नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में एक महत्वपूर्ण आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने और 2047 तक 'विकसित भारत' के सपने को साकार करने के लिए सभी राज्यों को मिलकर काम करना होगा.
नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित इस बैठक में 24 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों ने भाग लिया. बैठक का मुख्य विषय "विकसित भारत@2047 के लिए विकसित राज्य" था, जो स्पष्ट रूप से देश के विकास में राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है.
एक साझा लक्ष्य, एक साझा आकांक्षा: प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि 'विकसित भारत' का सपना किसी एक राजनीतिक दल का एजेंडा नहीं है, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों की सामूहिक आकांक्षा है. उन्होंने कहा कि अगर सभी राज्य एक साथ मिलकर इस लक्ष्य के लिए काम करें, तो देश तेजी से प्रगति करेगा. उन्होंने हर राज्य, हर शहर और हर गांव के विकास के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि 2047 से पहले ही इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है.
भारत की प्रगति और राज्यों की भूमिका: प्रधानमंत्री ने भारत की आर्थिक प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है और 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ चुके हैं. उन्होंने इस गति को और तेज करने की आवश्यकता पर बल दिया और राज्यों को अपनी विनिर्माण शक्तियों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि भारत ने एक विनिर्माण मिशन की घोषणा की है और वैश्विक निवेशक देश में रुचि दिखा रहे हैं, इसलिए राज्यों को निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाना चाहिए.
कौशल विकास पर जोर: प्रधानमंत्री मोदी ने कौशल विकास को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि एनईपी (नई शिक्षा नीति) शिक्षा और कौशल पर विशेष ध्यान देती है. उन्होंने राज्यों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), सेमीकंडक्टर और 3D प्रिंटिंग जैसी आधुनिक तकनीकों से जुड़े विभिन्न कौशलों की योजना बनाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि भारत अपने जनसांख्यिकीय लाभांश के कारण दुनिया की कौशल राजधानी बन सकता है. कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा 60,000 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है और राज्यों को आधुनिक प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे और ग्रामीण प्रशिक्षण केंद्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र: बैठक में प्रधानमंत्री ने साइबर सुरक्षा को चुनौती और अवसर दोनों के रूप में रेखांकित किया. उन्होंने हाइड्रोजन और हरित ऊर्जा को अपार संभावनाओं और अवसरों का क्षेत्र बताया. जी-20 शिखर सम्मेलन ने भारत को वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में पहचान दिलाने में मदद की है, और राज्यों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए. उन्होंने राज्यों से कम से कम एक ऐसा पर्यटन स्थल विकसित करने का आग्रह किया जो वैश्विक मानकों और अपेक्षाओं को पूरा करता हो.
शहरीकरण और नारी शक्ति: प्रधानमंत्री ने भारत में तेजी से हो रहे शहरीकरण पर भी ध्यान आकर्षित किया और राज्यों से शहरों को स्थिरता और विकास का इंजन बनाने के लिए कहा. उन्होंने टियर 2 और टियर 3 शहरों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया और बताया कि सीड मनी के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का शहरी चुनौती कोष बनाया जा रहा है. उन्होंने भारत की नारी शक्ति की विशाल ताकत पर जोर दिया और महिलाओं के लिए कानून बदलने का आग्रह किया ताकि वे विकास की राह पर चल सकें.
पानी की कमी और बाढ़ से निपटने की तैयारी: प्रधानमंत्री ने राज्यों को पानी की कमी और बाढ़ से निपटने के लिए राज्यों के भीतर नदियों को जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने बिहार की सराहना की, जिसने हाल ही में कोसी-मेची कनेक्शन ग्रिड शुरू किया है. उन्होंने आकांक्षी जिला कार्यक्रम की भी सराहना की, जो सामूहिक प्रयासों से सफल रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें कृषि में लैब-टू-फार्म पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने विकसित कृषि संकल्प अभियान के बारे में बात की, जिसमें आने वाले दिनों में लगभग 2,500 वैज्ञानिक फसल विविधीकरण और रसायन मुक्त खेती जैसे विषयों पर विचार-विमर्श करने के लिए गांवों और ग्रामीण केंद्रों में जाएंगे. उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों से इस प्रयास का समर्थन करने को कहा.
स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान: प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हमें ऑक्सीजन संयंत्रों की जांच करनी चाहिए और किसी भी कोविड से संबंधित चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्यों को टेलीमेडिसिन का विस्तार करने की जरूरत है ताकि जिला अस्पतालों और ई-संजीवनी से अच्छे डॉक्टरों को जोड़ा जा सके और टेलीकंसल्टेशन लाभ उपलब्ध कराया जाए.
प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि ऑपरेशन सिंदूर को एक बार की पहल के रूप में नहीं माना जाना चाहिए और हमें दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि हमें नागरिक तैयारियों के लिए अपने दृष्टिकोण को आधुनिक बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हालिया मॉक ड्रिल ने नागरिक सुरक्षा पर हमारा ध्यान फिर से जगाया है और राज्यों को नागरिक सुरक्षा तैयारियों को संस्थागत बनाना चाहिए.
मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों ने ऑपरेशन सिंदूर की सटीक और लक्षित हमलों के लिए प्रशंसा की, जिससे आतंकी ढांचे को नष्ट किया गया. उन्होंने एक स्वर में प्रधानमंत्री के नेतृत्व और सशस्त्र बलों की वीरता की प्रशंसा की. उन्होंने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में किए गए प्रयासों की भी प्रशंसा की, जिसने रक्षा बलों को मजबूत किया है और हमारी क्षमता में विश्वास बढ़ाया है.
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