ही किया जाएगा.

महाराष्ट्र की राजनीति में महत्व: यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं. छगन भुजबल की वापसी से एनसीपी का कद गठबंधन में और बढ़ेगा. साथ ही, उनके अनुभव और ओबीसी समुदाय में लोकप्रियता को देखते हुए, उन्हें सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका मिलने की संभावना है.

यह भी पढ़ें- 'आंदोलन की एक सीमा होनी चाहिए', CM ममता का बेरोजगार शिक्षकों को कड़ा संदेश

Last Updated : May 20, 2025 at 10:30 AM IST
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