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पहलगाम हमला: सुरक्षा में चूक हुई, सर्वदलीय बैठक में सरकार ने माना ! राहुल गांधी बोले- सरकार कोई भी कार्रवाई करे, हमारा पूरा समर्थन - ALL PARTY MEETING

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सिंधु जल संधि निलंबित करने समेत 5 फैसले लिए हैं.

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पहलगाम हमला: राजनाथ की अध्यक्षता में संसद भवन में सर्वदलीय बैठक, दो मिनट का मौन रखा गया (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 24, 2025 at 6:32 PM IST

Updated : April 24, 2025 at 9:04 PM IST

8 Min Read

नई दिल्ली: पहलगाम हमले को लेकर गुरुवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक में अलग-अलग दलों के नेताओं ने आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए निर्णायक कार्रवाई की मांग की. बता दें कि, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने राजनयिक स्तर पर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं.

सरकार की तरफ से संसद भवन में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की. बैठक शुरू होने के बाद दो मिनट का मौन रखा गया और आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि दी गई.

बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, जेपी नड्डा, किरेन रिजिजू समेत सत्ता पक्ष के अन्य मंत्री और बड़े नेता शामिल हुए. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी सर्वदलीय बैठक में भाग लिया. इसके लिए अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी बैठक में भाग लिया.

सर्वदलीय बैठक करीब दो घंटे चली. बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीसीएस की बैठक में पहलगाम में हुई घटना और भारत सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी दी. रिजिजू ने कहा कि यह घटना बहुत दुखद है, जिससे देश में हर कोई चिंतित है. इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने भी आज और कड़ी कार्रवाई करने की मंशा जाहिर की है.

रिजिजू ने कहा कि सभी दलों ने इस बात पर सहमति जताई है कि भारत को एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए. भारत ने पहले भी आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और आगे भी करता रहेगा. सरकार की तरफ से सर्वदलीय बैठक में इस पर चर्चा की गई है.

उन्होंने कहा कि आईबी, गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने घटना के बारे में जानकारी दी कि घटना कैसे हुई और कहां चूक हुई. सभी दलों ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में वे सरकार के साथ हैं. सभी राजनीतिक दलों ने यह संदेश दिया है और सभी दलों के नेताओं ने एक स्वर में कहा है कि सरकार जो भी कदम उठाएगी, हम उसका समर्थन करेंगे. बैठक सकारात्मक नोट पर समाप्त हुई.

सर्वदलीय बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा कि सभी दलों ने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की. विपक्ष ने सरकार को कोई भी कार्रवाई करने के लिए पूरा समर्थन दिया है.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बैठक में मौजूद थे. सभी दलों ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की. हमने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखने के प्रयास किए जाने चाहिए.

सरकार ने माना सुरक्षा में चूक हुई!
सूत्रों के मुताबिक, सर्वदलीय बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने माना कि सुरक्षा में चूक हुई. उन्होंने कहा कि अगर कुछ नहीं हुआ होता तो हम यहां क्यों बैठे होते?

ज्यादातर राजनीतिक दलों ने इंटेलिजेंस फैलियर और वहां पर प्रॉपर सुरक्षा बलों की तैनाती की बात उठाई. राहुल गांधी ने भी पूछा कि जहां घटना हुई वहां सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं थे.

जिस पर सरकार का कहना था कि सामान्य रूप से इस रूट को जून के महीने में खोला जाता है, जब अमरनाथ यात्रा शुरू होती है क्योंकि अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्री इस जगह पर रेस्ट करते हैं लेकिन इस बार लोकल टूर ऑपरेटर्स ने सरकार को बिना जानकारी दिए हुए वहां पर टूरिस्ट की बुकिंग लेनी शुरू कर दी और 20 अप्रैल से वहां पर टूरिस्ट को ले जाना शुरू कर दिया, जिस बात की जानकारी लोकल अथॉरिटीज को नहीं थी. इस वजह से वहां पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात नहीं किया गया, क्योंकि इस जगह पर डेप्लॉयमेंट हर साल जून के महीने में होता है अमरनाथ यात्रा के शुरू होने से पहले.

सूत्रों के मुताबिक, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सिंधु जल संधि को अस्थाई रूप से निष्क्रिय करने के मुद्दे पर कहा कि हमारे पास पानी रखने या रोकने का कोई इंतजाम नहीं है. ऐसे में संधि निलंबित करने का क्या फायदा. इस पर सरकार ने जवाब दिया कि यह सरकार की मंशा जताने और एक संदेश देने के लिए किया गया है और यह बताने के लिए किया गया है कि भारत सरकार का आगे रुख पर क्या होगा.

सूत्रों ने बताया कि बैठक में इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के निदेशक ने 15 मिनट का प्रजेंटेशन दिया.

सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के बाद टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि सुरक्षा चूक पर चर्चा हुई. हमने सरकार को भरोसा दिलाया कि देश हित में सरकार जो भी फैसला लेगी, सभी राजनीतिक दल उसके साथ खड़े रहेंगे.

