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दिल्ली केदारनाथ मंदिर विवाद पर पहली बार सामने आया ट्रस्ट, ETV भारत पर दी सफाई, जानिए क्या कहा - Delhi Kedarnath Temple Dispute

Delhi Kedarnath Temple Dispute दिल्ली में केदारनाथ मंदिर विवाद के बीच केदारनाथ दिल्ली धाम मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक की प्रतिक्रिया आई है. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने मंदिर निर्माण और ट्रस्ट को लेकर सफाई दी है. साथ ही कई बातों का खुलासा किया है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 15, 2024, 7:57 PM IST

Delhi Kedarnath Temple Dispute
दिल्ली केदारनाथ मंदिर विवाद पर पहली बार सामने आया ट्रस्ट (PHOTO- Shri Kedarnath Delhi Dham Temple Trust)

देहरादूनः दिल्ली में बन रहे केदारनाथ धाम के प्रतिकात्मक मंदिर निर्माण के विरोध को उत्तराखंड में तीर्थ पुरोहितों और संत समाज ने बल दे दिया है. विरोध के बीच पहली बार मंदिर का निर्माण कर रही श्री केदारनाथ दिल्ली धाम मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक जितेंद्र फुलारा ने अपनी प्रतिक्रिया जारी की है. ईटीवी भारत से बात करते हुए जितेंद्र ने कहा कि हम किसी भी तरह से किसी भी नाम का प्रयोग नहीं कर रहे हैं. अब तक हमसे उत्तराखंड में हो रहे विवाद पर किसी ने कोई संपर्क नहीं किया है. विवाद का हमारे काम और हमारे धाम पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

पूरी पारदर्शिता के साथ कर रहे काम: श्री केदारनाथ दिल्ली धाम मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक जितेंद्र का कहना है कि हमारा ट्रस्ट लगभग 2 साल पुराना है. हम कोई भी गलत काम नहीं कर रहे हैं. पहले भी पौराणिक मंदिरों से संबंधित मंदिर देश के अलग-अलग हिस्सों में बने हैं. ऐसे में केदारनाथ धाम दिल्ली में बन रहा है तो इससे किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए. लोग आस्था के अनुसार ही दिल्ली के केदारनाथ धाम में भी दर्शन करेंगे और हिमालय में विराजमान भगवान शिव के केदारनाथ धाम मंदिर में भी दर्शन करेंगे. मंदिर बनने से किसी की आस्था से कोई खिलवाड़ नहीं किया जाएगा. हम पूरी कानूनी प्रक्रिया के साथ ही काम कर रहे हैं.

Delhi Kedarnath Temple Dispute
10 जुलाई को मंदिर का शिलान्यास और भूमि पूजन किया गया. (PHOTO- Shri Kedarnath Delhi Dham Temple Trust)

मंदिर हूबहू वैसा तो नहीं लेकिन कोशिश बेहतर बनाने की: मंदिर को लेकर जितेंद्र ने कहा कि साल 2026 तक दिल्ली में केदारनाथ धाम मंदिर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. हमने एक कंपनी को इसका काम दिया है. हूबहू केदारनाथ धाम जैसा ही मंदिर दिल्ली में बनाना मुश्किल है, लेकिन कोशिश की जाएगी. उन्होंने बताया कि केदारनाथ धाम के मंदिर के पत्थर आज से सैकड़ों साल पुराना हैं और वह जिस शैली से बना है, वह भी आज के समय में बनाना संभव नहीं है. लेकिन हमारी कोशिश रहेगी कि एक अच्छा धार्मिक स्थल हम दिल्ली को दें.

जितेंद्र बताते हैं कि ट्रस्ट में अब तक लगभग 300 लोग जुड़ चुके हैं और सभी बेहद आस्था के साथ ट्रस्ट के साथ जुड़ रहे हैं. मंदिर को बनाने के लिए फिलहाल कंपनी ने जो स्टीमेट बताया है, वह लगभग 12 करोड़ रुपए का है. यह पैसा आज के समय का है. भविष्य में मंदिर निर्माण का खर्च बढ़ भी सकता है.

