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ऑपरेशन सिंधु जारी: अब तक 517 भारतीय ईरान से सुरक्षित लौटे, मोदी सरकार को दिया धन्यवाद - OPERATION SINDHU

21 जून को तुर्कमेनिस्तान के अश्गाबात से एक विशेष उड़ान से कई नागरिकों को सुरक्षित दिल्ली लाया गया.

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अब तक 517 भारतीय ईरान से सुरक्षित लौटे (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : June 21, 2025 at 10:19 AM IST

3 Min Read

नई दिल्ली: ईरान और इजराइल के बीच सैन्य संघर्ष के कारण वहां फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लौटाने के लिए भारत सरकार का ऑपरेशन सिंधु जारी है. इस अभियान के तहत अब तक 517 भारतीय नागरिक ईरान से भारत वापस आ चुके हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस बात की पुष्टि की है.

तुर्कमेनिस्तान से विशेष निकासी उड़ान
21 जून को तुर्कमेनिस्तान के अश्गाबात से एक विशेष निकासी उड़ान नई दिल्ली पहुंची, जिसमें ईरान में फंसे भारतीय नागरिक सवार थे. यह उड़ान ऑपरेशन सिंधु का हिस्सा थी, जो तेजी से भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित कर रही है.

भारत सरकार की समन्वित कोशिशें
विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास ने ईरान में फंसे नागरिकों की सुरक्षा और आवाजाही का समन्वय किया. केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर निकासी, परिवहन और पुनर्वास के काम को प्रभावी ढंग से अंजाम दिया. इस समन्वित प्रयास से हजारों परिवारों को राहत मिली है.

नागरिकों की अनुभव और धन्यवाद
ईरान से निकाले गए ज़फर अब्बास नकवी ने भारत सरकार की त्वरित और समर्पित कार्रवाई की सराहना की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. नकवी ने बताया कि ईरान में मशहद तक भी हमले हुए, और भारत सरकार की मदद से वे सुरक्षित वापस आ सके.

कुलसुम नामक महिला नागरिक ने भी स्थिति की गंभीरता बताते हुए सरकार की मदद को अमूल्य बताया. उन्होंने कहा कि धार्मिक यात्रा के दौरान वह ईरान में थीं, जहां हालात चिंताजनक थे, लेकिन सरकार और यूपी सरकार की मदद से वे सुरक्षित घर लौट पाईं.

छात्र निकासी: पहला जत्था और उसकी यात्रा
ऑपरेशन सिंधु के पहले चरण में 110 भारतीय छात्रों को, जिनमें 90 कश्मीरी छात्र भी शामिल थे, उत्तरी ईरान से निकालकर आर्मेनिया ले जाया गया. वहां से वे सुरक्षित नई दिल्ली पहुंचे. ये छात्र मुख्यतः उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र थे.

13 जून को इजरायल ने ईरानी सैन्य और परमाणु स्थलों पर हवाई हमला किया, जिसे "ऑपरेशन राइजिंग लायन" कहा गया. इसका जवाब ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3' के तहत ड्रोन और मिसाइल हमलों से दिया. इस तनावपूर्ण स्थिति के बीच भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए ऑपरेशन सिंधु शुरू किया गया.

ऑपरेशन सिंधु भारत सरकार की मानवीय प्रतिबद्धता का परिचायक है, जो संकट के समय अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है. केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों से यह अभियान सफल रहा है और आगे भी ऐसे संकटों में भारत अपनी नागरिकों की मदद के लिए तत्पर रहेगा.

यह भी पढ़ें- इजराइल में फंसे बहराइच के 150 युवक, बताया- सायरन बजते ही बंकर में छिप रहे, परिजन बोले- सरकार वापस लाए

नई दिल्ली: ईरान और इजराइल के बीच सैन्य संघर्ष के कारण वहां फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लौटाने के लिए भारत सरकार का ऑपरेशन सिंधु जारी है. इस अभियान के तहत अब तक 517 भारतीय नागरिक ईरान से भारत वापस आ चुके हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस बात की पुष्टि की है.

तुर्कमेनिस्तान से विशेष निकासी उड़ान
21 जून को तुर्कमेनिस्तान के अश्गाबात से एक विशेष निकासी उड़ान नई दिल्ली पहुंची, जिसमें ईरान में फंसे भारतीय नागरिक सवार थे. यह उड़ान ऑपरेशन सिंधु का हिस्सा थी, जो तेजी से भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित कर रही है.

भारत सरकार की समन्वित कोशिशें
विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास ने ईरान में फंसे नागरिकों की सुरक्षा और आवाजाही का समन्वय किया. केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर निकासी, परिवहन और पुनर्वास के काम को प्रभावी ढंग से अंजाम दिया. इस समन्वित प्रयास से हजारों परिवारों को राहत मिली है.

नागरिकों की अनुभव और धन्यवाद
ईरान से निकाले गए ज़फर अब्बास नकवी ने भारत सरकार की त्वरित और समर्पित कार्रवाई की सराहना की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. नकवी ने बताया कि ईरान में मशहद तक भी हमले हुए, और भारत सरकार की मदद से वे सुरक्षित वापस आ सके.

कुलसुम नामक महिला नागरिक ने भी स्थिति की गंभीरता बताते हुए सरकार की मदद को अमूल्य बताया. उन्होंने कहा कि धार्मिक यात्रा के दौरान वह ईरान में थीं, जहां हालात चिंताजनक थे, लेकिन सरकार और यूपी सरकार की मदद से वे सुरक्षित घर लौट पाईं.

छात्र निकासी: पहला जत्था और उसकी यात्रा
ऑपरेशन सिंधु के पहले चरण में 110 भारतीय छात्रों को, जिनमें 90 कश्मीरी छात्र भी शामिल थे, उत्तरी ईरान से निकालकर आर्मेनिया ले जाया गया. वहां से वे सुरक्षित नई दिल्ली पहुंचे. ये छात्र मुख्यतः उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र थे.

13 जून को इजरायल ने ईरानी सैन्य और परमाणु स्थलों पर हवाई हमला किया, जिसे "ऑपरेशन राइजिंग लायन" कहा गया. इसका जवाब ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3' के तहत ड्रोन और मिसाइल हमलों से दिया. इस तनावपूर्ण स्थिति के बीच भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए ऑपरेशन सिंधु शुरू किया गया.

ऑपरेशन सिंधु भारत सरकार की मानवीय प्रतिबद्धता का परिचायक है, जो संकट के समय अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है. केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों से यह अभियान सफल रहा है और आगे भी ऐसे संकटों में भारत अपनी नागरिकों की मदद के लिए तत्पर रहेगा.

यह भी पढ़ें- इजराइल में फंसे बहराइच के 150 युवक, बताया- सायरन बजते ही बंकर में छिप रहे, परिजन बोले- सरकार वापस लाए

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