नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आरएसएस नेता श्रीनिवासन हत्याकांड मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के 17 सदस्यों को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली एनआईए की याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया. केरल के पलक्कड़ जिले में आरएसएस नेता श्रीनिवासन की 2022 में हत्या कर दी गई थी. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका के खिलाफ सुनवाई हुई.
यह मामला जस्टिस अभय एस ओका और एन कोटिश्वर सिंह की बेंच के समक्ष आया. बेंच ने कहा कि, आरोपियों को जमानत देने वाला केरल हाई कोर्ट का आदेश एक साल पुराना है. अगर शर्तों का उल्लंघन किया जाता है तो हाई कोर्ट को जमानत रद्द करने का अधिकार है. सुनवाई के दौरान एनआईए की ओर से पेश वकील ने जमानत रद्द करने की मांग की और कहा कि आरोपियों ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है और गवाहों से संपर्क किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, वह एजेंसी द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिकाओं पर विचार करने के लिए उत्सुक नहीं है. अदालत ने जमानत रद्द करने के लिए विशेष न्यायालय/ हाई कोर्ट में जाने की स्वतंत्रता दी. सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जब भी जमानत रद्द करने के लिए आवेदन किया जाता है, तो विशेष न्यायालय या हाई कोर्ट को इस तथ्य से प्रभावित नहीं होना चाहिए कि इस न्यायालय ने वर्तमान विशेष अनुमति याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया है.
जून 2024 में, हाई कोर्ट ने 17 आरोपी पीएफआई सदस्यों को जमानत दे दी थी, जो राज्य और देश के अन्य हिस्सों में कथित तौर पर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के आरोप में मुकदमे का सामना कर रहे हैं. शुरुआत में, 16 अप्रैल, 2022 को श्रीनिवासन की हत्या के सिलसिले में 51 लोगों को आरोपी बनाया गया था. पकड़े गए लोगों में से एक की मौत हो गई, जबकि सात अन्य फरार हैं. केंद्र ने सितंबर, 2022 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को आरोपियों के खिलाफ मामला संभालने और जांच करने का निर्देश दिया.
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