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'पाकिस्तान ने शांति के हर प्रयास का जवाब शत्रुता से दिया', लेक्स फ्रीडमैन के साथ पॉडकास्ट में बोले पीएम मोदी - PM MODI PODCAST

पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय वैदिक संतों और स्वामी विवेकानंद ने जो कुछ भी सिखाया है, RSS भी वही सिखाता है.

PM MOdi
लेक्स फ्रीडमैन के साथ पॉडकास्ट में पीएम मोदी (X@narendramodi)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : March 16, 2025 at 6:20 PM IST

Updated : March 16, 2025 at 9:34 PM IST

2 Min Read

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में कहा कि भारत की तरफ से शांति के हर प्रयास का जवाब पाकिस्तान ने शत्रुता और विश्वासघात से दिया . इस दौरान उन्होंने उम्मीद जताई कि उसे सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का मार्ग अपनाएगा.

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वैदिक संतों और स्वामी विवेकानंद ने जो कुछ भी सिखाया है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भी वही सिखाता है. पॉडकास्ट आरएसएस को लेकर उन्होंने कहा, "मेरे मन में हमेशा एक ही लक्ष्य था, देश के काम आना. यही मुझे संघ (RSS) ने सिखाया है. आरएसएस की स्थापना के इस वर्ष 100 साल पूरे हो रहे हैं. दुनिया में आरएसएस से बड़ा कोई स्वयंसेवी संगठन नहीं है. आरएसएस को समझना कोई आसान काम नहीं है."

'शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को आमंत्रित किया'
पीएम मोदी ने कहा, "मैंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को आमंत्रित किया था, लेकिन शांति के हर प्रयास का जवाब शत्रुता और विश्वासघात से मिला. हम पूरी उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान को सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का मार्ग अपनाएगा,"

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि पाकिस्तान के लोग भी शांति चाहते हैं क्योंकि वे भी संघर्ष, अशांति और निरंतर आतंक में रहते हुए थक गए होंगे, जहां मासूम बच्चे भी मारे जाते हैं और अनगिनत जिंदगियां बर्बाद हो जाती हैं.

'यह कूटनीतिक कदम था'
प्रधानमंत्री ने पॉडकास्ट में आगे कहा, "यह कूटनीतिक कदम था, जो दशकों में नहीं देखा गया. जिन लोगों ने कभी विदेश नीति के प्रति मेरे दृष्टिकोण पर सवाल उठाया था, वे उस समय अचंभित रह गए, जब उन्हें पता चला कि मैंने कई देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया और हमारे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने संस्मरण में उस ऐतिहासिक भाव को खूबसूरती से कैद किया है."

मोदी ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि भारत की विदेश नीति कितनी स्पष्ट और आश्वस्त हो गई है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जब भी शांति की बात करता है, तो आज दुनिया उसकी बात सुनती है, क्योंकि भारत गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है. उनकी ताकत उनके नाम में नहीं है, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों और देश की शाश्वत संस्कृति एवं विरासत के समर्थन में निहित है.

यह भी पढ़ें- भारत पहुंचे न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री, पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में कहा कि भारत की तरफ से शांति के हर प्रयास का जवाब पाकिस्तान ने शत्रुता और विश्वासघात से दिया . इस दौरान उन्होंने उम्मीद जताई कि उसे सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का मार्ग अपनाएगा.

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वैदिक संतों और स्वामी विवेकानंद ने जो कुछ भी सिखाया है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भी वही सिखाता है. पॉडकास्ट आरएसएस को लेकर उन्होंने कहा, "मेरे मन में हमेशा एक ही लक्ष्य था, देश के काम आना. यही मुझे संघ (RSS) ने सिखाया है. आरएसएस की स्थापना के इस वर्ष 100 साल पूरे हो रहे हैं. दुनिया में आरएसएस से बड़ा कोई स्वयंसेवी संगठन नहीं है. आरएसएस को समझना कोई आसान काम नहीं है."

'शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को आमंत्रित किया'
पीएम मोदी ने कहा, "मैंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को आमंत्रित किया था, लेकिन शांति के हर प्रयास का जवाब शत्रुता और विश्वासघात से मिला. हम पूरी उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान को सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का मार्ग अपनाएगा,"

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि पाकिस्तान के लोग भी शांति चाहते हैं क्योंकि वे भी संघर्ष, अशांति और निरंतर आतंक में रहते हुए थक गए होंगे, जहां मासूम बच्चे भी मारे जाते हैं और अनगिनत जिंदगियां बर्बाद हो जाती हैं.

'यह कूटनीतिक कदम था'
प्रधानमंत्री ने पॉडकास्ट में आगे कहा, "यह कूटनीतिक कदम था, जो दशकों में नहीं देखा गया. जिन लोगों ने कभी विदेश नीति के प्रति मेरे दृष्टिकोण पर सवाल उठाया था, वे उस समय अचंभित रह गए, जब उन्हें पता चला कि मैंने कई देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया और हमारे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने संस्मरण में उस ऐतिहासिक भाव को खूबसूरती से कैद किया है."

मोदी ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि भारत की विदेश नीति कितनी स्पष्ट और आश्वस्त हो गई है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जब भी शांति की बात करता है, तो आज दुनिया उसकी बात सुनती है, क्योंकि भारत गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है. उनकी ताकत उनके नाम में नहीं है, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों और देश की शाश्वत संस्कृति एवं विरासत के समर्थन में निहित है.

यह भी पढ़ें- भारत पहुंचे न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री, पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात

Last Updated : March 16, 2025 at 9:34 PM IST
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