नई दिल्ली: हाल ही में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने भारत सरकार ने घोषणा की थी कि पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (SVES) के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और SVES वीजा के तहत भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय है.
सरकार की इस घोषणा के बाद सैंकड़ो पाकिस्तानी नागरिक देश छोड़ कर चल गए हैं. हालांकि, अभी भी कई ऐसे पाकिस्तानी जो अभी तक वापस नहीं लौटे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि जिन पाकिस्तानियों ने सरकार की ओर से निर्धारित तय समय सीमा के भीतर देश नहीं छोड़ा तो उनका किया होगा?
भारत से न जाने वाले नागरिकों का क्या होगा?
बता दें कि शॉर्ट टर्म वीजा वाले पाकिस्तानी नागरिकों के लिए भारत छोड़ने की समय सीमा समाप्त हो गई है. ऐसे में सरकार के आदेशों के बावजूद अपने वीजा की अवधि से अधिक समय तक भारत में रहने के रहने वाले लोगों को गिरफ़्तारी, अभियोजन, जुर्माना या संभावित कारावास का सामना करना पड़ सकता है.

आव्रजन और विदेशी अधिनियम 2025 के अनुसार कोई भी पाकिस्तानी, जो सरकार की ओर से निर्धारित समय सीमा के तहत भारत नहीं छोड़ता है तो उसे गिरफ़्तार किया जाएगा, मुकदमा चलाया जाएगा और उसे तीन साल तक की जेल की सजा या अधिकतम 3 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है.
गौरतलब है कि 4 अप्रैल को लागू हुआ यह अधिनियम अपने वीजा की अवधि से अधिक समय तक रहने, वीजा शर्तों का उल्लंघन करने या प्रतिबंधित क्षेत्रों में अवैध प्रवेश करने वालों के लिए दंड की रूपरेखा तैयार करता है.
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए घातक आतंकी हमले के बाद कड़े उपायों के तहत वीजा रद्द कर दिए थे. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें अधिकतर नागरिक थे. उल्लेखनीय है कि सार्क वीजा रखने वालों के लिए भारत से बाहर जाने की समय सीमा 27 अप्रैल थी, जबकि मेडिकल वीजा रखने वालों के लिए समय सीमा 29 अप्रैल है.
किसे हो सकती है सजा?
अधिनियम के अनुसार वे लोग जो भारत के किसी भी क्षेत्र में उस अवधि से अधिक समय तक रहते हैं जिसके लिए वीजा जारी किया गया था या वैध पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेजों के बिना रहते हैं. उन्हें सजा या जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा जो कोई भी अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करता है या वैध वीजा शर्तों का उल्लंघन करता है, उस पर भी दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है.
अधिनियम के अनुसार, जो कोई भी इस अधिनियम की धारा 17 और 19 के अलावा किसी अन्य प्रावधान या इसके तहत बनाए गए किसी नियम या आदेश या इस अधिनियम का उल्लंघन करता है, जिसके लिए इस अधिनियम के तहत कोई स्पेसिफक दंड का प्रावधान नहीं है, तो उसे तीन साल तक की कैद या तीन लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है.
#WATCH | Amritsar, Punjab: Protocol officer at the Attari Border, Arun Pal, says, " custom immigration counters opened at 10 am. before the counters closed, 237 pakistani nationals have returned to pakistan from india, and 116 indian nationals have returned from pakistan. from 24… pic.twitter.com/z5fWqv0wvv
— ANI (@ANI) April 27, 2025
एक्स्पर्ट की राय
ईटीवी भारत से बात करते हुए संविधान विशेषज्ञ और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील सत्य प्रकाश सिंह ने कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों को तीन साल तक की कैद या 3 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. सिंह ने कहा, "पाकिस्तानी नागरिकों का पता लगाना अधिकारियों के लिए असंभव नहीं होगा, क्योंकि उन्होंने पहले ही अपनी डिटेल दर्ज की है कि वे भारत में कहां रहेंगे. यहां, राज्य सरकार को भी पाकिस्तानी नागरिकों का पता लगाने में प्रमुख भूमिका निभानी चाहिए."
इसी तरह के विचार को दोहराते हुए प्रसिद्ध वकील और सामाजिक कार्यकर्ता मोहन श्याम ने कहा कि आव्रजन और विदेशी अधिनियम 2025 में कई मजबूत प्रावधान हैं, जो भारत में निर्धारित अवधि से अधिक समय तक रहने वाले किसी भी विदेशी नागरिक के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं.
श्याम ने कहा, "खासकर पहलगाम की घटना के बाद भारत सरकार पाकिस्तानी नागरिकों के निर्वासन के मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रही है. अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, भारत में निर्धारित समय से अधिक समय तक रहने वाले किसी भी विदेशी नागरिक पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें जुर्माना और तीन साल तक की जेल या दोनों सजाएं शामिल हैं."
500 से अधिक पाकिस्तानी भारत छोड़ चुके हैं
एक अधिकारी के अनुसार रविवार को शॉर्ट टर्म वीजा होल्डर्स के लिए समय सीमा समाप्त होने के बाद पिछले तीन दिनों में कुल 537 पाकिस्तानी नागरिक अटारी सीमा के माध्यम से भारत छोड़ चुके हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अटारी सीमा पर प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण पाल ने बताया कि पिछले तीन दिनों में 850 भारतीय नागरिक भारत लौट आए हैं. उन्होंने कहा कि अकेले रविवार को 237 पाकिस्तानी नागरिक अपने देश लौटे, जबकि 116 भारतीय नागरिक वापस आए.