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रिटायर्ड महिला प्रोफेसर हुई डिजिटल अरेस्ट की शिकार, 1.6 करोड़ का लगा चूना - DIGITAL ARREST SCAM

डिजिटल अरेस्ट को लेकर पीएम मोदी ने लोगों को सतर्क रहने को कहा बावजूद इसके पढ़े लिखे लोग इस धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैं.

Digital Arrest Scam
हैदराबाद में रिटायर्ड महिला प्रोफेसर हुई डिजिटल अरेस्ट की शिकार (प्रतीकात्मक फोटो) (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 16, 2025 at 12:14 PM IST

2 Min Read

हैदराबाद: तेलंगाना के मेडचल की एक 78 वर्षीय सेवानिवृत्त महिला प्रोफेसर डिजिटल अरेस्ट की शिकार हो गई. इस धोखाधड़ी में साइबर अपराधियों ने विभिन्न सरकारी एजेंसियों के कर्मियों के रूप में इस पूरे अपराध को अंजाम दिया. इस ठगी में प्रोफेसर को कुल 1.60 करोड़ रुपये का चूना लगा.

यह घटना तब प्रकाश में आई जब पीड़िता ने हाल ही में साइबराबाद साइबर अपराध पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. इसमें कहा गया कि उसे एक महीने की अवधि में राशि ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया गया.

धोखाधड़ी के पीछे फर्जी ईडी और सीबीआई अधिकारी

यह घोटाला तब शुरू हुआ जब सेवानिवृत्त प्रोफेसर को दिल्ली साइबर क्राइम विभाग से होने का दावा करने वाले किसी व्यक्ति से व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया. उन्हें गलत जानकारी दी गई कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है.

हालांकि उन्होंने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया, लेकिन फोन करने वाले ने जोर देकर कहा कि वह संदिग्धों की सूची में हैं और उन्हें सीबीआई अधिकारियों से बात करनी होगी. इसके तुरंत बाद सीबीआई अधिकारी के रूप में खुद को पेश करने वाले एक अन्य व्यक्ति ने उन्हें गिरफ्तार करने, पासपोर्ट रद्द करने और अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी.

डराने के लिए अपनाए ये हथकंडे

पीड़िता को बहकाने के लिए इस्तेमाल किए गए दस्तावेज, डर फैलाने वाले हथकंडे अपनाए गए. जालसाजों ने लेन-देन की पुष्टि करने के बहाने उसके बैंक खाते का विवरण मांगा. फिर उसने दावा किया कि उसके सारे पैसे आरबीआई निरीक्षण के लिए अस्थायी रूप से स्थानांतरित करने होंगे.

घोटाले को विश्वसनीयता प्रदान करने के लिए आरोपियों ने उसे एक जाली दस्तावेज भेजा. इसमें ट्राई, सीबीआई और दिल्ली वित्त विभाग के साथ समझौते का दावा किया गया था. साथ ही चेतावनी दी गई थी कि समझौते का खुलासा करने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना और कारावास होगा.

धमकियों से घबराकर महिला ने एक निर्धारित बैंक खाते में एक करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए. दबाव जारी रहने पर उसने रिश्तेदारों से उधार लेकर सात किश्तों में 60 लाख रुपये और ट्रांसफर कर दिए.

धोखाधड़ी का मामला दर्ज

परिचितों से स्थिति पर चर्चा करने के बाद ही प्रोफेसर को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है. इसके बाद पीड़िता ने साइबराबाद साइबर क्राइम पुलिस से संपर्क किया, जिन्होंने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी.

ये भी पढ़ें- ऐसे कॉल्स से सावधान रहें! RBI ने दिए डिजिटल अरेस्ट से बचने के टिप्स

हैदराबाद: तेलंगाना के मेडचल की एक 78 वर्षीय सेवानिवृत्त महिला प्रोफेसर डिजिटल अरेस्ट की शिकार हो गई. इस धोखाधड़ी में साइबर अपराधियों ने विभिन्न सरकारी एजेंसियों के कर्मियों के रूप में इस पूरे अपराध को अंजाम दिया. इस ठगी में प्रोफेसर को कुल 1.60 करोड़ रुपये का चूना लगा.

यह घटना तब प्रकाश में आई जब पीड़िता ने हाल ही में साइबराबाद साइबर अपराध पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. इसमें कहा गया कि उसे एक महीने की अवधि में राशि ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया गया.

धोखाधड़ी के पीछे फर्जी ईडी और सीबीआई अधिकारी

यह घोटाला तब शुरू हुआ जब सेवानिवृत्त प्रोफेसर को दिल्ली साइबर क्राइम विभाग से होने का दावा करने वाले किसी व्यक्ति से व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया. उन्हें गलत जानकारी दी गई कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है.

हालांकि उन्होंने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया, लेकिन फोन करने वाले ने जोर देकर कहा कि वह संदिग्धों की सूची में हैं और उन्हें सीबीआई अधिकारियों से बात करनी होगी. इसके तुरंत बाद सीबीआई अधिकारी के रूप में खुद को पेश करने वाले एक अन्य व्यक्ति ने उन्हें गिरफ्तार करने, पासपोर्ट रद्द करने और अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी.

डराने के लिए अपनाए ये हथकंडे

पीड़िता को बहकाने के लिए इस्तेमाल किए गए दस्तावेज, डर फैलाने वाले हथकंडे अपनाए गए. जालसाजों ने लेन-देन की पुष्टि करने के बहाने उसके बैंक खाते का विवरण मांगा. फिर उसने दावा किया कि उसके सारे पैसे आरबीआई निरीक्षण के लिए अस्थायी रूप से स्थानांतरित करने होंगे.

घोटाले को विश्वसनीयता प्रदान करने के लिए आरोपियों ने उसे एक जाली दस्तावेज भेजा. इसमें ट्राई, सीबीआई और दिल्ली वित्त विभाग के साथ समझौते का दावा किया गया था. साथ ही चेतावनी दी गई थी कि समझौते का खुलासा करने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना और कारावास होगा.

धमकियों से घबराकर महिला ने एक निर्धारित बैंक खाते में एक करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए. दबाव जारी रहने पर उसने रिश्तेदारों से उधार लेकर सात किश्तों में 60 लाख रुपये और ट्रांसफर कर दिए.

धोखाधड़ी का मामला दर्ज

परिचितों से स्थिति पर चर्चा करने के बाद ही प्रोफेसर को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है. इसके बाद पीड़िता ने साइबराबाद साइबर क्राइम पुलिस से संपर्क किया, जिन्होंने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी.

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