श्रीनगर: पहलगाम में पर्यटकों पर हुए घातक हमले से कश्मीर में पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका लगा है, जो 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से रफ्तार पकड़ रहा था.
कोविड-19 महामारी के दौरान गिरावट के बावजूद अगस्त 2019 के बाद घाटी में आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखी गई है. पिछले महीने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में बताया था कि 2024 में 2.3 करोड़ पर्यटक आए थे. पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 1.89 करोड़ पर्यटक और 2023 में 2.12 करोड़ पर्यटक जम्मू-कश्मीर पहुंचे.
पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग घाटी में शांत स्थिति की उम्मीद कर रहे थे, क्योंकि अलगाववादियों की तरफ से हड़ताल की कोई घोषणा नहीं हुई थी. अब उनका कहना है कि पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकवादी हमले ने फलते-फूलते उद्योग को झटका दिया है, जिससे उबरने में वर्षों लग जाएंगे.

उनका तर्क है कि भारत में चिलचिलाती गर्मी के दौरान पर्यटकों के बीच सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश में पर्यटकों को नकारात्मक संदेश दिया है. पहलगाम अमरनाथ यात्रा का भी आधार है और जून में शुरू होने वाली इस तीर्थयात्रा के लिए यात्रियों ने पंजीकरण शुरू कर दिया है, इस हमले का असर इस पर भी पड़ सकता है.
एक ही दिन में 80 प्रतिशत बुकिंग रद्द
श्रीनगर में टूर और ट्रैवल कंपनी चलाने वाले इश्फाक अहमद ने बताया कि हमले के बाद पर्यटक बुकिंग रद्द कर रहे हैं. उन्होंने बताया, "जून तक हमारी 90 प्रतिशत बुकिंग कन्फर्म हो चुकी थी. मई में पूरी बुकिंग हो चुकी थी, लेकिन हमले के बाद 80 प्रतिशत बुकिंग रद्द हो गई."
अहमद ने कहा कि बुकिंग रद्द होना एक छोटी सी चिंता है,ले किन सबसे बड़ी चिंता यह है कि इस हमले का पर्यटन क्षेत्र पर लंबे समय तक प्रभाव पड़ेगा. हमले के एक दिन बाद ही उनकी आशंकाएं स्पष्ट हो गई हैं, क्योंकि आने वाले पर्यटक डरे हुए हैं और उनके मन में टूर ऑपरेटरों के लिए अपनी सुरक्षा को लेकर दर्जनों सवाल हैं.
सुरक्षा को लेकर पर्यटक चिंतित, घर लौट रहे
हमले के बाद श्रीनगर के एक होटल में पहुंचे 40 पर्यटकों के एक समूह ने कहा कि वे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और डर के कारण उनमें से छह सदस्य आज सुबह ही कर्नाटक के बेंगलुरु लौट गए हैं.
बेंगलुरु से आए अमर नाइक ने ईटीवी भारत को बताया, "हमारी यात्रा तीन दिनों की है. आज हम पहलगाम जाने वाले थे. हमने अपनी यात्रा रद्द कर दी है और अब हम श्रीनगर में ही रहेंगे और अगर संभव हुआ तो कल गुलमर्ग जाएंगे. जब हमने इस हमले के बारे में सुना तो हम स्तब्ध रह गए."
जब नाइक बोल रहे थे, तब उनके समूह के अन्य सदस्य होटल मैनेजर और उनके टूर गाइड से श्रीनगर और अन्य स्थानों की यात्रा के बारे में सवाल पूछ रहे थे.
उधमपुर के पर्यटक कैब संचालक शिवम, जिन्होंने पर्यटकों के एक समूह को श्रीनगर पहुंचाया था, ने कहा कि इस हमले से कश्मीर पर्यटन को झटका लगा है. उन्होंने कहा, "हमने पर्यटकों को हिमाचल प्रदेश की बजाय कश्मीर आने के लिए मनाने के लिए कई साल तक प्रयास किए, लेकिन अब वे प्रयास बेकार हो गए हैं. हमारे कारोबार को फिर से खड़ा होने में एक दशक लग जाएगा."
कश्मीर के एक प्रमुख होटल व्यवसायी मुश्ताक चाया ने कहा कि पांच साल तक 'सुचारू और शांतिपूर्ण' स्थिति रहने के बाद, इस हमले से पर्यटन को बड़ी हानि होगी.
पर्यटकों की ओर से बुकिंग रद्द करने के बीच, कुछ टूर ऑपरेटर आशावादी हैं कि अगर सरकार इसे अच्छी तरह से संभालती है तो 'तुरंत सुधार' हो सकता है. टूर ऑपरेटर साजद अहमद ने कहा कि अगर सरकार स्थिति को बेहतर तरीके से संभालती है, तो जून में अमरनाथ यात्रा शुरू होने पर स्थिति ठीक हो सकती है.
पूर्व मंत्री और विधायक सज्जाद लोन ने कहा कि इस हमले के कारण पर्यटन उद्योग को नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा, "इन आतंकी हमलों का उद्देश्य हमें आर्थिक रूप से कमजोर करना है."
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