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'किसी अजनबी को डिग्री नहीं दिखाई जा सकती है', प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री सार्वजनिक करने की मांग खारिज

स्मृति ईरानी की शैक्षणिक रिकॉर्ड को सार्वजनिक करने की मांग को भी दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

पीएम मोदी और स्मृति ईरानी
पीएम मोदी और स्मृति ईरानी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : August 25, 2025 at 3:43 PM IST

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Updated : August 25, 2025 at 8:26 PM IST

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नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिग्री विवाद के मामले पर केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश के खिलाफ दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से दायर याचिका मंजूर करते हुए केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश को निरस्त कर दिया है. जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश को निरस्त करने का आदेश दिया.

'किसी अजनबी को डिग्री नहीं दिखाई जा सकती है': कोर्ट ने 27 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा था कि वो कोर्ट को डिग्री दिखा सकती है लेकिन किसी अजनबी को नहीं. दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि एक ऐसे छात्र की डिग्री मांगी जा रही है, जो आज देश के प्रधानमंत्री हैं. उन्होंने कहा था कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है. यूनिवर्सिटी हर साल का रजिस्टर मेंटेंन करती है. मेहता ने कहा था कि दिल्ली यूनिवर्सिटी कोर्ट को डिग्री दिखा सकती है लेकिन किसी अजनबी को डिग्री नहीं दिखाया जा सकता है.

सूचना के अधिकार कानून के तहत इनकार नहीं किया जा सकता: इस मामले में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि सूचना के अधिकार के तहत किसी छात्र को डिग्री देना निजी कार्य नहीं बल्कि एक सार्वजनिक कार्य है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील शादान फरासत ने कहा था कि सूचना के अधिकार कानून के तहत दिल्ली यूनिवर्सिटी एक सार्वजनिक प्राधिकार है. ऐसे में सूचना मांगनेवाले की नीयत के आधार पर किसी की डिग्री की सूचना देने से इनकार नहीं किया जा सकता है.

'किसी की डिग्री से सार्वजनिक हित नहीं पूरा होता': दरअसल आम आदमी पार्टी से जुड़े नीरज शर्मा ने सूचना के अधिकार के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय से मोदी की डिग्रियों की जानकारी मांगी थी. दिल्ली विश्वविद्यालय ने इसे निजी जानकारी बताते हुए साझा करने से इनकार कर दिया था.

विश्वविद्यालय के मुताबिक इससे कोई सार्वजनिक हित नहीं पूरा होता है. उसके बाद नीरज शर्मा ने केंद्रीय सूचना आयोग का रुख किया, जिसने दिल्ली विश्वविद्यालय के सूचना अधिकारी मीनाक्षी सहाय पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. आयोग ने डिग्री से संबंधित जानकारी देने का भी आदेश दिया. केंद्रीय सूचना आयोग के इसी फैसले के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था.

स्मृति ईरानी की शैक्षणिक रिकॉर्ड को सार्वजनिक करने की मांग खारिज: दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की दसवीं और ग्यारहवीं के शैक्षणिक रिकॉर्ड को सार्वजनिक करने के केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश पर रोक लगा दिया है. जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने कहा कि सूचना के अधिकार की धारा 3 पूर्ण नहीं है क्योंकि धारा 8(1) के तहत निजी जानकारी नहीं देने की छूट के तहत है. हाईकोर्ट ने कहा कि आरटीआई के तहत सूचना के लिए दायर याचिका जनहित याचिका नहीं है. शैक्षणिक योग्यता से संबंधित जो भी सूचना मांगी गई है, उसकी वैधानिक रुप से कोई जरुरत नहीं है. याचिका नौशादुद्दीन ने दायर किया था.

नौशादुद्दीन ने सूचना के अधिकार के तहत स्मृति ईरानी की शैक्षणिक योग्यताओं की जानकारी मांगी थी. प्रधान सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय प्राधिकार ने स्मृति ईरानी की शैक्षणिक योग्यताओं को उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया था. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बिना किसी जनहित के किसी की शैक्षणिक जानकारी का खुलासा करना किसी के निजी मामलों में हस्तक्षेप की तरह है.

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Last Updated : August 25, 2025 at 8:26 PM IST