नई दिल्ली: दिल्ली में संचालित हो रहे 1700 से ज्यादा प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रेखा सरकार सख्त नजर आ रही है. स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए सरकार ने सख्त निर्देश जारी किए हैं. दरअसल, हर साल दाखिले के समय प्राइवेट स्कूल यूनिफार्म और किताबों को लेकर के अपनी मनमानी अभिभावकों के ऊपर नहीं थोप सकेंगे. दरअसल, प्राइवेट स्कूल संचालक हर साल यूनिफॉर्म और किताबें अपने द्वारा निर्धारित दुकान से खरीदने के लिए अभिभावकों को बाध्य करते थे. स्कूल ऐसा ना कर सकें, इसे रोकने के लिए सरकार के निर्देश पर दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी किया है. शिक्षा निदेशक वेदिता रेड्डी द्वारा जारी इस आदेश में अब ऐसा करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई है.
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रेखा सरकार सख्त: आप सभी स्कूलों को अपने डिस्प्ले बोर्ड पर किताबें और स्कूल की यूनिफॉर्म खरीदने के लिए कम से कम पांच वेंडर के नंबर उनके पते के साथ डिस्प्ले करने पड़ेंगे जो स्कूल को नजदीक स्थित हों. इनके अलावा भी अभिभावक अपनी सुविधा के अनुसार अन्य वेंडर और दुकानों से भी स्कूल यूनिफार्म और किताबें खरीद सकेंगे. आदेश में यह भी लिखा है.

एक यूनिफॉर्म में कम से कम 3 साल तक बदलाव नहीं किया जा सकेगा: स्कूल अपनी यूनिफॉर्म का रंग या अन्य की तरह का बदलाव भी नहीं कर सकेंगे. एक यूनिफॉर्म में कम से कम अगले 3 साल तक बदलाव नहीं किया जाएगा. ऐसा करने पर अब सरकार ने स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं. निर्देश के अनुसार स्कूल किताबों और यूनिफॉर्म को विशेष दुकानों और संस्थानों से खरीद के लिए अभिभावकों को बाध्य नहीं करेंगे. सरकार के आदेश की अवहेलना पर स्कूलों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी की शिकायत करने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी की शिकायत करने के लिए सरकार ने अभिभावकों के लिए हेल्पलाइन नंबर 9818154069 और ईमेल ddeact1@gmail.com जारी किया है. इन शिकायतों की निगरानी के लिए शिक्षा निदेशालय ने प्राइवेट स्कूल ब्रांच के डिप्टी डायरेक्टर मनीष जैन को नोडल अधिकारी बनाया है. दरअसल, दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में नया सत्र 1 अप्रैल से शुरू होने वाला है. ऐसे में स्कूलों के खिलाफ शिकायतें आनी शुरू हो गई हैं. इसको ध्यान रखते हुए सरकार ने यह है कदम उठाया है.

मनमानी के खिलाफ बीएनएस के तहत मामला दर्ज करने की चेतावनी: बता दें कि सरकार को हर साल स्कूलों की मनमानी की इस तरह की शिकायत मिलती हैं. यह शिकायत स्कूलों द्वारा हर साल ड्रेस बदलने की और किताबें बदलने की होती हैं. स्कूलों द्वारा दाखिले के समय ही अभिभावकों को अपने द्वारा निर्धारित वेंडर के पते की सूची पकड़ा दी जाती है. स्कूलों द्वारा निर्धारित वेंडर से किताबें और ड्रेस दोनों ही मार्केट रेट से ज्यादा रेट पर मिलती हैं, अभिभावकों की यह भी शिकायत रहती है. इस मनमानी को रोकने के लिए शिक्षा निदेशालय हर साल आदेश भी जारी करता है. लेकिन, बीएनएस के तहत मामला दर्ज करने की चेतावनी पहली बार स्कूलों को दी गई है.
दिल्ली सरकार हर बच्चे को उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के अपने संकल्प पर अडिग है. अगर कोई स्कूल ईडब्ल्यूएस कोटे ओर सामान्य वर्ग के छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन करेगा तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. शिक्षा विभाग दोषी पाए जाने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ यह भी सुनिश्चित करेगा की प्राइवेट स्कूलों को दिल्ली सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार सभी नियम-कानून और प्रावधानों का अक्षरशः पालन करना ही होगा. दिल्ली शिक्षा निदेशालय को सभी जिला और क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारियों को गाइडलाइंस की निगरानी के साथ ही अभिभावकों द्वारा स्कूलों के खिलाफ दर्ज करवाई गई शिकायत का तुरंत समाधान करने का भी निर्देश दिया गया है. साथ ही कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट पर दिशा-निर्देशों को प्रकाशित करने का निर्देश दिया गया है.- आशीष सूद, शिक्षा मंत्री, दिल्ली सरकार
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