जयपुर: जल जीवन मिशन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व कांग्रेस सरकार में जलदाय मंत्री रहे महेश जोशी को 8 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास सहित कई अन्य नेता भी ईडी की रडार पर चल रहे हैं.
जल जीवन मिशन से जुड़े करीब 900 करोड़ रुपए के घोटाले में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद देर शाम ईडी ने जोशी को विशेष न्यायाधीश के आवास पर पेश किया. इस दौरान ईडी ने जोशी से पूछताछ के लिए 7 दिन का पुलिस डिमांड मांगा. जिसका विरोध करते हुए जोशी के वकील दीपक चौहान ने कहा कि महेश जोशी ईडी की ओर से जारी समन की पालना में पेश हुए हैं और जांच में भी पूर्ण सहयोग कर रहे हैं. इस दौरान जोशी के अधिवक्ता ने जोशी को पुलिस अभिरक्षा में दिए जाने पर उन्हें घर का बना भोजन और दवाइयां देने की छूट देने की बात कही. जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए जोशी को 4 दिन के रिमांड पर ईडी को सौंप दिया.
मुझे न्याय मिलेगा-जोशी: गिरफ्तारी के बाद पूर्व मंत्री महेश जोशी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुझे देश के कानून पर पूरा भरोसा है. मैंने जल जीवन मिशन मामले में कोई गड़बड़ी नहीं की है. किसी से कोई पैसा नहीं लिया है. जिन लोगों के खिलाफ मैंने कार्रवाई की और उन्हें ब्लैकलिस्टेड किया, उन्हीं लोगों के बयानों के आधार पर मुझे ईडी ने गिरफ्तार किया है. मुझे कानून पर पूरा भरोसा है. उम्मीद है कि मुझे न्याय मिलेगा.
गहलोत बोले- जोशी की गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध: इधर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महेश जोशी की गिरफ्तारी को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है. गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि पूर्व मंत्री महेश जोशी की गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण है. यह गिरफ्तारी ऐसे समय पर की गई है जब उनकी पत्नी करीब 15 दिन से जयपुर के एक अस्पताल में बेहोशी की हालत में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही हैं. उनकी इच्छा थी कि इस मुश्किल परिस्थिति से निकलने के बाद ईडी को बयान दें.
भाजपा का एक्सटॉर्शन डिपार्टमेंट बन चुके ED द्वारा पूर्व मंत्री श्री महेश जोशी की गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 24, 2025
यह गिरफ्तारी ऐसे समय पर की गई है जब उनकी पत्नी करीब 15 दिन से जयपुर के एक अस्पताल में बेहोशी की हालत में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही हैं। उनकी इच्छा…
फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर लिया था टेंडर: यह पूरा मामला केंद्र सरकार की 'हर घर तक नल से जल' पहुंचाने की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन से जुड़ा है. जिसमें इरकॉन कंपनी के फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर मैसर्स श्रीगणपति ट्यूबवैल कंपनी और मैसर्स श्रीश्याम ट्यूबवैल कंपनी ने टेंडर हासिल किए थे. ठेकेदार पदमचंद जैन और महेश मित्तल ने 2021 में जल जीवन मिशन के तहत टेंडर लिए थे. श्रीगणपति ट्यूबवैल कंपनी ने फर्जी प्रमाण पत्रों से करीब 859 करोड़ रुपए के टेंडर हासिल किए थे. जबकि श्रीश्याम ट्यूबवैल कंपनी ने 120.25 करोड़ रुपए के टेंडर हासिल किए थे.
इस मामले में सबसे पहले एसीबी ने जांच शुरू की थी. एसीबी के एक्शन के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने केस दर्ज कर पूर्व मंत्री महेश जोशी, उनके नजदीकी संजय बड़ाया व अन्य के ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया. इस मामले में सीबीआई ने भी केस दर्ज किया था.
जानिए कब क्या हुआ:
- एसीबी ने 7 अगस्त, 2023 को पीएचईडी इंजीनियर मायालाल सैनी, प्रदीप के साथ ठेकेदार पदमचंद जैन, सुपरवाइजर मलकेत सिंह, दलाल प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया था.
- एसीबी ने सितंबर 2023 में फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर टेंडर हासिल करने के आरोप में श्रीश्याम ट्यूबवैल कंपनी और श्रीगणपति ट्यूबवैल कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
- ईडी ने सितंबर 2023 में मुकदमा दर्ज कर छापेमारी की. केंद्र सरकार की अनुमति के बाद सीबीआई ने भी 3 मई, 2024 को केस दर्ज किया.
- एसीबी ने 30 अक्टूबर, 2024 को पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित 22 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था.