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यूएन पहुंचा वक्फ कानून का विरोध, बहादुर शाह जफर के पड़पोते प्रिंस तुसी इंटरनेशनल कोर्ट में लडे़ंगे लड़ाई - WAQF AMENDMENT LAW

संयुक्त राष्ट्र में याचिका दायर करके महाराष्ट्र में स्थित औरंगजेब आलमगीर(आरएच) की कब्र के लिए सुरक्षा की मांग भी की.

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मुगल वंशज व बहादुर शाह जफर के परपोते प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी. (Photo Credit; Prince Yakub Habibuddin Tussi)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 16, 2025 at 10:30 AM IST

Updated : April 16, 2025 at 11:04 AM IST

4 Min Read

आगरा: वक्फ संशोधन कानून को लेकर पश्चिम बंगाल में हंगामा और बवाल हो रहा है तो यूपी में समाजवादी पार्टी भी इसके विरोध में है. वक्फ संशोधन कानून को लेकर मुगल वंशज व बहादुर शाह जफर के पड़पोते प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने संयुक्त राष्ट्र(यूएन) में आधिकारिक तौर पर एक याचिका दायर की है.

इसमें भारत में वक्फ संशोधन और तीन तलाक मामले से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव से मिलने का समय मांगा है. इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र में याचिका दायर करके महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब आलमगीर (आरएच) की कब्र के लिए सुरक्षा की मांग की है. साथ ही वक्फ संशोधन और तीन तलाक के मामले इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में ले जाने की बात कही है.

मुगल वंशज व बहादुर शाह जफर के परपोते प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने जारी किया वीडियो. (Video Credit; Prince Yakub Habibuddin Tussi)

बता दें कि तीन अप्रैल को वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पारित हुआ था. करीब 12 घंटे तक इसको लेकर बहस हुई. जिसमें विपक्ष ने वक्फ संशोधन बिल को मुस्लिम विरोधी बताया था. जबकि, केंद्र सरकार का कहना था कि वक्फ संपत्तियों के रेगुलेशन और मैनेजमेंट में मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए सशक्त बनाने के लिए व्यापक बदलाव करके प्रस्ताव बनाया गया है.

अब वक्फ संशोधन कानून बनने के बाद कांग्रेस, सपा समेत कई राजनीतिक पार्टियां और धार्मिक संगठन इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. नए वक्फ कानून के विरोध में कांग्रेस, आरजेडी, एसपी, टीएमसी, डीएमके, AIMIM जैसे राजनीतिक दलों के नेताओं के अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी समेत कई संगठनों और लोगों ने याचिकाएं दाखिल की हैं. इसको लेकर पश्चिम बंगाल में बवाल हो रहा है.

मुगल वंशज व बहादुर शाह जफर के परपोते प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी का पत्र.
मुगल वंशज व बहादुर शाह जफर के परपोते प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी का पत्र. (Photo Credit; Prince Yakub Habibuddin Tussi)

हैदराबाद निवासी मुगल वंशज प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने बताया कि नए वक्फ कानून और ट्रिपल तलाक को लेकर संयुक्त राष्ट्र में याचिका दायर की है. जिसमें महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब आलमगीर (आरएच) की कब्र के लिए तत्काल सुरक्षा की मांग की गई है.

भारतीय कानून और यूनेस्को कन्वेंशन के तहत मान्यता प्राप्त यह पवित्र स्मारक खतरे में है. इसे हटाने और ऐतिहासिक विरूपण की बढ़ती मांगों का सामना करना पड़ रहा है. ये कार्य हमारी सांस्कृतिक विरासत की पवित्रता, हमारे संविधान द्वारा प्रदत्त गरिमा और अंतर्राष्ट्रीय विरासत की रक्षा के लिए वैश्विक प्रतिबद्धता को कमजोर करते हैं.

मुगल वंशज प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने बताया कि कुछ बड़बोले हैं, जो हिंदू और मुसलमान के बीच माहौल खराब कर रहे हैं. कंट्रोवर्सी पैदा करने का काम कर रहे हैं. अनावश्यक धमकियां दे रहे हैं. जो बीजेपी के बड़बोले हैं, उन्हें शेखचिल्ली कह सकते हैं.

इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव को पत्र लिखा है. इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र के महासचिव से मुलाकात का समय मांगा है. उम्मीद है कि जल्द ही हमारी मुलाकात संयुक्त राष्ट्र के महासचिव से होगी. संयुक्त राष्ट्र संघ में 197 सदस्य हैं. जिनमें से कई सदस्यों से बात हो चुकी है.

अब यूएन में दो मुद्दे उठेंगे. पहला मुद्दा नए वक्फ कानून पर अपना पक्ष रखेंगे. पहले यूएन में याचिका दायर करेंगे. इसके बाद इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में जाएंगे. भाजपा, पीएम मोदी और अमित शाह दस साल से सरकार में हैं. वे सब कुछ बदलने पर आमाद है.

ये स्वीकार नहीं है. हम इसके लिए आवाज उठा रहे हैं. क्योंकि, विरासत की रक्षा की जानी चाहिए. उसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. इतिहास को संरक्षित किया जाना चाहिए. उसे विकृत नहीं किया जाना चाहिए. हम इन चुनौतियों का डटकर सामना करेंगे.

