पटना : राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) अब एनडीए की हिस्सा नहीं रही. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने इस बात की घोषणा की. दरअसल बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती समारोह पर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी द्वारा आज संकल्प सम्मेलन का आयोजन किया गया. पटना के बापू सभागार में हुए इस संकल्प सम्मेलन में पारस ने एनडीए से अलग होने की घोषणा कर दी.
''कल तक हमलोग एनडीए के सहयोगी थे, लेकिन आज के बाद एनडीए के घटक दल नहीं रहेंगे. लोकसभा चुनाव के समय से हमारी पार्टी की अनदेखी की गई. बीजेपी और जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष बराबर बयान दे रहे थे कि बिहार में पांच पांडव हैं. हमारी पार्टी को वे लोग अपने गठबंधन का हिस्सा नहीं मानते थे.''- पशुपति पारस, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आरएलजेपी
11 वर्षों का साथ छूटा : पशुपति कुमार पारस ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 2014 से लेकर अब तक एनडीए के सहयोगी दल के रूप में निस्वार्थ भाव से काम कर रहे थे. 2024 लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को एनडीए के तरफ से एक भी सीट नहीं दी गई. इसके बावजूद वे लोग एनडीए के साथ रहे. हालांकि जो परिस्थिति बनी है उसके हिसाब से एनडीए के साथ चलना सही नहीं है.
'सारे विकल्प खुले' : पशुपति पारस ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. जो भी राजनीतिक दल या गठबंधन उनकी पार्टी को सम्मान देगा वह उसके साथ गठबंधन करेंगे.

''इसी साल बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. हमारी पार्टी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी हुई है. बिहार की सभी 243 सीटों पर पार्टी चुनाव की तैयारी कर रही है. हम हर जिला में हर विधानसभा क्षेत्र के लिए योग्य उम्मीदवार की तलाश कर रहे हैं.''- पशुपति पारस, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आरएलजेपी
लालू यादव से अच्छा रिश्ता : पशुपति कुमार पारस ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की तारीफ करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में वह सरकार में मंत्री रह चुके हैं. लालू प्रसाद यादव एवं उनके परिवार से उनका अच्छा रिश्ता रहा है और भविष्य में राजनीति को लेकर क्या निर्णय होता है उस पर जल्द फैसला लेंगे. उन्होंने दही-चूड़ा के दिन लालू यादव के अपने घर पर आने का भी जिक्र किया.

'बिहार सरकार दलित विरोधी' : राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए पारस ने कहा कि बिहार में पिछले 20 वर्षों से भ्रष्टाचार की सरकार चल रही है. बिहार सरकार के द्वारा चलाए जा रहे हर योजना में भ्रष्टाचार दिख रहा है. शराबबंदी के नाम पर दलितों को प्रताड़ित किया जा रहा है. बिहार सरकार से उन्होंने मांग की कि जो भी गरीब लोग शराबबंदी के नाम पर जेल में बंद हैं उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए.
केंद्र सरकार पर निशाना : वक्फ संशोधन बिल पर पशुपति कुमार पारस ने कहा कि केंद्र सरकार धर्म के नाम पर किसी का अधिकार छिनने का प्रयास कर रही है. उनकी पार्टी इस बिल का विरोध करेगी. सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए पारस ने कहा कि नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति अभी ठीक नहीं है.

चिराग पर प्रिंस का निशाना : पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आजकल बिहार में एक फिल्म चल रही है, जिसमें परिवार के अंदर के विवाद पर चर्चा हो रही है. प्रिंस राज ने चिराग पासवान का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग अपने आपको दलित का नेता बता रहे हैं. ऐसे नेताओं से लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.
ऐसे लोगों से पूछना चाहिए कि घर की महिलाओं और घर की बात को सड़कों पर क्यों लाया गया? बड़ी मां के नाम पर हेलीकॉप्टर से जाकर गांव में फोटो शूट किया गया. क्या इस हेलीकॉप्टर से डॉक्टर नहीं जा सकते थे? क्या बड़ी मां को पटना नहीं लाया जा सकता था? बड़ी मां के नाम पर राजनीति कर रहे हैं और घर की महिलाओं के ऊपर प्राथमिकी दर्ज करवाई गई.
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