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बोहरा समुदाय ने वक्फ संशोधन एक्ट को आकार देने में मदद की, पीएम मोदी ने बताया, सैयदना सैफुद्दीन से ली सलाह - PM MODI

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को हाल ही में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार के लिए पारित किया गया था.

PM Modi
पीएम मोदी (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 18, 2025 at 1:10 PM IST

5 Min Read

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम को आकार देने में दाऊदी बोहरा समुदाय के महत्वपूर्ण योगदान की प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि उनकी (दाऊदी बोहरा) भागीदारी छोटी से छोटी तकनीकी बारीकियों तक फैली हुई थी. पीएम मोदी ने मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए दाऊदी बोहरा आध्यात्मिक नेता सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन की भी सराहना की.

पीएम मोदी ने प्रतिनिधिमंडल से कहा, "शायद आप में से बहुत कम लोग जानते होंगे कि जब मुझे पहली बार वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर काम करने का विचार आया, तो सबसे पहले मैंने सैयदना साहब से सलाह ली."

उन्होंने कहा कि सैयदना साहब ने अपना पूरा समर्थन दिया और यहां तक ​​कि बोहरा समुदाय के लोगों को कानूनी समीक्षा और कानून का मसौदा तैयार करने में मदद करने के लिए भेजा. पीएम ने बताया, "मैं उन्हें तीन साल तक परेशान करता रहा, उनसे अपने तरीके से इसे देखने, मुझे कानूनी सलाह देने, मुझे एक मसौदा तैयार करने के लिए कहता रहा. आप कल्पना नहीं कर सकते कि परामर्श के दौरान उन्होंने मुझे कितना समर्थन दिया."

'छोटी से छोटी तकनीकी जानकारी'
प्रधानमंत्री ने कहा कि समुदाय की भागीदारी छोटी से छोटी तकनीकी जानकारी में भी गई. "उन्होंने आपके समुदाय से जानकार लोगों को बुलाया, यहां तक ​​कि कोमा और फुलस्टॉप तक - मुझे हर कदम पर मदद मिली." पीएम मोदी ने दाऊदी बोहरा नेतृत्व के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे संबंधों पर भी बात की और कहा कि वक्फ मुद्दों पर चर्चा कई सालों से चल रही है.

PM Modi
बोहरा समुदाय के प्रतिनिधिमंडल से मिले पीएम मोदी (X@NarendraModi)

प्रधानमंत्री ने कहा, "आपको याद होगा, जब आपके दादा, सैयदना साहब, जो 99 या 100 साल तक जीवित रहे, एक बार मेरे घर आए थे - हमने तब भी वक्फ मुद्दे पर बात करना शुरू कर दिया था." उन्होंने कहा कि वे पवित्र भूमि पर अतिक्रमण के बारे में समुदाय की चिंताओं को समझते हैं और वक्फ संपत्तियों की ईमानदार देखभाल करने वालों को सशक्त बनाने के महत्व पर जोर दिया. "

'मुस्लिम महिलाओं की शिकायतों से मिली प्रेरणा'
अगर कोई ऐसा व्यक्ति है जो इस बात का सबसे अच्छा मॉडल प्रस्तुत कर सकता है कि वक्फ की भावना कैसे काम करनी चाहिए और यह किसके लिए किया जाना चाहिए, तो वह साहब साहेना हैं. पीएम मोदी ने कहा कि सुधार के लिए मुख्य प्रेरणा मुस्लिम महिलाओं की शिकायतों से आई है. मेरी 2019 की जीत के बाद, मुस्लिम समुदाय से 1,700 से अधिक शिकायतें आईं. इनमें से अधिकांश न्याय की मांग करने वाली महिलाओं और बेटियों की थीं. तब मुझे जमीनी हकीकत का सही अंदाजा हुआ.

PM Modi
बोहरा समुदाय के प्रतिनिधिमंडल से मिले पीएम मोदी (X@NarendraModi)

उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे का अध्ययन करने में पांच साल बिताए और शिया मुसलमानों सहित विभिन्न संप्रदायों के धार्मिक नेताओं से परामर्श किया. चाहे वह बड़ा मुस्लिम समाज हो या शिया मुसलमान, सभी को वक्फ बोर्ड और हादिया से चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था का उद्देश्य सबसे गरीब और सबसे कमजोर लोगों को न्याय दिलाना है. पीएम ने कहा, "जब सबसे गरीब लोगों की प्रार्थनाएं आपके पास आती हैं, तो उनकी शक्ति कई गुना बढ़ जाती है. हमारा काम ऐसे ईमानदार लोगों को अधिकार और व्यवस्था नियंत्रण देना है - और यही वह लड़ाई है जो हम लड़ रहे हैं." प्रधानमंत्री ने बोहरा समुदाय को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि उन्हें उनसे फिर से मिलकर खुशी हुई.

संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार के लिए के बना एक्ट
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार के लिए पारित किया गया था. यह वक्फ संपत्ति प्रबंधन में शामिल लोगों को सशक्त बनाने, सर्वे, रजिस्ट्रेशन और मामले के निपटान की प्रक्रियाओं में सुधार करने और आधुनिक और वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है. 1923 के मुसलमान वक्फ अधिनियम को भी निरस्त कर दिया गया. पिछले साल अगस्त में पहली बार पेश किए गए इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के सुझावों के आधार पर संशोधित किया गया था.

PM Modi
बोहरा समुदाय के प्रतिनिधिमंडल से मिले पीएम मोदी (X@NarendraModi)

यह 1995 के मूल वक्फ अधिनियम में संशोधन करता है और इसका उद्देश्य पूरे भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन को सुव्यवस्थित करना है. मुख्य बदलावों में बेहतर रजिस्ट्रेशन सिस्टम और वक्फ बोर्ड के संचालन को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग शामिल है. नया कानून पहले के अधिनियम की कमियों को ठीक करने और वक्फ बोर्डों को अधिक कुशलता से काम करने के लिए तैयार किया गया है.

PM Modi
बोहरा समुदाय के प्रतिनिधिमंडल से मिले पीएम मोदी (X@NarendraModi)

डॉ. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन कौन हैं?
डॉ सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन ग्लोबल दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय के प्रमुख हैं. वह सैफी बुरहानी अपलिफ्ट प्रोजेक्ट, टर्निंग द टाइड, प्रोजेक्ट राइज, एफएमबी कम्युनिटी किचन जैसे ग्लोबल प्रोग्राम की देखरेख करते हैं.ये प्रोग्राम भुखमरी मिटाने, खाने की बर्बादी रोकने, पर्यावरण की रक्षा जैसे मुद्दों से जुड़े हैं.

सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुके हैं. उनके योगदान के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में एक प्रशस्ति पत्र भी पढ़ा गया है.उन्होंने सूरत स्थित दाऊदी बोहरा एजुकेशनल इंस्टीट्यूट अल-जामिया-तुस-सैफिया से पढ़ाई की . इसके अलावा उन्होंने मिस्र के अल-अजहर यूनिवर्सिटी और काहिरा यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की.

वह अरबी और उर्दू में कविताएं भी लिखते हैं. उन्हें परमानेंट एग्रीकल्चर सिस्टम, लोकल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने और यमन में लड़कियों और लड़कों दोनों को शिक्षा तक समान पहुंच प्रदान करने जैसे उपायों की शुरुआत करने के लिए भी जाना जाता है.

यह भी पढ़ें- 'AIADMK अकेले सरकार बनाएगी', पार्टी ने गठबंधन सरकार की संभावनाओं को किया खारिज

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम को आकार देने में दाऊदी बोहरा समुदाय के महत्वपूर्ण योगदान की प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि उनकी (दाऊदी बोहरा) भागीदारी छोटी से छोटी तकनीकी बारीकियों तक फैली हुई थी. पीएम मोदी ने मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए दाऊदी बोहरा आध्यात्मिक नेता सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन की भी सराहना की.

पीएम मोदी ने प्रतिनिधिमंडल से कहा, "शायद आप में से बहुत कम लोग जानते होंगे कि जब मुझे पहली बार वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर काम करने का विचार आया, तो सबसे पहले मैंने सैयदना साहब से सलाह ली."

उन्होंने कहा कि सैयदना साहब ने अपना पूरा समर्थन दिया और यहां तक ​​कि बोहरा समुदाय के लोगों को कानूनी समीक्षा और कानून का मसौदा तैयार करने में मदद करने के लिए भेजा. पीएम ने बताया, "मैं उन्हें तीन साल तक परेशान करता रहा, उनसे अपने तरीके से इसे देखने, मुझे कानूनी सलाह देने, मुझे एक मसौदा तैयार करने के लिए कहता रहा. आप कल्पना नहीं कर सकते कि परामर्श के दौरान उन्होंने मुझे कितना समर्थन दिया."

'छोटी से छोटी तकनीकी जानकारी'
प्रधानमंत्री ने कहा कि समुदाय की भागीदारी छोटी से छोटी तकनीकी जानकारी में भी गई. "उन्होंने आपके समुदाय से जानकार लोगों को बुलाया, यहां तक ​​कि कोमा और फुलस्टॉप तक - मुझे हर कदम पर मदद मिली." पीएम मोदी ने दाऊदी बोहरा नेतृत्व के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे संबंधों पर भी बात की और कहा कि वक्फ मुद्दों पर चर्चा कई सालों से चल रही है.

