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मुर्शिदाबाद हिंसा का PFI और SIMI से कनेक्शन? राष्ट्रपति शासन की उठी मांग, शुभेंदु अधिकारी का बड़ा दावा - MURSHIDABAD VIOLENCE

शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि, हिंसा के बाद से सैकड़ों हिंदू परिवार अपने-अपने घरों को छोड़कर चले गए हैं. उन्होंने राष्ट्रपति शासन की मांग की है...

मुर्शिदाबाद में हिंसक विरोध प्रदर्शन की तस्वीर
मुर्शिदाबाद में हिंसक विरोध प्रदर्शन की तस्वीर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 14, 2025 at 3:47 PM IST

Updated : April 14, 2025 at 3:53 PM IST

5 Min Read

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राष्ट्रपति शासन की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद मतदान के अधिकार पर चिंताओं का हवाला देते हुए मांग की कि उन क्षेत्रों में राष्ट्रपति शासन के तहत चुनाव कराए जाएं जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं.

वहीं दूसरी तरफ पुलिस का दावा है कि, मुर्शिदाबाद में स्थिति नियंत्रण में है. बता दें कि, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के खिलाफ हुई हिंसा में पिता-पुत्र सहित तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी.

सैकड़ों हिंदुओं ने छोड़ा अपना घर, शुभेंदु अधिकारी ने कहा
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि, हिंसक झड़प के बाद से सैकड़ों हिंदू सुती, समसेरगंज, जंगीपुर, धुलियान, फरक्का और अन्य इलाकों से विस्थापित होकर पड़ोसी जिलों में शरण लिए हुए हैं. उन्होंने कहा कि, जो लोग हिंसा के बाद अपने-अपने घरों को छोड़कर बाहर नहीं जा पाए हैं, उन्हें अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि, हिंसा के दौरान कई घरों को लूटा गया और तोड़फोड़ की गई. उन्होंने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि, पीने के पानी के स्रोत जैसे तालाब और कुएं में जहर डाल दिया गया है.

पीएफआई और सिमी का क्या है कनेक्शन?
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि, 11 अप्रैल को बिना किसी उकसावे के गोलीबारी हुई और पुलिस जान के डर से छिप गई. उन्होंने बताया कि, पश्चिम बंगाल में पचास से ज्यादा विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां हिंदुओं की आबादी कम है. उन्होंने कहा कि, ऐसी स्थिति में वहां वोट के समस समस्या उत्पन्न हो सकती है. शुभेंदु अधिकारी ने चुनाव आयोग से कहा कि, वैसे इलाकों में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए और चुनाव करवाने के लिए सेना को उतार दिया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, चुनाव के तीन महीने तक सुरक्षा देने की जिम्मेदारी आयोग को लेनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि, राज्य में कानून व्यवस्था कि स्थिति चरमरा गई है इसलिए यहां राष्ट्रपति शासन में चुनाव कराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि, पीएफआई और सिमी के आतंकवादी यहां हिंसा फैलाने का काम किया है. बीजेपी नेता ने कहा कि, हिंसा के दौरान हिंदुओं को उनके घरों से बाहर निकाल दिया गया है.

केंद्रीय बल इलाके में रूट मार्च कर रहे हैं...
हाई कोर्ट के आदेश के बाद रविवार दोपहर तक केंद्रीय बलों की कुल 17 कंपनियां तैनात की गईं. रात में रांची से सीआरपीएफ की दो और कंपनियां बुलाई गईं. आम लोगों का विश्वास बहाल करने के लिए केंद्रीय बल इलाके में रूट मार्च कर रहे हैं. प्रभावित इलाकों में बड़ी संख्या में बलों को तैनात किया गया है. केंद्रीय बल प्रभावित परिवारों से बात कर उनके डर को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. इस बीच सीआरपीएफ के आईजी वीरेंद्र कुमार शर्मा ने सागरदिघी का दौरा किया. उन्होंने स्थानीय लोगों से किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की.​​