अमित शाह और जयशंकर ने राष्ट्रपति मुर्मू को दी जानकारी
सर्वदलीय बैठक से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बारे में जानकारी दी.

'पहलगाम हमले पर सभी दलों को एकजुट होना चाहिए: अधीर रंजन
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पहलगाम आतंकी हमले को राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बताया और कहा कि सभी दलों को एकजुट होकर ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है. मुर्शिदाबाद में मीडिया से बात चौधरी ने कहा, "जब देश किसी संकट से गुजरता है, तो सभी विपक्षी दलों के साथ आम चर्चा करके निष्कर्ष पर पहुंचना हर सरकार का कर्तव्य है. सभी विपक्षी दलों की राय जानना भी हर सरकार की जिम्मेदारी है. यह किसी एक पार्टी का नहीं बल्कि देश का मामला है. यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है. हम सभी को एक साथ आकर सभी की सहमति से ठोस कदम उठाने की जरूरत है, इसलिए हमारी पार्टी इस सर्वदलीय बैठक का समर्थन करती है."

वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने पहलगाम आतंकी हमले पर सर्वदलीय बैठक को 'चुनिंदा जनसंपर्क अभ्यास' बताया और छोटी पार्टियों को इससे दूर रखने के लिए सरकार की आलोचना की.

एक बयान में भट्टाचार्य ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सत्ता में मौजूद नेशनल कॉन्फ्रेंस और सीपीआई (एमएल) लिबरेशन जैसी पार्टियों को बैठक से बाहर रखना इस मुद्दे पर सरकार की गंभीरता की कमी को दर्शाता है. भट्टाचार्य ने कहा, "एक बड़े आतंकवादी हमले और सुरक्षा विफलता के मद्देनजर सामूहिक परामर्श के लिए एक वास्तविक सर्वदलीय बैठक आयोजित करने के बजाय, सरकार केवल एक चुनिंदा जनसंपर्क अभ्यास में रुचि रखती है."

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन में घूमने पहुंचे पर्यटकों पर 22 अप्रैल को आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में यह सबसे घातक हमला था.

भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाया
हमले के बाद, भारत ने सीमा पार आतंकवाद के समर्थन के लिए पाकिस्तान के खिलाफ सख्त जवाबी कदम उठाए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक निलंबित करने का फैसला किया जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता है. इसके अलावा अटारी चेक पोस्ट को भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है. पाकिस्तानी उच्चायोग के सभी अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है. साथ ही सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को प्रदान किए गए सभी वीजा को रद्द कर दिया गया है और सभी पाकिस्तानी नागिरकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है.

यह भी पढ़ें- Explained: सिंधु जल संधि क्या है... कब हुआ था समझौता, पाकिस्तान के लिए क्यों जरूरी, जानें सबकुछ

नई दिल्ली: पहलगाम हमले को लेकर गुरुवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक में अलग-अलग दलों के नेताओं ने आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए निर्णायक कार्रवाई की मांग की. बता दें कि, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने राजनयिक स्तर पर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं.

सरकार की तरफ से संसद भवन में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की. बैठक शुरू होने के बाद दो मिनट का मौन रखा गया और आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि दी गई.

बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, जेपी नड्डा, किरेन रिजिजू समेत सत्ता पक्ष के अन्य मंत्री और बड़े नेता शामिल हुए. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी सर्वदलीय बैठक में भाग लिया. इसके लिए अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी बैठक में भाग लिया.

सर्वदलीय बैठक करीब दो घंटे चली. बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीसीएस की बैठक में पहलगाम में हुई घटना और भारत सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी दी. रिजिजू ने कहा कि यह घटना बहुत दुखद है, जिससे देश में हर कोई चिंतित है. इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने भी आज और कड़ी कार्रवाई करने की मंशा जाहिर की है.

रिजिजू ने कहा कि सभी दलों ने इस बात पर सहमति जताई है कि भारत को एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए. भारत ने पहले भी आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और आगे भी करता रहेगा. सरकार की तरफ से सर्वदलीय बैठक में इस पर चर्चा की गई है.

उन्होंने कहा कि आईबी, गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने घटना के बारे में जानकारी दी कि घटना कैसे हुई और कहां चूक हुई. सभी दलों ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में वे सरकार के साथ हैं. सभी राजनीतिक दलों ने यह संदेश दिया है और सभी दलों के नेताओं ने एक स्वर में कहा है कि सरकार जो भी कदम उठाएगी, हम उसका समर्थन करेंगे. बैठक सकारात्मक नोट पर समाप्त हुई.

सर्वदलीय बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा कि सभी दलों ने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की. विपक्ष ने सरकार को कोई भी कार्रवाई करने के लिए पूरा समर्थन दिया है.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बैठक में मौजूद थे. सभी दलों ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की. हमने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखने के प्रयास किए जाने चाहिए.

