रायपुर: प्रदेश की साय सरकार नक्सल समस्या के समाधान के लिए तेजी से कार्य कर रही है. इस बीच नक्सलियों का एक कथित पत्र आया है. नक्सलियों ने शाह के दौरे से पहले कथित पर्चा जारी कर ऑपरेशन रोकने और शांति वार्ता की अपील की है.
"किसी शर्त के आधार पर नहीं होगी चर्चा": जिसके बाद प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा ने बुधवार को रायपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने साफ साफ कहा है कि युद्ध जैसी कोई स्थिति नहीं है. ऐसे में सीजफायर की कोई बात नहीं है. सरकार साफ कह रही है. हम चर्चा के लिए तैयार है. हम किसी शर्त के आधार पर चर्चा नहीं करेंगे.
राज्य सरकार किसी भी प्रकार की सार्थक वार्ता के लिए तैयार है, बशर्ते कि इसके लिए कोई शर्त न हो. उन्होंने कहा कि यदि नक्सली वास्तव में मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं और बातचीत के लिए इच्छुक हैं, तो सरकार किसी भी तरह के शर्त के तहत वार्ता नहीं करेगी.- विजय शर्मा, डिप्टी सीएम और गृह मंत्री
"समानांतर व्यवस्था थोपने की कोशिश नहीं करेंगे स्वीकार": डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि यदि कोई चर्चा करना चाहता है, तो उसे भारतीय संविधान की मान्यता स्वीकार करनी होगी.अगर संविधान को नकारते हैं और समानांतर व्यवस्था थोपने की कोशिश करते हैं, तो वार्ता का कोई औचित्य नहीं रहता.
यदि नक्सली वार्ता को लेकर गंभीर हैं, तो उन्हें अपनी ओर से वार्ता के लिए समिति बनानी चाहिए.अब यदि वे बातचीत करना चाहते हैं, तो उन्हें स्पष्ट प्रस्ताव के साथ आगे आना होगा.- विजय शर्मा, डिप्टी सीएम और गृह मंत्री
सरकार का रुख साफ है. बातचीत के दरवाजे खुले हैं, लेकिन हिंसा और खूनखराबे पर कोई समझौता नहीं होगा.नक्सलियों को हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण करना होगा, तभी कोई सार्थक समाधान संभव है.- विजय शर्मा, डिप्टी सीएम और गृह मंत्री
विजय शर्मा ने यह भी दोहराया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अब तक की सबसे बेहतर पुनर्वास नीति बनाई है. इस नीति के तहत जो भी नक्सली सरेंडर कर मुख्यधारा में वापस लौटना चाहते हैं, तो उन्हें इस नीति के तहत सुरक्षा और पुनर्वास मुहैया कराई जाएगी. इसके साथ उन्हें रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे.
सरकार चाहती है कि जो लोग भटके हुए हैं, वे समाज में वापस आएं और एक व्यवस्थित जीवन जीएं- विजय शर्मा, डिप्टी सीएम और गृह मंत्री
"बस्तर में बदल रहे हालात": डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने यह भी बताया कि बस्तर में हालात बदल रहे हैं. बीते डेढ़ साल में बस्तर के 40 गांवों में पहली बार तिरंगा फहराया गया है. जहां नक्सली अपना कानून थोपते की कोशिश करते थे, वहां के गांवों में तिरंगा लहराना और भारतीय संविधान का पालन करना अनिवार्य है.
नक्सलियों ने पत्र में क्या लिखा?: बस्तर में चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन से नक्सलियों में काफी दहशत का माहौल है. नक्सलियों की केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय ने एक कथित पर्चा जारी किया है. इसके जरिए नक्सलियों ने शांति वार्ता की मांग की है. उन्होंने ऑपरेशन रोकने का आग्रह किया गया है. नक्सलियों का दावा है कि इस ऑपरेशन के नाम पर आदिवासी समुदायों के खिलाफ काफी हिंसा हुई है.
नक्सलियों ने क्या दावा किया?: नक्सलियों ने यह दावा भी किया है कि ''केंद्र और राज्य सरकारें पिछले 15 महीनों से सभी राज्यों, विशेषकर छत्तीसगढ़ में आक्रामक रूप से 'कागर' युद्ध जारी रखे हुए है. इस युद्ध में देश भर में हमारी पार्टी के 400 से अधिक नेता और कार्यकर्ता मारे गए हैं.
इस पत्र से साफ है कि नक्सली एंटी नक्सल ऑपरेशन में लगातार मात खाने के बाद पस्त पड़े हुए हैं. जिसकी वजह से उन्होंने अब वार्ता की मांग की है. नक्सलियों की इस मांग पर सरकार की तरफ से भी रुख साफ कर दिया गया है कि बिना किसी शर्त के ही वार्ता होगी.
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि नक्सली वार्ता का माध्यम चुन सकते हैं. वह टेलीफोन, व्हाट्सएप कॉल या अन्य माध्यमों से वार्ता कर सकते हैं, लेकिन यह बाततीच बिना किसी शर्त के होगी. सरकार ने नक्सलियों की उस मांग को भी खारिज किया है. जिसमें उन्होंने नए सशस्त्र बलों के शिविरों की स्थापना को रोकने की मांग की है.