PM Modi
बोहरा समुदाय के प्रतिनिधिमंडल से मिले पीएम मोदी (X@NarendraModi)

प्रधानमंत्री ने कहा, "आपको याद होगा, जब आपके दादा, सैयदना साहब, जो 99 या 100 साल तक जीवित रहे, एक बार मेरे घर आए थे - हमने तब भी वक्फ मुद्दे पर बात करना शुरू कर दिया था." उन्होंने कहा कि वे पवित्र भूमि पर अतिक्रमण के बारे में समुदाय की चिंताओं को समझते हैं और वक्फ संपत्तियों की ईमानदार देखभाल करने वालों को सशक्त बनाने के महत्व पर जोर दिया. "

'मुस्लिम महिलाओं की शिकायतों से मिली प्रेरणा'
अगर कोई ऐसा व्यक्ति है जो इस बात का सबसे अच्छा मॉडल प्रस्तुत कर सकता है कि वक्फ की भावना कैसे काम करनी चाहिए और यह किसके लिए किया जाना चाहिए, तो वह साहब साहेना हैं. पीएम मोदी ने कहा कि सुधार के लिए मुख्य प्रेरणा मुस्लिम महिलाओं की शिकायतों से आई है. मेरी 2019 की जीत के बाद, मुस्लिम समुदाय से 1,700 से अधिक शिकायतें आईं. इनमें से अधिकांश न्याय की मांग करने वाली महिलाओं और बेटियों की थीं. तब मुझे जमीनी हकीकत का सही अंदाजा हुआ.

PM Modi
बोहरा समुदाय के प्रतिनिधिमंडल से मिले पीएम मोदी (X@NarendraModi)

उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे का अध्ययन करने में पांच साल बिताए और शिया मुसलमानों सहित विभिन्न संप्रदायों के धार्मिक नेताओं से परामर्श किया. चाहे वह बड़ा मुस्लिम समाज हो या शिया मुसलमान, सभी को वक्फ बोर्ड और हादिया से चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था का उद्देश्य सबसे गरीब और सबसे कमजोर लोगों को न्याय दिलाना है. पीएम ने कहा, "जब सबसे गरीब लोगों की प्रार्थनाएं आपके पास आती हैं, तो उनकी शक्ति कई गुना बढ़ जाती है. हमारा काम ऐसे ईमानदार लोगों को अधिकार और व्यवस्था नियंत्रण देना है - और यही वह लड़ाई है जो हम लड़ रहे हैं." प्रधानमंत्री ने बोहरा समुदाय को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि उन्हें उनसे फिर से मिलकर खुशी हुई.

संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार के लिए के बना एक्ट
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार के लिए पारित किया गया था. यह वक्फ संपत्ति प्रबंधन में शामिल लोगों को सशक्त बनाने, सर्वे, रजिस्ट्रेशन और मामले के निपटान की प्रक्रियाओं में सुधार करने और आधुनिक और वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है. 1923 के मुसलमान वक्फ अधिनियम को भी निरस्त कर दिया गया. पिछले साल अगस्त में पहली बार पेश किए गए इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के सुझावों के आधार पर संशोधित किया गया था.

PM Modi
बोहरा समुदाय के प्रतिनिधिमंडल से मिले पीएम मोदी (X@NarendraModi)

यह 1995 के मूल वक्फ अधिनियम में संशोधन करता है और इसका उद्देश्य पूरे भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन को सुव्यवस्थित करना है. मुख्य बदलावों में बेहतर रजिस्ट्रेशन सिस्टम और वक्फ बोर्ड के संचालन को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग शामिल है. नया कानून पहले के अधिनियम की कमियों को ठीक करने और वक्फ बोर्डों को अधिक कुशलता से काम करने के लिए तैयार किया गया है.

PM Modi
बोहरा समुदाय के प्रतिनिधिमंडल से मिले पीएम मोदी (X@NarendraModi)

डॉ. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन कौन हैं?
डॉ सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन ग्लोबल दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय के प्रमुख हैं. वह सैफी बुरहानी अपलिफ्ट प्रोजेक्ट, टर्निंग द टाइड, प्रोजेक्ट राइज, एफएमबी कम्युनिटी किचन जैसे ग्लोबल प्रोग्राम की देखरेख करते हैं.ये प्रोग्राम भुखमरी मिटाने, खाने की बर्बादी रोकने, पर्यावरण की रक्षा जैसे मुद्दों से जुड़े हैं.

सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुके हैं. उनके योगदान के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में एक प्रशस्ति पत्र भी पढ़ा गया है.उन्होंने सूरत स्थित दाऊदी बोहरा एजुकेशनल इंस्टीट्यूट अल-जामिया-तुस-सैफिया से पढ़ाई की . इसके अलावा उन्होंने मिस्र के अल-अजहर यूनिवर्सिटी और काहिरा यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की.

वह अरबी और उर्दू में कविताएं भी लिखते हैं. उन्हें परमानेंट एग्रीकल्चर सिस्टम, लोकल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने और यमन में लड़कियों और लड़कों दोनों को शिक्षा तक समान पहुंच प्रदान करने जैसे उपायों की शुरुआत करने के लिए भी जाना जाता है.

यह भी पढ़ें- 'AIADMK अकेले सरकार बनाएगी', पार्टी ने गठबंधन सरकार की संभावनाओं को किया खारिज

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