श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम हत्याकांड की निंदा करते हुए कहा कि पूरे राज्य में लोग 22 अप्रैल को हुए इस जघन्य आतंकी हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान बोलते हुए उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के नाम पढ़े, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली है.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, "उग्रवाद और आतंकवाद तभी समाप्त होगा जब लोग हमारा समर्थन करेंगे. यह इसकी शुरुआत है... हमें ऐसा कुछ भी नहीं कहना या दिखाना चाहिए, जिससे इस आंदोलन को नुकसान पहुंचे... हम बंदूकों का उपयोग करके आतंकवाद को कंट्रोल कर सकते हैं, यह तभी समाप्त होगा जब लोग हमारा समर्थन करेंगे और अब ऐसा लगता है कि लोग उस पॉइंट पर पहुंच रहे हैं."
#WATCH | Jammu: J&K CM Omar Abdullah says, " militancy and terrorism will end when people will support us. this is the beginning of that... we should not say or show anything which harms this movement that has arisen... we can control militancy using guns, it will end only when… pic.twitter.com/cWmsUY9uQL
— ANI (@ANI) April 28, 2025
'कोई भी इसका समर्थन नहीं करता'
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग स्वेच्छा से विरोध करने के लिए बाहर आए हैं. उन्होंने बैनर/पोस्टर दिखाए और नारे लगाए. उन्होंने कहा, "हममें से कोई भी इसका समर्थन नहीं करता. इसने हमें अंदर से खोखला कर दिया है. 26 सालों में मैंने पहली बार लोगों को इस तरह अपने घरों से बाहर निकलते देखा है. कठुआ से लेकर कुपवाड़ा तक, शायद ही कोई ऐसा शहर या गांव हो, जहां लोग इस हमले की निंदा करने के लिए अपने घरों से बाहर न निकले हों."
'पर्यटकों को सुरक्षित वापस भेजना मेरा कर्तव्य था'
उन्होंने कहा कि बैसरन में 21 साल बाद इतने बड़े पैमाने पर हमला किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा, "मुझे नहीं पता कि मृतकों के परिवारों से कैसे माफी मांगूं... मेजबान होने के नाते, पर्यटकों को सुरक्षित वापस भेजना मेरा कर्तव्य था. मैं ऐसा नहीं कर सका. मेरे पास माफी मांगने के लिए शब्द नहीं हैं."
गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत कश्मीर घाटी को हिलाकर रख देने वाले आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों की तलाश कर रहा है और भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को फिर से बढ़ा दिया है.
आदिल हुसैन शाह को याद किया
इसके अलावा अब्दुल्ला ने टट्टू सवार सैयद आदिल हुसैन शाह को याद किया जो हमले के दौरान पर्यटकों को बचाने की कोशिश में मारे गए थे. वह एकमात्र स्थानीय और एकमात्र मुस्लिम थे जो इस नृशंस हमले में मारे गए जिसमें आतंकवादियों ने लोगों की धार्मिक पहचान पूछी उनकी हत्या कर दी. उमर अब्दुल्ला ने कहा, "आदिल ने अपनी जान की परवाह किए बिना कई पर्यटकों को बचाया. उसने अपनी जान दे दी. भागने के बजाय उसने उन्हें बचाने का फैसला किया."
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वह पहलगाम की स्थिति का इस्तेमाल केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की मांग करने के लिए नहीं करेंगे. उन्होंने विधानसभा में बोलते हुए कहा, "मैं शवों पर राज्य का दर्जा नहीं मांगूंगा. हम किसी और मौके पर राज्य का दर्जा मांगेंगे."