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अनुच्छेद 370 की बहाली तक कोई भी आरोप मुझे चुप नहीं करा पाएगा: एनसी सांसद - AGA RUHULLAH MEHDI

श्रीनगर के सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी ने उनके और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ दायर आरोपपत्र को उन्हें चुप कराने का एक 'बचकाना प्रयास' बताया है.

No charges will silence me until restoration of Article 370, says NC MP accused of land compensation fraud
श्रीनगर के सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 14, 2025 at 12:09 AM IST

2 Min Read

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की सत्तारूढ़ पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी ने रविवार को कहा कि अनुच्छेद 370 की बहाली तक कोई भी आरोप या मामला उन्हें चुप नहीं करा पाएगा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भूमि मुआवजा धोखाधड़ी के मामले में मेहदी और उनके पांच करीबी रिश्तेदारों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है.

5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से मुखर रहे श्रीनगर के सांसद रूहुल्लाह ने कहा कि उनके और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ दायर आरोपपत्र अनुच्छेद 370 की बहाली, अल्पसंख्यकों और मुस्लिम अधिकारों और वक्फ अधिनियम जैसे मुद्दों के बारे में बोलने के बारे में उन्हें चुप कराने का एक 'बचकाना प्रयास' है.

बडगाम में अपने आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि आरोप और निराधार आरोपपत्र 'एसीबी जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग करके सरकार द्वारा उन्हें डराने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है. उन्होंने कहा, "मैं चुप नहीं रहूंगा और न ही डरूंगा. मैं उस दिन चुप हो जाऊंगा, जब अनुच्छेद 370 बहाल हो जाएगा, मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार बंद हो जाएंगे और जम्मू-कश्मीर के संवैधानिक अधिकार बहाल हो जाएंगे."

जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रूहुल्लाह, उनके पांच करीबी चाचाओं और चचेरे भाइयों और 16 अन्य सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों और बडगाम और बेमिना के भूमि मालिकों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया, जिसमें उन पर 38.20 लाख रुपये के भूमि मुआवजे में धोखाधड़ी करने और राजस्व रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया.

सरकार ने 2010 में श्रीनगर के डल झील निवासियों को बडगाम जिले के राख-ए-एर्थ में पुनर्वासित किया था और मुआवजे के बदले में आगा परिवार से जमीन का कब्जा सरकार ने ले लिया था.

एसीबी ने अपने बयान में कहा कि आगा ने अधिक मुआवजे पाने के लिए ली गई जमीन से अधिक जमीन दिखाई. आरोपपत्र में इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए रूहुल्लाह ने कहा कि उनके दादा आगा सैयद मुस्तफा के पास राख-ए-एर्थ में 90 कनाल जमीन थी, जिसे सरकार ने डल झील के निवासियों के पुनर्वास के लिए ले लिया था.

यह भी पढ़ें- नौकरी की तलाश में बैंकॉक निकला कश्मीरी युवक, म्यांमार में फंसा, महीनों की मशक्कत के बाद पहुंचा घर

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की सत्तारूढ़ पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी ने रविवार को कहा कि अनुच्छेद 370 की बहाली तक कोई भी आरोप या मामला उन्हें चुप नहीं करा पाएगा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भूमि मुआवजा धोखाधड़ी के मामले में मेहदी और उनके पांच करीबी रिश्तेदारों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है.

5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से मुखर रहे श्रीनगर के सांसद रूहुल्लाह ने कहा कि उनके और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ दायर आरोपपत्र अनुच्छेद 370 की बहाली, अल्पसंख्यकों और मुस्लिम अधिकारों और वक्फ अधिनियम जैसे मुद्दों के बारे में बोलने के बारे में उन्हें चुप कराने का एक 'बचकाना प्रयास' है.

बडगाम में अपने आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि आरोप और निराधार आरोपपत्र 'एसीबी जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग करके सरकार द्वारा उन्हें डराने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है. उन्होंने कहा, "मैं चुप नहीं रहूंगा और न ही डरूंगा. मैं उस दिन चुप हो जाऊंगा, जब अनुच्छेद 370 बहाल हो जाएगा, मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार बंद हो जाएंगे और जम्मू-कश्मीर के संवैधानिक अधिकार बहाल हो जाएंगे."

जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रूहुल्लाह, उनके पांच करीबी चाचाओं और चचेरे भाइयों और 16 अन्य सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों और बडगाम और बेमिना के भूमि मालिकों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया, जिसमें उन पर 38.20 लाख रुपये के भूमि मुआवजे में धोखाधड़ी करने और राजस्व रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया.

सरकार ने 2010 में श्रीनगर के डल झील निवासियों को बडगाम जिले के राख-ए-एर्थ में पुनर्वासित किया था और मुआवजे के बदले में आगा परिवार से जमीन का कब्जा सरकार ने ले लिया था.

एसीबी ने अपने बयान में कहा कि आगा ने अधिक मुआवजे पाने के लिए ली गई जमीन से अधिक जमीन दिखाई. आरोपपत्र में इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए रूहुल्लाह ने कहा कि उनके दादा आगा सैयद मुस्तफा के पास राख-ए-एर्थ में 90 कनाल जमीन थी, जिसे सरकार ने डल झील के निवासियों के पुनर्वास के लिए ले लिया था.

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