नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सह लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपनी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर नया स्वरूप देने में व्यस्त हैं. राहुल गांधी ने इसके लिए गुजरात और मध्य प्रदेश को आदर्श राज्य के रूप में चुना है. दोनों राज्यों में वर्षों से भाजपा का शासन रहा है. दोनों राज्यों में संगठनात्मक सुधार के लिए एक खाका तैयार किया जा रहा है, जिसे AICC सत्र के दौरान पेश किया जा सकता है.
इस योजना में चुने हुए प्रतिनिधियों की तुलना में जिला इकाई प्रमुखों को अधिक महत्व देने का सुझाव दिया जा सकता है. विधानसभावार पर्यवेक्षकों को तैनात किया जाएगा जो ब्लॉक और पंचायत स्तर के प्रमुखों के नाम बताएंगे. साथ ही पार्टी में युवाओं को शामिल करने के लिए सिस्टम बनाया जाएगा.
गुजरात, कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है. 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में एआईसीसी का अधिवेशन होने जा रहा है. राजनीति के जानकारों का मानना है कि इसी अधिवेशन से 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी भी शुरू कर दी गयी है.
गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धार्थ पटेल ने ईटीवी भारत को बताया, "गुजरात को 2025 के दौरान होने वाले पार्टी के राष्ट्रीय संगठनात्मक सुधार के कार्यान्वयन के लिए एक मॉडल राज्य के रूप में चुना गया है. सुधार में मौजूदा प्रणाली में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं, लेकिन विवरण पर अभी भी काम किया जा रहा है. हमें सुझाव मिले हैं कि पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए, सिस्टम की कमियों को कैसे दूर किया जाए और युवाओं को पार्टी की ओर कैसे आकर्षित किया जाए. हम जल्द ही इस पर कोई राय बनाएंगे."
मध्य प्रदेश में अगला विधानसभा चुनाव 2028 में होगा. लेकिन नवनियुक्त प्रभारी हरीश चौधरी और प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. जिला इकाइयों की समीक्षा के लिए चौधरी के साथ राज्य भर में यात्रा कर रहे पटवारी पिछले महीनों से राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. पटवारी ने कहा कि वापसी के लिए हमें अगले चुनावों तक संघर्षशील रहना होगा.
जीतू पटवारी ने ईटीवी भारत से कहा, "हमें खुशी है कि मध्य प्रदेश को संगठनात्मक सुधार के लिए एक मॉडल राज्य के रूप में चुना गया है. हमने जिला इकाई प्रमुखों के नामों का काम पूरा कर लिया है और ब्लॉक स्तर के प्रमुखों और पंचायत स्तर के प्रमुखों की सूची तैयार कर ली है. हमारे पास शहरों में स्थानीय स्तर की इकाइयां भी होंगी. इसके लिए प्रत्येक विधानसभा में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जा रही है. इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. हम दो से तीन महीने में संगठनात्मक काम पूरा कर लेंगे."
बता दें कि गुजरात और एमपी दोनों ही राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा है. कांग्रेस गुजरात में 2022 के विधानसभा चुनाव में 182 सीटों में से केवल 17 और 2024 में 26 लोकसभा सीटों में से केवल एक सीट जीत सकी है.मध्य प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 230 में से 66 सीटें मिली थी. 2024 के लोकसभा चुनाव में उसे 29 में से सिर्फ एक सीट मिली. दोनों नतीजों के लिए कमजोर संगठन को एक बड़ी वजह माना गया.
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