रायसेन: मध्य प्रदेश के रायसेन में एक प्राचीन मंदिर स्थित है, जिसके बारे में परंपरा है कि यहां से गुजरने वाला हर यात्री जलती बीड़ी या सिगरेट को यहां स्थित एक चबूतरे पर रखता है फिर अपने सफर में आगे बढ़ता है. कहा जाता है कि ऐसा नहीं करने से लोगों के साथ अनहोनी की आशंका बनी रहती है. उनके जानमाल का खतरा बना रहता है. लोगों का मानना है पहले यहां बहुत आपराधिक घटनाएं और दुर्घटनाएं हुआ करती थीं, लेकिन जबसे लोगों ने बाबा को बीड़ी, सिगरेट भेंट करना शुरू किया तबसे इसमें बेहद कमी आई है. सूदूर पहाड़ी पर घने जंगल के बीच में स्थित इस मंदिर के बारे में प्रचलित इस किवदंती को विस्तार से जानते हैं.
राहगीर भेंट करते हैं बीड़ी या सिगरेट
एमपी की राजधानी भोपाल से तकरीबन 89 किलोमीटर दूर रायसेन जिले के सुंदर घने जंगलों में एक पहाड़ी पर राज बाबा का मंदिर स्थित है. स्थानीय लोग इसको धरोई बाबा के नाम से भी जानते हैं. यहां पहुंचने के लिए आपको सागवान के घने जंगलों के बीच से होकर गुजरना पड़ता है. इस मंदिर के ठीक बगल से पहाड़ों के बीच से एक सड़क गुजरती है. मान्यता है कि यहां से गुजरने वाला हर व्यक्ति बाबा के चबूतरे पर जलती हुई बीड़ी या सिगरेट रखकर आगे बढ़ता है. ऐसा करने वालों का मानना है कि इससे बाबा जानमाल की रक्षा करते हैं और आगे का सफर आसान बना देते हैं.
पहले हुआ करती थी लूट, डकैती की घटनाएं
दरअसल, पहाड़ी पर बाबा के स्थान से बमोरी कस्बे तक घना जंगल और नागिन मोड़ के साथ कई घाटियां भी हैं. इस वजह से पहले यहां खूब सड़क दुर्घटनाएं हुआ करती थीं. घना जंगल और सूनसान रास्ता होने की वजह से चोरी, लूट, डकैती, हत्या जैसी आपराधिक घटनाएं भी हुआ करती थीं. इस वजह से शाम के बाद लोग इस रास्ते से गुजरने में परहेज किया करते थे.
कहा जाता है कि जैसे ही लोगों ने बाबा के स्थान पर बीड़ी या सिगरेट जलाकर रखना शुरू किया तब से सड़क दुर्घटनाओं के साथ लोगों के मन में चोरी, डकैती जैसी घटनाएं का भय भी कम हो गया. यहां से गुजरने वाले यात्रियों का मानना है कि राज बाबा उनकी रक्षा करते हैं.
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50 वर्षों से चली आ रही है परंपरा
स्थानीय लोगों के अनुसार यह परंपरा 50 वर्षों से अधिक समय से चली आ रही है. राहगीर यहां पर रुकते हैं, जलपान ग्रहण करते हैं और बाबा के स्थान पर बीड़ी या सिगरेट, पान गुटखा चढ़ाकर अपनी सलामती की दुआ मांगते हैं. इसके बाद अपने सफर पर आगे बढ़ते हैं. पंडित अंकित शास्त्री कहते हैं कि "पहले यहां चोरी और लूटमार की बहुत घटना होती थी. जबसे लोग यहां रुककर बाबा को बीड़ी, सिगरेट, गुटखे का भेंट चढ़ाने लगे हैं, तब से घटनाओं में कमी आई है. लोग यहां रुकते हैं और राज बाबा से मन्नत मांगते हैं फिर आगे बढ़ते हैं."