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यह है सतपुड़ा की तेंदुआ छिपकली, रंग बदल लेपर्ड गेको ने सैलानियों को छकाया - SATPURA LEOPARD GECKO

नर्मदापुरम के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के जंगल में तेंदुए की तरह दिखने वाली इस छिपकली को 'सतपुड़ा तेंदुआ गेको' के नाम से जाना जाता है.

SATPURA LEOPARD GECKO
सतपुड़ा लेपर्ड गेको (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 10, 2025 at 3:27 PM IST

Updated : April 11, 2025 at 9:08 AM IST

3 Min Read

नर्मदापुरम(देवेन्द्र वैश) : तेंदुए का नाम सुनकर आपके सामने वही जंगली बिल्ली की प्रजाति, जिसके शरीर पर काले चितकबरे तेंदुए की तस्वीर सामने आ जाती है लेकिन इन दिनों सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में तेंदुआ गेको प्रजाति नाम की एक छिपकली पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र जैव विविधता का उत्कृष्ठ उदाहरण है. यहां कई जीव हैं जिन्हें देखकर आप रोमांचित हो जायेंगे. ऐसे ही विलुप्त होती कुछ प्रजातियां सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में देखने को मिलीं जो काफी दुर्लभ हैं. यह छिपकली प्रजाति का जीव है जो जंगलों में पाया जाता है. इसका नाम है सतपुड़ा तेंदुआ (लेपर्ड) गेको.

छिपकली प्रजाति का है सतपुड़ा तेंदुआ गेको

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अपनी जैव विविधता और प्राकृतिक खूबसूरती के कारण सैलानियों को लुभा रहा है. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में जल, जंगल, जमीन के कारण वन्य प्राणियों के साथ बड़ी संख्या में दुर्लभ प्रजाति के जीव भी अलग अलग क्षेत्रों में पर्यटकों को दिखाई देते हैं. जिन्हें देखकर सैलानी रोमांचित हो उठते हैं. ऐसा ही छिपकली प्रजाति का जीव सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बफर के सेहरा क्षेत्र में सफारी कर रहे पर्यटकों को दिखाई दिया. जिसका नाम तेंदुआ गेको है. तेंदुए की तरह दिखने वाली सतपुड़ा की इस छिपकली को सतपुड़ा तेंदुआ गेको के नाम से भी जाना जा रहा है. यह छिपकली पर्यटकों को लुभा रही है.

Satpura Leopard Gecko
सतपुड़ा तेंदुआ गेको (ETV Bharat)

2011 में हुई थी सतपुड़ा तेंदुआ गेको की खोज

प्रकृति प्रेमी एवं जैव विविधता के जानकार हरेंद्र साहू ने बताया कि "इसकी खोज वर्ष 2011 में मिस्टर राजू डेविड ने की थी. यह अधिकतर सतपुड़ा पर्वत माला में पाई जाती है. इसलिए इसे सतपुड़ा तेंदुआ गेको के नाम से जाना जाता है. यह एक सरीसृप प्रजाति की छिपकली है. सतपुड़ा तेंदुआ गेको स्वभाव से गोधूलि यानि रात्रिचर है. इस समूह की अन्य गेको के विपरीत इसमें चिपकने वाले पैर के पैड नहीं होते हैं, जो सीधी सतहों पर चढ़ने में सहायक होते हैं."

Satpura Tiger Reserve forest
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का घना जंगल (ETV Bharat)

आक्रामक शिकारी होते हैं लेपर्ड गेको

प्रकृति प्रेमी हरेंद्र साहू ने बताया कि "पहले यह माना जाता था कि तेंदुआ गेको शुष्क क्षेत्रों को पसंद करते हैं. क्योंकि उनके पूर्वज निर्जन क्षेत्रों में विकसित हुए हैं. सतपुड़ा तेंदुआ गेको के नए अध्ययनों से पता चला है कि वे चट्टानी घास के मैदानों को पसंद करते हैं. ये गेको आक्रामक शिकारी होते हैं. वे बहुत मजबूत हैं और मध्य भारतीय परिदृश्य की चरम मौसम स्थितियों के अनुकूल हो गए हैं. यह एक दुर्लभ जीव है जो बहुत कम ही दिखाई देते हैं. इसकी लंबाई करीब 5 से 6 इंच तक होती है."

