नई दिल्ली: व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा ने सोमवार को पहलगाम आतंकवादी हमले पर अपनी हालिया टिप्पणी को स्पष्ट किया और कहा कि उनके इरादों की गलत व्याख्या की गई. उन्होंने आगे कहा कि इसे स्पष्ट करना उनकी जिम्मेदारी थी.
वाड्रा ने यह भी कहा कि वे पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हैं और भारत के साथ खड़े हैं. फेसबुक पर उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, 'चूंकि मेरे इरादों की गलत व्याख्या की गई है, इसलिए मैं समझता हूं कि इसे स्पष्ट करना मेरी जिम्मेदारी है. मैं ईमानदारी, पारदर्शिता और सम्मान के साथ अपना स्पष्टीकरण देने के लिए प्रतिबद्ध हूं. मैंने कुछ दिनों तक मौन रहकर प्रतीक्षा करने का निर्णय लिया, लेकिन इसे मौन, उदासीनता या देशभक्ति की कमी के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए.'
व्यवसायी वाड्रा ने कहा कि उन्होंने बोलने से पहले चिंतन करने का समय लिया क्योंकि उन्हें देश के प्रति गहरे प्रेम है. साथ ही सत्य के प्रति सम्मान और समर्पण के प्रति तन्मयता है. मौन वह अवस्था है जहां जिम्मेदारी परिपक्व होती है. भावनाएं शांत होती हैं और शब्दों का चयन आवेगपूर्ण ढंग से नहीं बल्कि सावधानी से किया जा सकता है.
वाड्रा ने आगे कहा,'मैं अपने विचारों के बारे में स्पष्ट होना चाहता हूं. मैं पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं जिसमें निर्दोष लोगों की जान चली गई और उनके परिवार बिखर गए. मैं भारत के साथ खड़ा हूं और हमेशा ऐसा ही रहूंगा. निर्दोष और निहत्थे लोगों के खिलाफ हिंसा को माफ नहीं किया जा सकता.'
उन्होंने आगे कहा कि किसी भी रूप में आतंकवाद मानवता की आत्मा पर हमला है और यह लोगों के बिना किसी भय के जीने के मौलिक अधिकार को नष्ट करता है. वाड्रा ने हमले में मारे गए लोगों पर भी शोक व्यक्त किया और सभी से महात्मा गांधी की अहिंसा की शिक्षाओं को याद रखने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि किसी भी रूप में आतंकवाद न केवल व्यक्तियों पर बल्कि मानवता की आत्मा पर हमला है. यह हर इंसान के बिना किसी डर के जीने के मौलिक अधिकार को नष्ट करता है. कोई भी कारण कोई भी तर्क निर्दोष लोगों के खून बहाने को उचित नहीं ठहरा सकता. मैं उन सभी लोगों के लिए शोक व्यक्त करता हूँ जिनकी जान चली गई, जिनका भविष्य छीन लिया गया, जिनके दिल अकल्पनीय दुःख से भर गए.' उन्होंने कहा था कि अहिंसा एक साहसी विकल्प है.