नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के साथ-साथ बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड की राज्य पुलिस को तीनों राज्यों के विभिन्न स्थानों में छिपे हुए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के बारे में अलर्ट जारी किया है. एनआईए को यह इनपुट माओवादी गतिविधियों में शामिल कई संदिग्धों से पूछताछ के बाद मिला.
पिछले मंगलवार को एनआईए ने बिहार के दूरदराज इलाकों से 3-3 किलोग्राम के दो आईईडी बरामद किए थे.
सोमवार को एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने ईटीवी भारत का बताया, "हमें राज्य के विभिन्न स्थानों से और अधिक छिपे हुए आईईडी का पता चलने की उम्मीद है."
अधिकारी के अनुसार, चूंकि सुरक्षा एजेंसियां माओवाद प्रभावित राज्यों में उनके गढ़ में माओवादियों को निशाना बना रही हैं, इसलिए अपनी धमक दिखाने के उद्देश्य से माओवादी आईईडी विस्फोट कर तोड़फोड़ करने की कोशिश करेंगे.
गिरफ्तार माओवादियों और उनके समर्थकों से पूछताछ की जानकारी रखने वाले अधिकारी ने बताया, "बड़े पैमाने पर चल रहे माओवादी विरोधी अभियान के कारण उग्रवादियों के लिए सुरक्षा बलों पर हथियारों और गोला-बारूद के साथ हमला करना मुश्किल हो गया है. इसलिए, वे निश्चित रूप से विभिन्न स्थानों पर आईईडी लगाने की कोशिश करेंगे."
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह बिहार पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ मिलकर काम कर रही एनआईए ने बिहार के गया जिले के एक वन क्षेत्र में सीपीआई (माओवादी) कैडरों द्वारा छिपाए गए दो आईईडी बरामद किए थे.
गुप्त सूचना के आधार पर एनआईए टीम ने राज्य के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और सीआरपीएफ के साथ मिलकर दुर्गम वन क्षेत्र में आईईडी का पता लगाने के लिए सुरक्षित अभियान की योजना बनाई.
एनआईए ने कहा, "तलाशी अभियान के दौरान दो आईईडी बरामद किए गए, जिनमें से प्रत्येक का वजन लगभग 3 किलोग्राम था और इन्हें कारी पहाड़ी (Kari Pahadi) की दो चट्टानों के बीच जमीन के नीचे छिपाया गया था."
दरअसल, यह बरामदगी गया के लुटुवा इलाके के भुसिया जंगल में प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) द्वारा दो आईईडी छिपाए जाने की खुफिया जानकारी पर आधारित थी. एनआईए ने सूचना का विश्लेषण करने के बाद एक टीम को इलाके में भेजा.
अधिकारी ने कहा, "हमारा मानना है कि ऐसे कई अन्य स्थान हैं जहां माओवादियों ने आईईडी लगाए होंगे."
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि झारखंड के चाईबासा के सारंडा जंगलों में सुरक्षा बलों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए माओवादियों ने कई आईईडी लगाए हैं.
कुछ घंटों में बनाया जा सकता IED
ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रसिद्ध सुरक्षा विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीके खन्ना ने कहा कि आईईडी सुरक्षा बलों के लिए एक चुनौती बन गया है, क्योंकि इसके घटक बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं और किसी विशेषज्ञ द्वारा कुछ ही घंटों में इसे बनाया जा सकता है.
ब्रिगेडियर खन्ना ने कहा, "वे (माओवादी) सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर पहले से ही चुनिंदा स्थानों पर आईईडी लगा सकते हैं. यह निश्चित रूप से घने जंगलों में छिपे माओवादी कैडर के खिलाफ सुरक्षा अभियानों के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर रहा है."
छत्तीसगढ़ में एक महीने में 96 आईईडी बरामद
बीते मार्च महीने में छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ और राज्य पुलिस की संयुक्त टीम ने 96 आईईडी के अलावा 348 डेटोनेटर, 29.3 किलोग्राम विस्फोटक और दो जिलेटिन छड़ें बरामद कीं.
इस वर्ष जनवरी में छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में आठ सुरक्षाकर्मी और एक नागरिक मारे गए थे.
पिछले महीने, छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में विशेष कार्य बल के जवानों को ले जा रहे एक वाहन पर माओवादियों द्वारा शक्तिशाली आईईडी विस्फोट के बाद गोलीबारी किए जाने से दो सुरक्षाकर्मी और एक नागरिक चालक घायल हो गए थे.
दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर क्षेत्र में 2023 में माओवादियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोटों में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के 10 जवान और एक नागरिक चालक मारे गए थे.
यह भी पढ़ें- मुर्शिदाबाद हिंसा का PFI और SIMI से कनेक्शन? राष्ट्रपति शासन की उठी मांग, शुभेंदु अधिकारी का बड़ा दावा