चंडीगढ़: पंजाब के खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह के चाचा प्रगट सिंह और उनके रिश्तेदारों के घर पर एनआईए ने आज शुक्रवार सुबह छापेमारी की. जानकारी के मुताबिक अमृतसर और मोगा में छापेमारी हुई. एनआईए की यह छापेमारी सुबह 5 से 6 बजे के बीच की गई है. अमृतपाल एनएसए के तहत असम जेल में बंद है.
#WATCH | NIA is conducting raids at multiple locations in Punjab's Moga, Amritsar, Gurdaspur and Jalandhar districts in connection with a terror conspiracy case.
— ANI (@ANI) September 13, 2024
Visuals from the residence of relatives of independent MP and Waris Punjab De Chief Amritpal Singh, in Khadoor Sahib. pic.twitter.com/7eCBCHn6wt
सांसद अमृतपाल के चाचा के घर पर छापेमारी
इसके अलावा एनआईए की टीम राई में एक फर्नीचर व्यापारी के घर पर भी छापेमारी के लिए पहुंची. इसके साथ ही सांसद अमृतपाल सिंह के समर्थक व करीबी रिश्तेदार के राया फेरूमां स्थित निवास संधू फर्नीचर हाउस पर भी छापेमारी की गई. जानकारी के अनुसार अमृतपाल सिंह के चाचा के घर छापेमारी के बाद एनआईए सुखचैन सिंह को अपने साथ ले गई है. साथ ही घर में रखे एक डीवीआर को भी टीम ने अपने कब्जे में ले लिया है.
मोगा में कविशर मक्खन सिंह मुसाफर के घर पर छापेमारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार एनआईए की टीम ने मोगा के बाघापुराना के कस्बा स्मालसर में सुबह करीब छह बजे कविशर मक्खन सिंह मुसाफर के घर पर छापेमारी की. यह छापेमारी किस मामले में की गई है, इस बारे में अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है. इस मामले में अभी कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है.
एनआइए कर रही है परेशान
सांसद अमृतपाल सिंह की टीम के सदस्य चरणदीप सिंह भिंडर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमें पता चला कि सुबह पांच बजे एनआईए ने फर्नीचर के मालिक भाई परहत सिंह संधू जो भाई अमृतपाल सिंह के चाचा भी हैं, के घर पर छापा मारा. उन्होंने कहा कि हमारी टीम को नाजायज तरीके से परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह पैसे ऐंठ रहे थे और उन्हें दबाने के लिए एनएसए लगाया गया और अब उनके साथियों को एनआईए परेशान कर रही है.
इसके साथ ही चरणदीप सिंह भिंडर ने कहा कि भारत सरकार सांसद अमृतपाल सिंह की रिहाई के लिए 19 अगस्त को सिख संगठनों द्वारा किए गए सम्मेलन से डरी हुई है, जिसके चलते ऐसी कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि पंजाब में और भी कई अपराध हो रहे हैं, लेकिन उन पर नकेल नहीं कसी जा रही है और नशा बेचने की बात करने वालों को परेशान किया जा रहा है.