सरकार ने माना सुरक्षा में चूक हुई!
सूत्रों के मुताबिक, सर्वदलीय बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने माना कि सुरक्षा में चूक हुई. उन्होंने कहा कि अगर कुछ नहीं हुआ होता तो हम यहां क्यों बैठे होते?

ज्यादातर राजनीतिक दलों ने इंटेलिजेंस फैलियर और वहां पर प्रॉपर सुरक्षा बलों की तैनाती की बात उठाई. राहुल गांधी ने भी पूछा कि जहां घटना हुई वहां सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं थे.

जिस पर सरकार का कहना था कि सामान्य रूप से इस रूट को जून के महीने में खोला जाता है, जब अमरनाथ यात्रा शुरू होती है क्योंकि अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्री इस जगह पर रेस्ट करते हैं लेकिन इस बार लोकल टूर ऑपरेटर्स ने सरकार को बिना जानकारी दिए हुए वहां पर टूरिस्ट की बुकिंग लेनी शुरू कर दी और 20 अप्रैल से वहां पर टूरिस्ट को ले जाना शुरू कर दिया, जिस बात की जानकारी लोकल अथॉरिटीज को नहीं थी. इस वजह से वहां पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात नहीं किया गया, क्योंकि इस जगह पर डेप्लॉयमेंट हर साल जून के महीने में होता है अमरनाथ यात्रा के शुरू होने से पहले.

सूत्रों के मुताबिक, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सिंधु जल संधि को अस्थाई रूप से निष्क्रिय करने के मुद्दे पर कहा कि हमारे पास पानी रखने या रोकने का कोई इंतजाम नहीं है. ऐसे में संधि निलंबित करने का क्या फायदा. इस पर सरकार ने जवाब दिया कि यह सरकार की मंशा जताने और एक संदेश देने के लिए किया गया है और यह बताने के लिए किया गया है कि भारत सरकार का आगे रुख पर क्या होगा.

सूत्रों ने बताया कि बैठक में इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के निदेशक ने 15 मिनट का प्रजेंटेशन दिया.

सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के बाद टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि सुरक्षा चूक पर चर्चा हुई. हमने सरकार को भरोसा दिलाया कि देश हित में सरकार जो भी फैसला लेगी, सभी राजनीतिक दल उसके साथ खड़े रहेंगे.

अमित शाह और जयशंकर ने राष्ट्रपति मुर्मू को दी जानकारी
सर्वदलीय बैठक से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बारे में जानकारी दी.

'पहलगाम हमले पर सभी दलों को एकजुट होना चाहिए: अधीर रंजन
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पहलगाम आतंकी हमले को राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बताया और कहा कि सभी दलों को एकजुट होकर ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है. मुर्शिदाबाद में मीडिया से बात चौधरी ने कहा, "जब देश किसी संकट से गुजरता है, तो सभी विपक्षी दलों के साथ आम चर्चा करके निष्कर्ष पर पहुंचना हर सरकार का कर्तव्य है. सभी विपक्षी दलों की राय जानना भी हर सरकार की जिम्मेदारी है. यह किसी एक पार्टी का नहीं बल्कि देश का मामला है. यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है. हम सभी को एक साथ आकर सभी की सहमति से ठोस कदम उठाने की जरूरत है, इसलिए हमारी पार्टी इस सर्वदलीय बैठक का समर्थन करती है."

वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने पहलगाम आतंकी हमले पर सर्वदलीय बैठक को 'चुनिंदा जनसंपर्क अभ्यास' बताया और छोटी पार्टियों को इससे दूर रखने के लिए सरकार की आलोचना की.

एक बयान में भट्टाचार्य ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सत्ता में मौजूद नेशनल कॉन्फ्रेंस और सीपीआई (एमएल) लिबरेशन जैसी पार्टियों को बैठक से बाहर रखना इस मुद्दे पर सरकार की गंभीरता की कमी को दर्शाता है. भट्टाचार्य ने कहा, "एक बड़े आतंकवादी हमले और सुरक्षा विफलता के मद्देनजर सामूहिक परामर्श के लिए एक वास्तविक सर्वदलीय बैठक आयोजित करने के बजाय, सरकार केवल एक चुनिंदा जनसंपर्क अभ्यास में रुचि रखती है."

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन में घूमने पहुंचे पर्यटकों पर 22 अप्रैल को आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में यह सबसे घातक हमला था.

भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाया
हमले के बाद, भारत ने सीमा पार आतंकवाद के समर्थन के लिए पाकिस्तान के खिलाफ सख्त जवाबी कदम उठाए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक निलंबित करने का फैसला किया जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता है. इसके अलावा अटारी चेक पोस्ट को भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है. पाकिस्तानी उच्चायोग के सभी अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है. साथ ही सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को प्रदान किए गए सभी वीजा को रद्द कर दिया गया है और सभी पाकिस्तानी नागिरकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है.

यह भी पढ़ें- Explained: सिंधु जल संधि क्या है... कब हुआ था समझौता, पाकिस्तान के लिए क्यों जरूरी, जानें सबकुछ

Last Updated : April 24, 2025 at 9:04 PM IST
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