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20 वर्ष तक रामनवमी पर चमकेगा रामलला के माथे का 'सूर्य तिलक', CBRI रुड़की के वैज्ञानिकों ने लगाया उपकरण - SURYA TILAK RAMLALA

रामनवमी पर रामलला के सूर्य तिलक की 20 वर्षों तक स्थायी व्यवस्था की जा रही है.

स्थायी होगा रामलला का सूर्य तिलक.
स्थायी होगा रामलला का सूर्य तिलक. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : March 26, 2025 at 9:44 AM IST

3 Min Read

अयोध्या: राम मंदिर में रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे सूर्य की किरण रामलला के मस्तक को सुशोभित करेंगी. अब यह 20 वर्षों तक स्थायी रहेगा. CBRI रुड़की के इंजीनियरों ने इसके लिए स्पेशल उपकरण तैयार किया है. मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर में सूर्य के प्रकाश को गर्भ गृह तक पहुंचाने की व्यवस्था को स्थायित्व प्रदान किया जा रहा है, जो अगले 20 वर्षों तक रहेगी. इसे कंप्यूटर में प्रोग्राम कर लिया गया है. आने वाली रामनवमी पर प्रत्येक वर्ष पूरा देश और दुनिया सूर्य तिलक देख सकेगी.

मंदिर निर्माण समिति की बैठक में मंगलवार को राम मंदिर के साथ श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा संचालित सरयू तट स्थित अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय के परिवर्तित हो रही गैलरी की व्यवस्थाओं पर मंथन किया गया. सबसे पहले संग्रहालय परिसर का स्थालीय निरीक्षण किया गया. इसके बाद गैलरी को आधुनिकता देने और परंपरागत रुप से तैयार करने को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया. निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि संग्रहालय का कार्य देखा जाएगा. प्रयास यह होगा कि, अब जो 20 गैलरी बन रही है, उनकी शुरुआत कर दी जाए.

राम मंदिर परिसर में बना रहे तीन मुख्य द्वार के नाम हिंदू धर्म के पूज्य आचार्यों के नाम से रखें जाने हैं. इनके नाम की घोषणा भी नवरात्र के दौरान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कर सकता है. नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि इसके लिए ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से वार्ता की गई है. राम मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्थाई रुप से कैनोपी लगाए जाने की योजना रामनवमी तक पूर्ण नहीं हो सकेगी. कहा कि ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया है, कि यदि आवश्यकता पड़ेगी तो अस्थाई रूप से कैनेपी और मैट की व्यवस्था ट्रस्ट करेगा. इससे श्रद्धालुओं को कुछ राहत दी जा सकेगी.

1 दिन में 800 भक्तों को मिलेगा राम दरबार के दर्शन की अनुमति: राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना होगी. अप्रैल में 15 दिन के अंदर शुभ मुहूर्त पर इसे स्थापित कर दिया जाएगा. निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि प्रथम तल राम भक्तों के जाने के लिए पास की व्यवस्था जारी किया जाएगी. इसे भी आरती पास की तरह निःशुल्क रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि यह अनुमान लगाया जा रहा है, कि इसमें 1 घंटे में लगभग 50 व्यक्ति और एक दिन में लगभग 800 व्यक्तियों को ही यह पास जारी होगा. प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालु राम मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, इसलिए यह सुविधा सभी श्रद्धालुओं को नहीं मिल पाएगी.

यह भी पढ़ें: आगरा में बोले मंत्री जयवीर सिंह- 'नो कर्फ्यू, नो दंगा...यूपी में सब चंगा', हम आक्रांताओं को नायक नहीं बनने देंगे - AURANGZEB CONTROVERSY

अयोध्या: राम मंदिर में रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे सूर्य की किरण रामलला के मस्तक को सुशोभित करेंगी. अब यह 20 वर्षों तक स्थायी रहेगा. CBRI रुड़की के इंजीनियरों ने इसके लिए स्पेशल उपकरण तैयार किया है. मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर में सूर्य के प्रकाश को गर्भ गृह तक पहुंचाने की व्यवस्था को स्थायित्व प्रदान किया जा रहा है, जो अगले 20 वर्षों तक रहेगी. इसे कंप्यूटर में प्रोग्राम कर लिया गया है. आने वाली रामनवमी पर प्रत्येक वर्ष पूरा देश और दुनिया सूर्य तिलक देख सकेगी.

मंदिर निर्माण समिति की बैठक में मंगलवार को राम मंदिर के साथ श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा संचालित सरयू तट स्थित अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय के परिवर्तित हो रही गैलरी की व्यवस्थाओं पर मंथन किया गया. सबसे पहले संग्रहालय परिसर का स्थालीय निरीक्षण किया गया. इसके बाद गैलरी को आधुनिकता देने और परंपरागत रुप से तैयार करने को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया. निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि संग्रहालय का कार्य देखा जाएगा. प्रयास यह होगा कि, अब जो 20 गैलरी बन रही है, उनकी शुरुआत कर दी जाए.

राम मंदिर परिसर में बना रहे तीन मुख्य द्वार के नाम हिंदू धर्म के पूज्य आचार्यों के नाम से रखें जाने हैं. इनके नाम की घोषणा भी नवरात्र के दौरान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कर सकता है. नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि इसके लिए ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से वार्ता की गई है. राम मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्थाई रुप से कैनोपी लगाए जाने की योजना रामनवमी तक पूर्ण नहीं हो सकेगी. कहा कि ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया है, कि यदि आवश्यकता पड़ेगी तो अस्थाई रूप से कैनेपी और मैट की व्यवस्था ट्रस्ट करेगा. इससे श्रद्धालुओं को कुछ राहत दी जा सकेगी.

1 दिन में 800 भक्तों को मिलेगा राम दरबार के दर्शन की अनुमति: राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना होगी. अप्रैल में 15 दिन के अंदर शुभ मुहूर्त पर इसे स्थापित कर दिया जाएगा. निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि प्रथम तल राम भक्तों के जाने के लिए पास की व्यवस्था जारी किया जाएगी. इसे भी आरती पास की तरह निःशुल्क रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि यह अनुमान लगाया जा रहा है, कि इसमें 1 घंटे में लगभग 50 व्यक्ति और एक दिन में लगभग 800 व्यक्तियों को ही यह पास जारी होगा. प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालु राम मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, इसलिए यह सुविधा सभी श्रद्धालुओं को नहीं मिल पाएगी.

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