नई दिल्ली: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक अध्ययन में कहा गया है नदी नालों के पास रहने वाले लोगों में कैंसर रोग का खतरा बहुत अधिक होता है. अध्ययन में खतरे के गुणांक को सीमा से ऊपर पाया गया है जो गैर-कैंसरजन्य जोखिम पैदा करता है. ICMR ने खुलासा किया कि सीसा, लोहा और एल्युमीनियम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की अनुमेय सीमा से अधिक है.
स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने हाल ही में संसद में बताया कि आईसीएमआर द्वारा 2024 में किए गए अध्ययन से पता चला है कि नदी नालों के पास रहने वाले लोगों में कैंसर रोग का खतरा अधिक है. जाधव ने कहा, "अध्ययन के परिणामों से पता चला है कि सीसा, लोहा और एल्यूमीनियम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की स्वीकार्य सीमा से अधिक है."
प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ और इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर इमरजेंसी मेडिसिन में क्लिनिकल प्रैक्टिस कमेटी के अध्यक्ष डॉ तामोरिश कोले ने ईटीवी भारत से कहा, "अपशिष्ट जल विश्लेषण नागरिक अधिकारियों और सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बनता जा रहा है. हमने कोविड महामारी के दौरान भी इसे देखा है."
वॉटर क्वालिटी पर ICMR की स्टडी
बता दें कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने पंजाब की मौसमी नदी घग्गर की वॉटर क्वालिटी पर एक अध्ययन किया. अध्ययन का उद्देश्य नदी में भारी धातु प्रदूषण के स्तर और मानव स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव का आकलन करना था.
अध्ययन में तीन स्थलों से पानी के नमूने एकत्र किए गए इनमें सरहिंद चो, बड़ी नदी और ढाकांशु नाला शामिला हैं. ये स्थल पंजाब के जल निकासी नेटवर्क का हिस्सा हैं और कृषि, घरेलू और औद्योगिक क्षेत्रों से अपशिष्ट जल प्राप्त करते हैं. नमूने अक्टूबर 2017 से जुलाई 2018 तक एक वर्ष की अवधि में एकत्र किए गए थे.
अध्ययन में पानी के नमूनों में भारी धातु प्रदूषण के उच्च स्तर पाए गए. विशेष रूप से सीसा , कैडमियम , लोहा , एल्यूमीनियम , और निकल. इन धातुओं की सांद्रता केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (EPA) द्वारा निर्धारित अनुमेय सीमाओं से अधिक थी.
वहीं, अध्ययन की गई सभी धातुओं में लोहे की सांद्रता सबसे अधिक पाई गई. अध्ययन में भारी धातुओं की सांद्रता में महत्वपूर्ण मौसमी भिन्नताएँ पाई गईं, जिसमें मानसून के बाद के मौसम में उच्च सांद्रता देखी गई. स्टडी में भारी धातु प्रदूषण सूचकांक (HPI) और भारी धातु मूल्यांकन सूचकांक (HEI) की गणना की गई, जिसने अध्ययन क्षेत्र में प्रदूषण के उच्च स्तर को इंगित किया.
नदी के आसपास रहने वाले लोगों को कैंसर का खतरा
अध्ययन ने घग्गर नदी में भारी धातु प्रदूषण के संपर्क में आने से जुड़े संभावित स्वास्थ्य जोखिमों पर प्रकाश डाला है. निष्कर्षों ने सुझाव दिया कि नदी के आसपास रहने वाले लोगों को कैंसर होने का खतरा है.
भारी धातु प्रदूषण के स्तरों का आकलन करने के लिए घग्गर नदी के जल की गुणवत्ता की नियमित निगरानी आवश्यक है.अध्ययन ने मानव स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए जल निकायों से भारी धातुओं को हटाने की आवश्यकता पर बल दिया.
अध्ययन ने भारी धातु के संपर्क से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए जनसंख्या-स्तरीय स्क्रीनिंग और शिक्षा जैसे निवारक उपाय करने की सिफारिश की. ICMR अध्ययन ने घग्गर नदी में भारी धातु प्रदूषण के खतरनाक स्तरों और इसके संभावित स्वास्थ्य प्रभावों पर प्रकाश डाला. अध्ययन ने भारी धातु के संपर्क से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए नियमित निगरानी, भारी धातुओं को हटाने और निवारक उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया.
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