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2047 तक विकसित भारत बनने का लक्ष्य हम जरूर प्राप्त करेंगे - आनंदपुर धाम में बोले पीएम मोदी - PM MODI ANANDPUR DHAM

अशोकनगर के आनंदपुर धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब-जब भारत के सामने कोई कठिन दौर आया, तब-तब ऋषि मुनि धरती पर अवतरित हुए और उन्होंने भारत को नई दिशा दी.

NARENDRA MODI VISIT ANANDPUR DHAM
आनंदपुर धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 11, 2025 at 6:17 PM IST

Updated : April 11, 2025 at 6:35 PM IST

4 Min Read

अशोकनगर: अशोकनगर के ईसागढ़ के श्री आनंदपुर धाम में प्रधानमंत्री मोदी ने परमहंस अद्वैत मत के मंदिरों के दर्शन किए और सत्संग कार्यक्रम में शामिल हुए. यहां उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज के भौतिक दौर में मानवता के बीच युद्ध संघर्ष और मानवीय मूल्यों से जुड़ी कई बड़ी चिंताएं हमारे बीच हैं. इन चिंताओं और चुनौतियों के मूल में अपने और पराए की मानसिकता है. यह मानसिकता ही मानव को मानव से दूर करती है.

पीएम बोले आनंदपुर धाम आकर मन प्रसन्न है

सत्संग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी का अभिनंदन करते हुए कहा "आनंदपुर धाम आकर मन प्रसन्न है. जिन भूमि का कण-कण संतों की तपस्या से सींचा गया हो, जहां परमार्थ एक परंपरा बन गया हो, वह धरती साधारण नहीं है. जब-जब हमारा समाज मुश्किल दौर से गुजरा, किसी न किसी ऋषि-मनीषी अवतरित होकर समाज को दिशा दी हैं. आनंदपुर धाम पर्यावरण के जरिए पूरी मानवता की सेवा कर रहा है. "

आनंदपुर धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (ETV Bharat)

"आश्रम के अनुयायियों के हजारों एकड़ जमीन को हरा-भरा बनाया है. सेवा की यही भावना हमारी सरकार के हर प्रयास के केन्द्र में है. हर जरूरतमंद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के कारण खाने की चिंता से मुक्त है. सेवा हमें व्यक्ति के दायरे से निकालकर समाज और राष्ट्र से जोड़ती है."

प्रधानमंत्री ने कहा "आज विश्व भी सोच रहा है कि इन चिताओं का समाधान कहां मिलेगा. इनका समाधान अद्वैत के विचार में मिलेगा. अद्वैत यानी जहां कोई द्वैत नहीं है. अद्वैत यानी जीवन मात्र में एक ही ईश्वर को देखने का विचार है. इससे भी आगे संपूर्ण दुनिया को ईश्वर की दृष्टि से देखने की सोच ही अद्वैत है. इसी अद्धैत सिद्धांत में कहा गया है कि जो तू है सो मैं हूं. यह विचार ही मेरे और तुम्हारे का विचार खत्म कर देता है. यह विचार सब मान लें तो सारे झगड़े ही खत्म हो जाएं."

पीएम ने प्रथम पदशाही श्री श्री 108 श्री स्वामी अद्वय जी महाराज और अन्य संतों को प्रणाम किया. उन्होंने कहा कि 1936 में इसी दिन श्री द्वितीय पाद शाहजी को महासमाधि दी गई थी. उन्होंने दोनों सतगुरुओं को श्रद्धांजलि दी. मां जागेश्वरी देवी, मां बिजासन, मां जानकी और करीला माता धाम को भी प्रणाम किया.

अशोक नगर में विकास के असीम संभावनाएं

पीएम मोदी ने कहा "अशोक नगर और ईसागढ़ को कला- सस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का वरदान प्राप्त है. यहां विकास और विरासत की असीम संभावनाएं हैं. इसलिए एमपी और अशोकनगर में विकास को तेजी से बढ़ा रहे हैं. चंदेरी साड़ी को जीआई टैग दिया गया है. कागपुर में हैंडलूम टूरिज्म विलेज शुरू हुआ है. प्रदेश सरकार उज्जैन सिंहस्थ की तैयारी में जुड़ गई है. देश में राम वन पथ गमन का निर्माण चल रहा है. मध्यप्रदेश से भी इसका बड़ा हिस्सा गुजरेगा."

देश ने 2047 तक विकसित भारत बनने का लक्ष्य तय किया है, इस लक्ष्य को हम जरूर प्राप्त करेंगे

उन्होंने आगे कहा "देश ने 2047 तक विकसित भारत बनने का लक्ष्य तय किया है. इस लक्ष्य को हम जरूर प्राप्त करेंगे. लेकिन हमें अपनी विकास यात्रा में सांस्कृतिक विरासत का ध्यान रखना है. कई देशों ने अपनी विकास यात्रा में अपनी संस्कृति को भुला दिया है. भारत जैसे देश में हमारी संस्कृति हमारी पहचान से नहीं जुड़ी, बल्कि हमारी संस्कृति ही हमारे सामर्थ्य को मजबूती देती है. आनंदपुर धाम इस दिशा में अनेक काम करता आ रहा है."