ये भी पढ़ेंः यूपी में देश का पहला अंतरदेशीय जलमार्ग; गाजीपुर, बलिया और वाराणसी में गंगा नदी पर बनेगा लिफ्टिंग ब्रिज

आगरा: वक्फ संशोधन कानून को लेकर पश्चिम बंगाल में हंगामा और बवाल हो रहा है तो यूपी में समाजवादी पार्टी भी इसके विरोध में है. वक्फ संशोधन कानून को लेकर मुगल वंशज व बहादुर शाह जफर के पड़पोते प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने संयुक्त राष्ट्र(यूएन) में आधिकारिक तौर पर एक याचिका दायर की है.

इसमें भारत में वक्फ संशोधन और तीन तलाक मामले से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव से मिलने का समय मांगा है. इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र में याचिका दायर करके महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब आलमगीर (आरएच) की कब्र के लिए सुरक्षा की मांग की है. साथ ही वक्फ संशोधन और तीन तलाक के मामले इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में ले जाने की बात कही है.

मुगल वंशज व बहादुर शाह जफर के परपोते प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने जारी किया वीडियो. (Video Credit; Prince Yakub Habibuddin Tussi)

बता दें कि तीन अप्रैल को वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पारित हुआ था. करीब 12 घंटे तक इसको लेकर बहस हुई. जिसमें विपक्ष ने वक्फ संशोधन बिल को मुस्लिम विरोधी बताया था. जबकि, केंद्र सरकार का कहना था कि वक्फ संपत्तियों के रेगुलेशन और मैनेजमेंट में मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए सशक्त बनाने के लिए व्यापक बदलाव करके प्रस्ताव बनाया गया है.

अब वक्फ संशोधन कानून बनने के बाद कांग्रेस, सपा समेत कई राजनीतिक पार्टियां और धार्मिक संगठन इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. नए वक्फ कानून के विरोध में कांग्रेस, आरजेडी, एसपी, टीएमसी, डीएमके, AIMIM जैसे राजनीतिक दलों के नेताओं के अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी समेत कई संगठनों और लोगों ने याचिकाएं दाखिल की हैं. इसको लेकर पश्चिम बंगाल में बवाल हो रहा है.

मुगल वंशज व बहादुर शाह जफर के परपोते प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी का पत्र.
मुगल वंशज व बहादुर शाह जफर के परपोते प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी का पत्र. (Photo Credit; Prince Yakub Habibuddin Tussi)

हैदराबाद निवासी मुगल वंशज प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने बताया कि नए वक्फ कानून और ट्रिपल तलाक को लेकर संयुक्त राष्ट्र में याचिका दायर की है. जिसमें महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब आलमगीर (आरएच) की कब्र के लिए तत्काल सुरक्षा की मांग की गई है.

भारतीय कानून और यूनेस्को कन्वेंशन के तहत मान्यता प्राप्त यह पवित्र स्मारक खतरे में है. इसे हटाने और ऐतिहासिक विरूपण की बढ़ती मांगों का सामना करना पड़ रहा है. ये कार्य हमारी सांस्कृतिक विरासत की पवित्रता, हमारे संविधान द्वारा प्रदत्त गरिमा और अंतर्राष्ट्रीय विरासत की रक्षा के लिए वैश्विक प्रतिबद्धता को कमजोर करते हैं.

मुगल वंशज प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने बताया कि कुछ बड़बोले हैं, जो हिंदू और मुसलमान के बीच माहौल खराब कर रहे हैं. कंट्रोवर्सी पैदा करने का काम कर रहे हैं. अनावश्यक धमकियां दे रहे हैं. जो बीजेपी के बड़बोले हैं, उन्हें शेखचिल्ली कह सकते हैं.

इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव को पत्र लिखा है. इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र के महासचिव से मुलाकात का समय मांगा है. उम्मीद है कि जल्द ही हमारी मुलाकात संयुक्त राष्ट्र के महासचिव से होगी. संयुक्त राष्ट्र संघ में 197 सदस्य हैं. जिनमें से कई सदस्यों से बात हो चुकी है.

अब यूएन में दो मुद्दे उठेंगे. पहला मुद्दा नए वक्फ कानून पर अपना पक्ष रखेंगे. पहले यूएन में याचिका दायर करेंगे. इसके बाद इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में जाएंगे. भाजपा, पीएम मोदी और अमित शाह दस साल से सरकार में हैं. वे सब कुछ बदलने पर आमाद है.

ये स्वीकार नहीं है. हम इसके लिए आवाज उठा रहे हैं. क्योंकि, विरासत की रक्षा की जानी चाहिए. उसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. इतिहास को संरक्षित किया जाना चाहिए. उसे विकृत नहीं किया जाना चाहिए. हम इन चुनौतियों का डटकर सामना करेंगे.

ये भी पढ़ेंः यूपी में देश का पहला अंतरदेशीय जलमार्ग; गाजीपुर, बलिया और वाराणसी में गंगा नदी पर बनेगा लिफ्टिंग ब्रिज

Last Updated : April 16, 2025 at 11:04 AM IST
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