रात में ही नजर आता है लेपर्ड गेको

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मढ़ई एसडीओ अंकित जामोद ने बताया कि "सतपुड़ा तेंदुआ गेको पर्यटकों को बफर क्षेत्र के सेहरा में जंगल सफारी के दौरान दिखाई दी थी. लेपर्ड गेको दुर्लभ है, यह अधिकतर रात में ही दिखाई देती है."

नर्मदापुरम(देवेन्द्र वैश) : तेंदुए का नाम सुनकर आपके सामने वही जंगली बिल्ली की प्रजाति, जिसके शरीर पर काले चितकबरे तेंदुए की तस्वीर सामने आ जाती है लेकिन इन दिनों सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में तेंदुआ गेको प्रजाति नाम की एक छिपकली पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र जैव विविधता का उत्कृष्ठ उदाहरण है. यहां कई जीव हैं जिन्हें देखकर आप रोमांचित हो जायेंगे. ऐसे ही विलुप्त होती कुछ प्रजातियां सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में देखने को मिलीं जो काफी दुर्लभ हैं. यह छिपकली प्रजाति का जीव है जो जंगलों में पाया जाता है. इसका नाम है सतपुड़ा तेंदुआ (लेपर्ड) गेको.

छिपकली प्रजाति का है सतपुड़ा तेंदुआ गेको

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अपनी जैव विविधता और प्राकृतिक खूबसूरती के कारण सैलानियों को लुभा रहा है. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में जल, जंगल, जमीन के कारण वन्य प्राणियों के साथ बड़ी संख्या में दुर्लभ प्रजाति के जीव भी अलग अलग क्षेत्रों में पर्यटकों को दिखाई देते हैं. जिन्हें देखकर सैलानी रोमांचित हो उठते हैं. ऐसा ही छिपकली प्रजाति का जीव सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बफर के सेहरा क्षेत्र में सफारी कर रहे पर्यटकों को दिखाई दिया. जिसका नाम तेंदुआ गेको है. तेंदुए की तरह दिखने वाली सतपुड़ा की इस छिपकली को सतपुड़ा तेंदुआ गेको के नाम से भी जाना जा रहा है. यह छिपकली पर्यटकों को लुभा रही है.

Satpura Leopard Gecko
सतपुड़ा तेंदुआ गेको (ETV Bharat)

2011 में हुई थी सतपुड़ा तेंदुआ गेको की खोज

प्रकृति प्रेमी एवं जैव विविधता के जानकार हरेंद्र साहू ने बताया कि "इसकी खोज वर्ष 2011 में मिस्टर राजू डेविड ने की थी. यह अधिकतर सतपुड़ा पर्वत माला में पाई जाती है. इसलिए इसे सतपुड़ा तेंदुआ गेको के नाम से जाना जाता है. यह एक सरीसृप प्रजाति की छिपकली है. सतपुड़ा तेंदुआ गेको स्वभाव से गोधूलि यानि रात्रिचर है. इस समूह की अन्य गेको के विपरीत इसमें चिपकने वाले पैर के पैड नहीं होते हैं, जो सीधी सतहों पर चढ़ने में सहायक होते हैं."

Satpura Tiger Reserve forest
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का घना जंगल (ETV Bharat)

आक्रामक शिकारी होते हैं लेपर्ड गेको

प्रकृति प्रेमी हरेंद्र साहू ने बताया कि "पहले यह माना जाता था कि तेंदुआ गेको शुष्क क्षेत्रों को पसंद करते हैं. क्योंकि उनके पूर्वज निर्जन क्षेत्रों में विकसित हुए हैं. सतपुड़ा तेंदुआ गेको के नए अध्ययनों से पता चला है कि वे चट्टानी घास के मैदानों को पसंद करते हैं. ये गेको आक्रामक शिकारी होते हैं. वे बहुत मजबूत हैं और मध्य भारतीय परिदृश्य की चरम मौसम स्थितियों के अनुकूल हो गए हैं. यह एक दुर्लभ जीव है जो बहुत कम ही दिखाई देते हैं. इसकी लंबाई करीब 5 से 6 इंच तक होती है."

रात में ही नजर आता है लेपर्ड गेको

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मढ़ई एसडीओ अंकित जामोद ने बताया कि "सतपुड़ा तेंदुआ गेको पर्यटकों को बफर क्षेत्र के सेहरा में जंगल सफारी के दौरान दिखाई दी थी. लेपर्ड गेको दुर्लभ है, यह अधिकतर रात में ही दिखाई देती है."

Last Updated : April 11, 2025 at 9:08 AM IST
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