नई दिल्ली: कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले की गंभीरता को देखते हुए, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस मामले की जांच अपने हाथों में ले सकती है. सूत्रों के अनुसार, एनआईए की एक टीम बुधवार को पहलगाम का दौरा कर सकती है, जिससे इस मामले की गहन और व्यापक जांच की उम्मीदें बढ़ गई हैं.
गौरतलब है कि पहलगाम में हुआ यह भयावह हमला, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों ने निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाया, भारत के सुरक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य न केवल क्षेत्र में डर का माहौल पैदा करना है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करना भी है.
उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक और सुरक्षा विशेषज्ञ सुलखान सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा, "कश्मीर में आतंकवादी संगठन हमेशा वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए उत्सुक रहते हैं. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भारत यात्रा के दौरान इस तरह का हमला यह दर्शाता है कि वे (आतंकवादी) अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं."
उन्होंने आगे कहा कि इस हमले का एक मकसद पर्यटकों के बीच डर पैदा करना भी है. सिंह ने कहा, "सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. लेकिन अपनी उपस्थिति दिखाने के लिए, आतंकवादियों ने एक पर्यटक स्थल पर हमला किया."
टीआरएफ की संलिप्तता
प्राथमिक जांच में पता चला है कि इस हमले में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) का हाथ हो सकता है. टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी भी ली है. गृह मंत्रालय ने पहले ही जनवरी 2023 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत टीआरएफ पर प्रतिबंध लगा दिया था. यह संगठन 5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार द्वारा धारा 370 को निरस्त करने के बाद अस्तित्व में आया था. टीआरएफ लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों से अपने सदस्यों की भर्ती करता है.
2022 के आंकड़ों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में मारे गए कुल 172 आतंकवादियों में से 108 टीआरएफ से जुड़े थे, जो इस संगठन की क्षेत्र में सक्रियता को दर्शाता है.
अमेरिकी उपराष्ट्रपति की यात्रा और अमरनाथ यात्रा से जुड़ाव
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस 21 से 24 अप्रैल तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला जानबूझकर वेंस की यात्रा के दौरान किया गया ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इस मुद्दे पर खींचा जा सके.
इसके अलावा, यह हमला अमरनाथ यात्रा से पहले हुआ है, जो 3 जुलाई से शुरू होने वाली है और 9 अगस्त तक चलेगी. इस संदर्भ में, सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी ने कहा, "यह हमला वार्षिक अमरनाथ यात्रा से पहले भय का माहौल पैदा करने का प्रयास भी है. मेरा मानना है कि हमारी सुरक्षा एजेंसियां निश्चित रूप से ऐसे हमलों का मुकाबला करने के लिए कड़ी कार्रवाई करेंगी."
कश्मीर के पर्यटन उद्योग को निशाना बनाना
विशेषज्ञों का मानना है कि इस हमले का उद्देश्य कश्मीर के बढ़ते पर्यटन उद्योग को भी नुकसान पहुंचाना है. सिंह ने कहा कि यह घटना कश्मीर घाटी में पर्यटन क्षेत्र में आ रही समृद्धि और सामान्य स्थिति की कहानियों को बाधित करने का प्रयास है.
केंद्र सरकार की पहल
केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हाल ही में संसद में बताया था कि उनका मंत्रालय ‘स्वदेश दर्शन’, ‘राष्ट्रीय तीर्थयात्रा पुनरुद्धार और आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान (प्रसाद)’ और ‘पर्यटन अवसंरचना विकास के लिए केंद्रीय एजेंसियों को सहायता’ योजनाओं के तहत जम्मू-कश्मीर सहित देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर पर्यटन से संबंधित सुविधाओं के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है. यह हमला इन प्रयासों पर पानी फेरने की कोशिश है.
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