हमने नहीं किया किसी के नाम का प्रयोग: विवाद को लेकर पूछे गए सवाल पर जितेंद्र कहते हैं, अभी तक हमारे पास इस तरह का कोई विवाद नहीं आया है. कुछ लोग जो राजनीति कर रहे हैं, उनकी खबरें हम तक पहुंच रही हैं. ऐसा पहली बार नहीं है कि जब ऐसा कोई मंदिर बन रहा हो. हरीश रावत के कार्यकाल में भी महाराष्ट्र में बदरीनाथ मंदिर बनाया गया था. लेकिन आज अगर केदारनाथ मंदिर दिल्ली में बनाया जा रहा है तो उस पर राजनीति होना गलत है. जितेंद्र कहते हैं कि उत्तराखंड में स्थित ज्योतिर्लिंग बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अधीन आता है. लेकिन हमारा ट्रस्ट श्री केदारनाथ दिल्ली धाम मंदिर के नाम से है. इसलिए किसी भी तरह के कोई विवाद की संभावना ही नहीं है.

Delhi Kedarnath Temple Dispute
दिल्ली में बन रहा है केदारनाथ धाम के प्रतिकात्मक मंदिर निर्माण (PHOTO- Shri Kedarnath Delhi Dham Temple Trust)

जानिए क्या-क्या होगा दिल्ली वाले केदारनाथ मंदिर में: दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर की वेबसाइट पर उत्तराखंड के केदारनाथ धाम की तस्वीरों को लगाया गया है. इसके साथ ही डोनेशन के लिए भी लोगों से अपील की जा रही है. विशेष आकर्षण में बताया गया है कि मंदिर के आसपास विशाल सत्संग हॉल, शिव कथा नाटक रूपांतरण, हजार लोगों के लिए ठहरने की व्यवस्था होगी. योगा सेंटर, म्यूजिक हाल, धर्मशाला, नंदी बाबा का विशाल स्वरूप, पांडवों द्वारा बनाया गया केदारनाथ का इतिहास और प्रसाद वितरण के लिए भी अलग से सुविधा होगी. खास बात यह है कि मंदिर ट्रस्ट की वेबसाइट पर कैलाश खेर का वह वीडियो भी डाला गया है जिस भजन को उत्तराखंड सरकार ने कभी केदारनाथ आपदा के बाद बनवाया था.

ये भी पढ़ेंः केदारनाथ से गायब हुए 228 किलो सोने का आज तक पता नहीं लगा, अब दिल्ली में मंदिर के नाम पर होगा नया घोटाला, शंकराचार्य का आरोप

ये भी पढ़ेंः 'सरकार का कोई लेना-देना नहीं... इनकी भी होगी जांच' दिल्ली केदारनाथ मंदिर विवाद पर बीकेटीसी का बयान

ये भी पढ़ेंः दिल्ली केदारनाथ मंदिर विवाद, तीर्थ पुरोहितों ने शुरू किया धरना, कांग्रेस ने भी खड़े किये सवाल

देहरादूनः दिल्ली में बन रहे केदारनाथ धाम के प्रतिकात्मक मंदिर निर्माण के विरोध को उत्तराखंड में तीर्थ पुरोहितों और संत समाज ने बल दे दिया है. विरोध के बीच पहली बार मंदिर का निर्माण कर रही श्री केदारनाथ दिल्ली धाम मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक जितेंद्र फुलारा ने अपनी प्रतिक्रिया जारी की है. ईटीवी भारत से बात करते हुए जितेंद्र ने कहा कि हम किसी भी तरह से किसी भी नाम का प्रयोग नहीं कर रहे हैं. अब तक हमसे उत्तराखंड में हो रहे विवाद पर किसी ने कोई संपर्क नहीं किया है. विवाद का हमारे काम और हमारे धाम पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

पूरी पारदर्शिता के साथ कर रहे काम: श्री केदारनाथ दिल्ली धाम मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक जितेंद्र का कहना है कि हमारा ट्रस्ट लगभग 2 साल पुराना है. हम कोई भी गलत काम नहीं कर रहे हैं. पहले भी पौराणिक मंदिरों से संबंधित मंदिर देश के अलग-अलग हिस्सों में बने हैं. ऐसे में केदारनाथ धाम दिल्ली में बन रहा है तो इससे किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए. लोग आस्था के अनुसार ही दिल्ली के केदारनाथ धाम में भी दर्शन करेंगे और हिमालय में विराजमान भगवान शिव के केदारनाथ धाम मंदिर में भी दर्शन करेंगे. मंदिर बनने से किसी की आस्था से कोई खिलवाड़ नहीं किया जाएगा. हम पूरी कानूनी प्रक्रिया के साथ ही काम कर रहे हैं.

