जम्मू: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार की दोपहर बड़ा आतंकी हमला हुआ. जिसमें दो विदेशी पर्यटकों समेत 26 लोगों की मौत होने की खबर है. दिल दहला देने वाली इस घटना के बाद कश्मीर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई. अनंतनाग तथा आसपास के जिलों में सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया है. हमलावरों की तलाश में ड्रोन, हेलीकॉप्टर, खोजी कुत्ते और अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं.
सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग जिले की सीमा से लगे डोडा और किश्तवाड़ जिलों के ऊपरी इलाकों में चौकसी बढ़ा दी है. वन क्षेत्रों में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बल पहले से ही दोनों जिलों के ऊपरी इलाकों में चौकसी बढ़ा रहे थे. अब पहलगाम हमले के बाद चौकसी और बढ़ा दी गई है. डोडा और किश्तवाड़ दोनों जिलों का बड़ा हिस्सा दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले से जुड़ा हुआ है. घने जंगल के कारण आतंकवादी इसका लाभ उठाते रहे हैं.

डोडा-किश्तवाड़-रामबन (डीकेआर) रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) श्रीधर पाटिल ने ईटीवी भारत को बताया कि, "दोनों जिलों में सुरक्षा बल पहले से ही अलर्ट पर हैं और हम पहलगाम आतंकी हमले के बाद उत्पन्न स्थिति को लेकर भी सतर्क हैं."

चेनाब घाटी में उभरती सुरक्षा स्थिति पर नजर रखने वाले एक खुफिया अधिकारी ने दावा किया, "चूंकि पहलगाम कश्मीर घाटी के अंदरूनी इलाकों में है और नियंत्रण रेखा (एलओसी) या अंतरराष्ट्रीय सीमा तक इसकी सीधी पहुंच नहीं है, इसलिए आतंकवादी सुरक्षा बलों की पकड़ से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों की तलाश कर सकते हैं और डोडा और किश्तवाड़ जिले नजदीक होने और घने जंगलों के कारण आतंकवादी इन क्षेत्रों में भागने की कोशिश कर सकते हैं."
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