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भारत में एक लाख से अधिक सिंगल-टीचर वाले स्कूल, 33 लाख से अधिक छात्रों को दे रहे शिक्षा: आंकड़े

आंध्र प्रदेश में 12,912, उत्तर प्रदेश में 9,508, झारखंड में 9,1720, महाराष्ट्र में 8,152, कर्नाटक में 7,349 सिंगल टीचर वाले स्कूल हैं.

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भारत में एक लाख से अधिक सिंगल-टीचर वाले स्कूल (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : October 12, 2025 at 5:16 PM IST

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नई दिल्ली: आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देशभर में 33 लाख से ज़्यादा छात्र एक लाख से अधिक सिंगल-टीचर स्कूलों में एनरोल हैं. आंध्र प्रदेश में ऐसे स्कूलों की संख्या सबसे ज्यादा है और उत्तर प्रदेश सबसे ज़्यादा छात्रों के एनरोल के साथ सबसे आगे है.

शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में भारत में 1,04,125 स्कूल ऐसे थे, जिनका संचालन सिंगल टीचर द्वारा किया जाता था और ऐसे स्कूलों में कुल 33,76,769 छात्र पढ़ते थे - यानी औसतन प्रति स्कूल लगभग 34 छात्र.

आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा सिंगल टीचर स्कूल
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 प्राइमरी लेवल (कक्षा 1-5) पर 30 बच्चों पर एक और अपर प्राइमरी लेवल (कक्षा 6-8) पर 35 बच्चों पर 1 का छात्र-शिक्षक अनुपात (पीटीआर) अनिवार्य करता है. देश में सबसे ज्यादा सिंगल टीचर स्कूल आंध्र प्रदेश में हैं, उसके बाद उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक और लक्षद्वीप का नंबर आता है.

हालांकि, सिंगल टीचर वाले स्कूलों में छात्रों के नामांकन की बात करें तो उत्तर प्रदेश इस लिस्ट में सबसे ऊपर है, उसके बाद झारखंड, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश का स्थान है. सिंगल टीचर स्कूलों की संख्या 2022-23 में 1,18,190 से घटकर 2023-24 में 1,10,971 हो गई, जो लगभग छह प्रतिशत की गिरावट दर्ज करती है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "सरकार स्कूलों के विलय और स्कूलों के मर्जर के माध्यम से सीखने के परिणामों में सुधार लाने और उपलब्ध संसाधनों का सर्वोत्तम संभव उपयोग करने के मिशन पर है." अधिकारी ने कहा, "सिंगल टीचरवाले स्कूल लर्निंग प्रोसेस में बाधा डालते हैं, इसलिए शिक्षकों की अधिकतम उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जीरो स्टू़डेंट एनरोल वाले स्कूलों से सिंगल टीचर वाले स्कूलों में टीचर्स को फिर से तैनात करने के प्रयास किए जा रहे हैं."

दिल्ली में नौ सिंगल-टीचर स्कूल
आंध्र प्रदेश में 12,912, उत्तर प्रदेश में 9,508, झारखंड में 9,1720, महाराष्ट्र में 8,152, कर्नाटक में 7,349, लक्षद्वीप में 7,217, मध्य प्रदेश में 7,217, पश्चिम बंगाल में 6,482, राजस्थान में 6,117, छत्तीसगढ़ में 5,973 और तेलंगाना में (5,001) सिंगल टीचर स्कूल हैं. केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी, लद्दाख, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव और चंडीगढ़ में कोई सिंगल टीचर वाला स्कूल नहीं है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में केवल चार ऐसे स्कूल हैं.

छात्र नामांकन के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे
सिंगल टीचर वाले स्कूल में छात्र नामांकन के मामले में, उत्तर प्रदेश 6,24,327 छात्रों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद झारखंड 4,36,480 छात्रों के साथ, पश्चिम बंगाल 2,35,494 छात्रों के साथ, मध्य प्रदेश 2,29,095 छात्रों के साथ, कर्नाटक 2,23,142 छात्रों के साथ, आंध्र प्रदेश 1,97,113 छात्रों के साथ, और राजस्थान 1,72,071 छात्रों के साथ दूसरे स्थान पर है.

प्रति स्कूल औसत छात्र नामांकन की बात करें तो चंडीगढ़ और दिल्ली क्रमशः 1,222 और 808 प्रति स्कूल छात्रों की संख्या के साथ सबसे आगे हैं. दूसरी ओर, लद्दाख, मिजोरम, मेघालय और हिमाचल प्रदेश में प्रति स्कूल नामांकन दर काफी कम है, जो क्रमशः 59, 70, 73 और 82 है.

अधिकारी ने बताया, "प्रति स्कूल छात्रों की उच्च संख्या स्कूल के बुनियादी ढांचे के उपयोग का संकेत देती है और कम नामांकन वाले स्कूलों का वर्तमान में विलय किया जा रहा है, ताकि इष्टतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सके."

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