उन्होंने बल को संवेदनशील इलाकों में जल्द से जल्द पहुंचने का निर्देश भी दिया. उन्होंने कहा कि, हमारा मुख्य उद्देश्य लोगों का विश्वास और भरोसा बहाल करना है. खबर के मुताबिक, बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार शरणार्थी शिविर में बेघर लोगों से मिलने आ रहे हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार समसेरगंज की घटना में अब तक 250 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों, मुख्य रूप से सुती, समसेरगंज, धुलियान और जंगीपुर में सोमवार को स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है. हिंसा प्रभावित इलाकों में बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू है, जहां दुकानें बंद और सड़कें सुनसान रहीं.

वक्फ कानून के खिलाफ बंगाल में हिंसा
बता दें कि, शुक्रवार दोपहर से जंगीपुर, समसेरगंज, धुलियान और सुती इलाकों में भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. हालांकि, उसके बाद से जिले में कहीं से भी किसी ताजा घटना की खबर नहीं है. पुलिस ने बताया कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर हुई हिंसा के सिलसिले में शनिवार दोपहर तक कुल 180 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. झड़पों में कम से कम 18 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.

खबरों के मुताबिक, रविवार को हजारों लोग दहशत में सुती, समसेरगंज, जंगीपुर, धुलियान, फरक्का से पलायन कर गए हैं. वे सभी लोग झारखंड के मकदहा या अन्य घरों में शरणार्थी शिविरों में शरण ली है. शुवेंदु अधिकारी ने वक्फ कानून के हिंसक मुद्दे पर सत्तारूढ़ पार्टी पर जमकर निशाना साधा. बंगाल के विपक्षी नेता ने कहा, "मुर्शिदाबाद में साजिश कट्टरपंथियों की है.

उन्होंने आरोप लगाया कि, तृणमूल कांग्रेस अंसारुल बांग्ला जितनी ही खतरनाक है. हिंसा के दौरान 100 करोड़ की संपत्ति नष्ट कर दी गई है. उन्होंने कहा, चुनाव के दौरान और चुनाव के बाद के तीन महीनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होगी.

ये भी पढ़ें: मुर्शिदाबाद हिंसा में 3 लोगों की मौत...138 गिरफ्तार , केंद्रीय बल तैनात किए जाएंगे...हाई कोर्ट का आदेश

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राष्ट्रपति शासन की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद मतदान के अधिकार पर चिंताओं का हवाला देते हुए मांग की कि उन क्षेत्रों में राष्ट्रपति शासन के तहत चुनाव कराए जाएं जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं.

वहीं दूसरी तरफ पुलिस का दावा है कि, मुर्शिदाबाद में स्थिति नियंत्रण में है. बता दें कि, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के खिलाफ हुई हिंसा में पिता-पुत्र सहित तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी.

सैकड़ों हिंदुओं ने छोड़ा अपना घर, शुभेंदु अधिकारी ने कहा
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि, हिंसक झड़प के बाद से सैकड़ों हिंदू सुती, समसेरगंज, जंगीपुर, धुलियान, फरक्का और अन्य इलाकों से विस्थापित होकर पड़ोसी जिलों में शरण लिए हुए हैं. उन्होंने कहा कि, जो लोग हिंसा के बाद अपने-अपने घरों को छोड़कर बाहर नहीं जा पाए हैं, उन्हें अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि, हिंसा के दौरान कई घरों को लूटा गया और तोड़फोड़ की गई. उन्होंने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि, पीने के पानी के स्रोत जैसे तालाब और कुएं में जहर डाल दिया गया है.