Delhi Kedarnath Temple Dispute
10 जुलाई को मंदिर का शिलान्यास और भूमि पूजन किया गया. (PHOTO- Shri Kedarnath Delhi Dham Temple Trust)

मंदिर हूबहू वैसा तो नहीं लेकिन कोशिश बेहतर बनाने की: मंदिर को लेकर जितेंद्र ने कहा कि साल 2026 तक दिल्ली में केदारनाथ धाम मंदिर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. हमने एक कंपनी को इसका काम दिया है. हूबहू केदारनाथ धाम जैसा ही मंदिर दिल्ली में बनाना मुश्किल है, लेकिन कोशिश की जाएगी. उन्होंने बताया कि केदारनाथ धाम के मंदिर के पत्थर आज से सैकड़ों साल पुराना हैं और वह जिस शैली से बना है, वह भी आज के समय में बनाना संभव नहीं है. लेकिन हमारी कोशिश रहेगी कि एक अच्छा धार्मिक स्थल हम दिल्ली को दें.

जितेंद्र बताते हैं कि ट्रस्ट में अब तक लगभग 300 लोग जुड़ चुके हैं और सभी बेहद आस्था के साथ ट्रस्ट के साथ जुड़ रहे हैं. मंदिर को बनाने के लिए फिलहाल कंपनी ने जो स्टीमेट बताया है, वह लगभग 12 करोड़ रुपए का है. यह पैसा आज के समय का है. भविष्य में मंदिर निर्माण का खर्च बढ़ भी सकता है.

हमने नहीं किया किसी के नाम का प्रयोग: विवाद को लेकर पूछे गए सवाल पर जितेंद्र कहते हैं, अभी तक हमारे पास इस तरह का कोई विवाद नहीं आया है. कुछ लोग जो राजनीति कर रहे हैं, उनकी खबरें हम तक पहुंच रही हैं. ऐसा पहली बार नहीं है कि जब ऐसा कोई मंदिर बन रहा हो. हरीश रावत के कार्यकाल में भी महाराष्ट्र में बदरीनाथ मंदिर बनाया गया था. लेकिन आज अगर केदारनाथ मंदिर दिल्ली में बनाया जा रहा है तो उस पर राजनीति होना गलत है. जितेंद्र कहते हैं कि उत्तराखंड में स्थित ज्योतिर्लिंग बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अधीन आता है. लेकिन हमारा ट्रस्ट श्री केदारनाथ दिल्ली धाम मंदिर के नाम से है. इसलिए किसी भी तरह के कोई विवाद की संभावना ही नहीं है.

Delhi Kedarnath Temple Dispute
दिल्ली में बन रहा है केदारनाथ धाम के प्रतिकात्मक मंदिर निर्माण (PHOTO- Shri Kedarnath Delhi Dham Temple Trust)

जानिए क्या-क्या होगा दिल्ली वाले केदारनाथ मंदिर में: दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर की वेबसाइट पर उत्तराखंड के केदारनाथ धाम की तस्वीरों को लगाया गया है. इसके साथ ही डोनेशन के लिए भी लोगों से अपील की जा रही है. विशेष आकर्षण में बताया गया है कि मंदिर के आसपास विशाल सत्संग हॉल, शिव कथा नाटक रूपांतरण, हजार लोगों के लिए ठहरने की व्यवस्था होगी. योगा सेंटर, म्यूजिक हाल, धर्मशाला, नंदी बाबा का विशाल स्वरूप, पांडवों द्वारा बनाया गया केदारनाथ का इतिहास और प्रसाद वितरण के लिए भी अलग से सुविधा होगी. खास बात यह है कि मंदिर ट्रस्ट की वेबसाइट पर कैलाश खेर का वह वीडियो भी डाला गया है जिस भजन को उत्तराखंड सरकार ने कभी केदारनाथ आपदा के बाद बनवाया था.

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