राजकोट: गुजरात के राजकोट की गोंडल तालुका पुलिस ने कर्जदारों के खौफ में जी रहे एक आदमी को मौत के मुंह में जाने से बचा लिया. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो और सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने समय पर मौके पर पहुंच कर साहूकारों की प्रताड़ना के चलते आत्महत्या करने जा रहे एक व्यक्ति की जान बचाई है. इतना ही नहीं साहूकारों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज की गई है.
जानकारी के मुताबिक गोंडल तालुका पीआई ए.डी. परमार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो और सुसाइड नोट मिला. जिसमें युवक के साहूकारों की प्रताड़ना के चलते आत्महत्या करने की बात कही जा रही है. जिसके बाद पुलिस टीम ने चंद मिनटों में वीडियो के आधार पर जांच की और पता चला कि युवक गुंडासरा गांव का रहने वाला था. वो भुनवा के पास एक निजी कंपनी में काम करता था.
जानकारी मिलने पर पुलिस वहां पहुंची और युवक को समझा कर गोंडल तालुका थाने ले आई और उसकी पूरी कहानी सुनी. उसने पुलिस को साहूकारों की असहनीय प्रताड़ना और धमकियों के चलते अपनी जान देने का फैसला लिया था. आत्महत्या करने से पहले इस व्यक्ति ने एक वीडियो बनाया और एक सुसाइड नोट लिखकर उसे व्हाट्सएप पर वायरल कर दिया.
पुलिस पूछताछ में पीड़ित ने बताया कि करीब चार साल पहले उसने शापर वेरावल के चिरागभाई घोडासरा से अस्पताल में काम के लिए 2 लाख रुपए लिए थे. जिसके एवज में उसने 30% की ऊंची ब्याज दर तय की थी, जबकि उसने राजकोट के शक्तिसिंह चावड़ा से 5% ब्याज पर एक लाख और गुंडासरा के केतनभाई उर्फ लालाभाई मेहता से एक साल पहले 10% ब्याज पर 40 हजार रुपए लिए थे. सूदखोर युवक को लगातार मानसिक रूप से परेशान कर रहे थे.
पीड़ित की शिकायत के आधार पर गोंडल तालुका पुलिस ने राजकोट के शक्तिसिंह हरिसिंह चावड़ा और गुंडासरा के केतनभाई उर्फ लालाभाई मेहता के खिलाफ गुजरात मनी लेंडर्स एक्ट की धारा 39, 40, 42(ए), 42(डी) के तहत मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.
गोंडल तालुका पुलिस की इस त्वरित और संवेदनशील कार्रवाई ने न केवल एक व्यक्ति की जान बचाई है, बल्कि समाज में सूदखोरी की बुराई को रोकने का एक कड़ा संदेश भी दिया है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है.
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