पीएफआई और सिमी का क्या है कनेक्शन?
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि, 11 अप्रैल को बिना किसी उकसावे के गोलीबारी हुई और पुलिस जान के डर से छिप गई. उन्होंने बताया कि, पश्चिम बंगाल में पचास से ज्यादा विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां हिंदुओं की आबादी कम है. उन्होंने कहा कि, ऐसी स्थिति में वहां वोट के समस समस्या उत्पन्न हो सकती है. शुभेंदु अधिकारी ने चुनाव आयोग से कहा कि, वैसे इलाकों में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए और चुनाव करवाने के लिए सेना को उतार दिया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, चुनाव के तीन महीने तक सुरक्षा देने की जिम्मेदारी आयोग को लेनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि, राज्य में कानून व्यवस्था कि स्थिति चरमरा गई है इसलिए यहां राष्ट्रपति शासन में चुनाव कराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि, पीएफआई और सिमी के आतंकवादी यहां हिंसा फैलाने का काम किया है. बीजेपी नेता ने कहा कि, हिंसा के दौरान हिंदुओं को उनके घरों से बाहर निकाल दिया गया है.

केंद्रीय बल इलाके में रूट मार्च कर रहे हैं...
हाई कोर्ट के आदेश के बाद रविवार दोपहर तक केंद्रीय बलों की कुल 17 कंपनियां तैनात की गईं. रात में रांची से सीआरपीएफ की दो और कंपनियां बुलाई गईं. आम लोगों का विश्वास बहाल करने के लिए केंद्रीय बल इलाके में रूट मार्च कर रहे हैं. प्रभावित इलाकों में बड़ी संख्या में बलों को तैनात किया गया है. केंद्रीय बल प्रभावित परिवारों से बात कर उनके डर को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. इस बीच सीआरपीएफ के आईजी वीरेंद्र कुमार शर्मा ने सागरदिघी का दौरा किया. उन्होंने स्थानीय लोगों से किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की.​​

उन्होंने बल को संवेदनशील इलाकों में जल्द से जल्द पहुंचने का निर्देश भी दिया. उन्होंने कहा कि, हमारा मुख्य उद्देश्य लोगों का विश्वास और भरोसा बहाल करना है. खबर के मुताबिक, बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार शरणार्थी शिविर में बेघर लोगों से मिलने आ रहे हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार समसेरगंज की घटना में अब तक 250 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों, मुख्य रूप से सुती, समसेरगंज, धुलियान और जंगीपुर में सोमवार को स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है. हिंसा प्रभावित इलाकों में बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू है, जहां दुकानें बंद और सड़कें सुनसान रहीं.

वक्फ कानून के खिलाफ बंगाल में हिंसा
बता दें कि, शुक्रवार दोपहर से जंगीपुर, समसेरगंज, धुलियान और सुती इलाकों में भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. हालांकि, उसके बाद से जिले में कहीं से भी किसी ताजा घटना की खबर नहीं है. पुलिस ने बताया कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर हुई हिंसा के सिलसिले में शनिवार दोपहर तक कुल 180 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. झड़पों में कम से कम 18 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.

खबरों के मुताबिक, रविवार को हजारों लोग दहशत में सुती, समसेरगंज, जंगीपुर, धुलियान, फरक्का से पलायन कर गए हैं. वे सभी लोग झारखंड के मकदहा या अन्य घरों में शरणार्थी शिविरों में शरण ली है. शुवेंदु अधिकारी ने वक्फ कानून के हिंसक मुद्दे पर सत्तारूढ़ पार्टी पर जमकर निशाना साधा. बंगाल के विपक्षी नेता ने कहा, "मुर्शिदाबाद में साजिश कट्टरपंथियों की है.

उन्होंने आरोप लगाया कि, तृणमूल कांग्रेस अंसारुल बांग्ला जितनी ही खतरनाक है. हिंसा के दौरान 100 करोड़ की संपत्ति नष्ट कर दी गई है. उन्होंने कहा, चुनाव के दौरान और चुनाव के बाद के तीन महीनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होगी.

ये भी पढ़ें: मुर्शिदाबाद हिंसा में 3 लोगों की मौत...138 गिरफ्तार , केंद्रीय बल तैनात किए जाएंगे...हाई कोर्ट का आदेश

Last Updated : April 14, 2025 at 3:53 PM IST
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