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हिंदू और मुसलमान को आपस में लड़ाना चाहता है पाकिस्तान, असदुद्दीन ओवैसी ने कहा - ASADUDDIN OWAISI TARGETS PAKISTAN

ओवैसी ने जोर देते हुए कहा कि, पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में लाना जरूरी है. वहां की सरकार भारत में हिंदू और मुसलमान को लड़ाना चाहती है.

असदुद्दीन ओवैसी, फाइल फोटो
असदुद्दीन ओवैसी, फाइल फोटो (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 28, 2025 at 1:35 PM IST

2 Min Read

छत्रपति शंभाजीनगर: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा. ओवैसी ने कहा कि, चाहे वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई हो, आतंकवादी संगठन आईएसआईएस हो या पाकिस्तानी प्रतिष्ठान हो, ये सभी समूह हिंदुओं और मुसलमानों को लड़ते हुए देखना चाहते हैं.

एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि, पहलगाम हमले की वजह यही है. चाहे वह आईएसआई हो या आईएसआईएस, या डीप स्टेट, पाकिस्तान सरकार चाहती है कि, भारत में हमेशा हिंदू और मुसलमान आपस में लड़ते रहे.

ओवैसी ने कहा, "पहलगाम में गैर-मुस्लिमों, हमारे भाइयों और बहनों को मारने का एजेंडा केवल एक था क्योंकि वे (पाकिस्तान) यह कहना चाहते थे कि कोई भी गैर-मुस्लिम यहां (कश्मीर) नहीं आ सकता. ओवैसी ने महाराष्ट्र के छत्रपति शंभाजी नगर जिले में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही. उन्होंने आगे कहा कि हम पाकिस्तान पर साइबर हमला भी कर सकते हैं या नौसेना या हवाई नाकाबंदी भी कर सकते हैं.

ओवैसी ने कहा कि, उनकी मांग है कि पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में लाना जरूरी है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स को चाहिए कि वह पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में लाए क्योंकि, पाकिस्तान अवैध धन से आतंकवाद को फंड कर रहा है.

ओवैसी ने आगे कहा कि, "हमें पाकिस्तान पर साइबर हमला भी करना चाहिए. ओवैसी ने कहा, हमारे पास एथिकल हैकर्स हैं, हम नौसेना और वायु सेना की नाकाबंदी भी कर सकते हैं." उन्होंने लोगों से अपने राजनीतिक मतभेदों को अलग रखने और उन लोगों को जीतने नहीं देने की भी अपील की, जो भारत की एकता को कमजोर करना चाहते हैं.

ओवैसी ने कहा, "आपको कुछ चीजें सरकार पर छोड़नी होंगी." पहलगाम हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमलों में से एक है. पुलवामा आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारत ने सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं. भारत के कूटनीतिक कदम में, पाकिस्तानी उच्चायोग की ताकत कम करना, इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से रक्षा अधिकारियों को वापस बुलाना भी शामिल है.

ये भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर रेड, डोडा और श्रीनगर के कई स्थानों पर छापेमारी

छत्रपति शंभाजीनगर: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा. ओवैसी ने कहा कि, चाहे वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई हो, आतंकवादी संगठन आईएसआईएस हो या पाकिस्तानी प्रतिष्ठान हो, ये सभी समूह हिंदुओं और मुसलमानों को लड़ते हुए देखना चाहते हैं.

एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि, पहलगाम हमले की वजह यही है. चाहे वह आईएसआई हो या आईएसआईएस, या डीप स्टेट, पाकिस्तान सरकार चाहती है कि, भारत में हमेशा हिंदू और मुसलमान आपस में लड़ते रहे.

ओवैसी ने कहा, "पहलगाम में गैर-मुस्लिमों, हमारे भाइयों और बहनों को मारने का एजेंडा केवल एक था क्योंकि वे (पाकिस्तान) यह कहना चाहते थे कि कोई भी गैर-मुस्लिम यहां (कश्मीर) नहीं आ सकता. ओवैसी ने महाराष्ट्र के छत्रपति शंभाजी नगर जिले में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही. उन्होंने आगे कहा कि हम पाकिस्तान पर साइबर हमला भी कर सकते हैं या नौसेना या हवाई नाकाबंदी भी कर सकते हैं.

ओवैसी ने कहा कि, उनकी मांग है कि पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में लाना जरूरी है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स को चाहिए कि वह पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में लाए क्योंकि, पाकिस्तान अवैध धन से आतंकवाद को फंड कर रहा है.

ओवैसी ने आगे कहा कि, "हमें पाकिस्तान पर साइबर हमला भी करना चाहिए. ओवैसी ने कहा, हमारे पास एथिकल हैकर्स हैं, हम नौसेना और वायु सेना की नाकाबंदी भी कर सकते हैं." उन्होंने लोगों से अपने राजनीतिक मतभेदों को अलग रखने और उन लोगों को जीतने नहीं देने की भी अपील की, जो भारत की एकता को कमजोर करना चाहते हैं.

ओवैसी ने कहा, "आपको कुछ चीजें सरकार पर छोड़नी होंगी." पहलगाम हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमलों में से एक है. पुलवामा आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारत ने सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं. भारत के कूटनीतिक कदम में, पाकिस्तानी उच्चायोग की ताकत कम करना, इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से रक्षा अधिकारियों को वापस बुलाना भी शामिल है.

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