अशोकनगर: अशोकनगर के ईसागढ़ के श्री आनंदपुर धाम में प्रधानमंत्री मोदी ने परमहंस अद्वैत मत के मंदिरों के दर्शन किए और सत्संग कार्यक्रम में शामिल हुए. यहां उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज के भौतिक दौर में मानवता के बीच युद्ध संघर्ष और मानवीय मूल्यों से जुड़ी कई बड़ी चिंताएं हमारे बीच हैं. इन चिंताओं और चुनौतियों के मूल में अपने और पराए की मानसिकता है. यह मानसिकता ही मानव को मानव से दूर करती है.

पीएम बोले आनंदपुर धाम आकर मन प्रसन्न है

सत्संग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी का अभिनंदन करते हुए कहा "आनंदपुर धाम आकर मन प्रसन्न है. जिन भूमि का कण-कण संतों की तपस्या से सींचा गया हो, जहां परमार्थ एक परंपरा बन गया हो, वह धरती साधारण नहीं है. जब-जब हमारा समाज मुश्किल दौर से गुजरा, किसी न किसी ऋषि-मनीषी अवतरित होकर समाज को दिशा दी हैं. आनंदपुर धाम पर्यावरण के जरिए पूरी मानवता की सेवा कर रहा है. "

आनंदपुर धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (ETV Bharat)

"आश्रम के अनुयायियों के हजारों एकड़ जमीन को हरा-भरा बनाया है. सेवा की यही भावना हमारी सरकार के हर प्रयास के केन्द्र में है. हर जरूरतमंद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के कारण खाने की चिंता से मुक्त है. सेवा हमें व्यक्ति के दायरे से निकालकर समाज और राष्ट्र से जोड़ती है."

प्रधानमंत्री ने कहा "आज विश्व भी सोच रहा है कि इन चिताओं का समाधान कहां मिलेगा. इनका समाधान अद्वैत के विचार में मिलेगा. अद्वैत यानी जहां कोई द्वैत नहीं है. अद्वैत यानी जीवन मात्र में एक ही ईश्वर को देखने का विचार है. इससे भी आगे संपूर्ण दुनिया को ईश्वर की दृष्टि से देखने की सोच ही अद्वैत है. इसी अद्धैत सिद्धांत में कहा गया है कि जो तू है सो मैं हूं. यह विचार ही मेरे और तुम्हारे का विचार खत्म कर देता है. यह विचार सब मान लें तो सारे झगड़े ही खत्म हो जाएं."

पीएम ने प्रथम पदशाही श्री श्री 108 श्री स्वामी अद्वय जी महाराज और अन्य संतों को प्रणाम किया. उन्होंने कहा कि 1936 में इसी दिन श्री द्वितीय पाद शाहजी को महासमाधि दी गई थी. उन्होंने दोनों सतगुरुओं को श्रद्धांजलि दी. मां जागेश्वरी देवी, मां बिजासन, मां जानकी और करीला माता धाम को भी प्रणाम किया.

अशोक नगर में विकास के असीम संभावनाएं

पीएम मोदी ने कहा "अशोक नगर और ईसागढ़ को कला- सस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का वरदान प्राप्त है. यहां विकास और विरासत की असीम संभावनाएं हैं. इसलिए एमपी और अशोकनगर में विकास को तेजी से बढ़ा रहे हैं. चंदेरी साड़ी को जीआई टैग दिया गया है. कागपुर में हैंडलूम टूरिज्म विलेज शुरू हुआ है. प्रदेश सरकार उज्जैन सिंहस्थ की तैयारी में जुड़ गई है. देश में राम वन पथ गमन का निर्माण चल रहा है. मध्यप्रदेश से भी इसका बड़ा हिस्सा गुजरेगा."

देश ने 2047 तक विकसित भारत बनने का लक्ष्य तय किया है, इस लक्ष्य को हम जरूर प्राप्त करेंगे

उन्होंने आगे कहा "देश ने 2047 तक विकसित भारत बनने का लक्ष्य तय किया है. इस लक्ष्य को हम जरूर प्राप्त करेंगे. लेकिन हमें अपनी विकास यात्रा में सांस्कृतिक विरासत का ध्यान रखना है. कई देशों ने अपनी विकास यात्रा में अपनी संस्कृति को भुला दिया है. भारत जैसे देश में हमारी संस्कृति हमारी पहचान से नहीं जुड़ी, बल्कि हमारी संस्कृति ही हमारे सामर्थ्य को मजबूती देती है. आनंदपुर धाम इस दिशा में अनेक काम करता आ रहा है."

Last Updated : April 11, 2025 at 6:35 PM IST
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