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भारत की गली-गली में ब‍िकता है नेपाल का यह प्रोडक्‍ट, जानें कौन हैं इसे बनाने वाले बिनोद चौधरी? - BINOD CHAUDHARY

नेपाल के कारोबारी बिनोद चौधरी ने एक ऐसा प्रोडक्ट बनाया, जो भारत की गली-गली में बिकता है.

Binod Chaudhary
बिनोद चौधरी (X@Binod Chaudhary)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : March 19, 2025 at 4:48 PM IST

2 Min Read

नई दिल्ली: बिनोद चौधरी भारत के पड़ोसी देश नेपाल के सबसे अमीर शख्‍स हैं. वह नेपाली मुल्‍क के इकलौते अरबपति हैं. बिनोद चौधरी ने अपने कारोबार की शुरुआत बहुत छोटे लेवल से की थी. हालांकि, अब वह अरबपति बन चुके हैं. फोर्ब्स के अनुसार चौधरी की नेटवर्थ 15,025 करोड़ रुपये आंकी गई है. आज उनका प्रोडक्ट न सिर्फ नेपाल में बल्कि भारत की भी गली-गली में जमकर बिक रहा है.

हैरान करने वाली बात यह है कि बड़ी संख्या में लोग उनका प्रोडक्ट इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि उसे बनाने वाले कौन हैं. हालांकि, उनका प्रोडक्‍ट मैगी जैसे द‍िग्‍गज आइटम को जमकर टक्‍कर दे रहा है. ऐसे में अगर आप भी नहीं जानते कि नेपाल के अरबपति बिनोद कौन सा प्रोडक्ट बनाते हैं, तो चलिए आज हमको इसी के बारे में बताते हैं.

नूडल्स बनाती है बिनोद चौधरी की कंपनी
काठमांडू में जन्में बिनोद चौधरी की कंपनी नूडल्स बनाती है. नूडल्स बनाने का ख्याल उनके मन में उस समय आया, जब वह एक बार थाईलैंड गए. वहां पर उन्होंने इंस्टेंट नूडल्स की दीवानगी देखी. इसके बाद उन्‍हें नेपाल में इस बिजनेस को शुरू करने का ख्‍याल आया और वापस अपने देश लौट कर आकर उन्होंने अपना ब्रांड वाई-वाई लॉन्च किया.देखते ही देखते नूडल्स नेपाल के लोगों के बीच तेजी से पॉपूलर हो गया और हर घर का पसंद बन गया.

दादा और पिता थे कारोबारी
बता दें कि बिनोध चौधरी का परिवार पहले से ही ब‍िजनेस से जुड़ा हुआ था. उनके दादा ने नेपाल से भारत आकर टेक्‍सटाइल ब‍िजनेस किया. उसके बाद में उनके पिता ने इसका विस्तार किया. वहीं, अगर बात करें बिनोद चौधरी की तो उन्होंने 1990 में सिंगापुर में सिनोवेशन ग्रुप (Cinnovation Group) की स्थापना की. 1995 में उन्होंने दुबई सरकार का नबील बैंक में कंट्रोल‍िंग स्‍टेक हास‍िल क‍िया, जिससे उनके कारोबारी को और मजबूती मिली.

समाजसेवा में भी एक्टिव हैं बिनोद
बिनोद चौधरी सिर्फ बिजनेस ही नहीं, बल्कि समाजसेवा और राजनीति में काफी एक्‍ट‍िव हैं. 2015 में नेपाल में आए भूकंप के दौरान उन्होंने बड़े पैमाने पर राहत कार्य किए. उन्होंने 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि स्कूलों और घरों के पुनर्निर्माण पर खर्च की. इसके अलावा उन्होंने भूकंप पीड़ितों को 500000 पैकेट वाई-वाई नूडल्स, हजारों जूस के कार्टन, खाना और पानी उपलब्ध कराया.

यह भी पढ़ें- घर बैठे मिनटों में रिन्यू कराएं ड्राइविंग लाइसेंस, फॉलो करें ये आसान स्टेप

नई दिल्ली: बिनोद चौधरी भारत के पड़ोसी देश नेपाल के सबसे अमीर शख्‍स हैं. वह नेपाली मुल्‍क के इकलौते अरबपति हैं. बिनोद चौधरी ने अपने कारोबार की शुरुआत बहुत छोटे लेवल से की थी. हालांकि, अब वह अरबपति बन चुके हैं. फोर्ब्स के अनुसार चौधरी की नेटवर्थ 15,025 करोड़ रुपये आंकी गई है. आज उनका प्रोडक्ट न सिर्फ नेपाल में बल्कि भारत की भी गली-गली में जमकर बिक रहा है.

हैरान करने वाली बात यह है कि बड़ी संख्या में लोग उनका प्रोडक्ट इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि उसे बनाने वाले कौन हैं. हालांकि, उनका प्रोडक्‍ट मैगी जैसे द‍िग्‍गज आइटम को जमकर टक्‍कर दे रहा है. ऐसे में अगर आप भी नहीं जानते कि नेपाल के अरबपति बिनोद कौन सा प्रोडक्ट बनाते हैं, तो चलिए आज हमको इसी के बारे में बताते हैं.

नूडल्स बनाती है बिनोद चौधरी की कंपनी
काठमांडू में जन्में बिनोद चौधरी की कंपनी नूडल्स बनाती है. नूडल्स बनाने का ख्याल उनके मन में उस समय आया, जब वह एक बार थाईलैंड गए. वहां पर उन्होंने इंस्टेंट नूडल्स की दीवानगी देखी. इसके बाद उन्‍हें नेपाल में इस बिजनेस को शुरू करने का ख्‍याल आया और वापस अपने देश लौट कर आकर उन्होंने अपना ब्रांड वाई-वाई लॉन्च किया.देखते ही देखते नूडल्स नेपाल के लोगों के बीच तेजी से पॉपूलर हो गया और हर घर का पसंद बन गया.

दादा और पिता थे कारोबारी
बता दें कि बिनोध चौधरी का परिवार पहले से ही ब‍िजनेस से जुड़ा हुआ था. उनके दादा ने नेपाल से भारत आकर टेक्‍सटाइल ब‍िजनेस किया. उसके बाद में उनके पिता ने इसका विस्तार किया. वहीं, अगर बात करें बिनोद चौधरी की तो उन्होंने 1990 में सिंगापुर में सिनोवेशन ग्रुप (Cinnovation Group) की स्थापना की. 1995 में उन्होंने दुबई सरकार का नबील बैंक में कंट्रोल‍िंग स्‍टेक हास‍िल क‍िया, जिससे उनके कारोबारी को और मजबूती मिली.

समाजसेवा में भी एक्टिव हैं बिनोद
बिनोद चौधरी सिर्फ बिजनेस ही नहीं, बल्कि समाजसेवा और राजनीति में काफी एक्‍ट‍िव हैं. 2015 में नेपाल में आए भूकंप के दौरान उन्होंने बड़े पैमाने पर राहत कार्य किए. उन्होंने 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि स्कूलों और घरों के पुनर्निर्माण पर खर्च की. इसके अलावा उन्होंने भूकंप पीड़ितों को 500000 पैकेट वाई-वाई नूडल्स, हजारों जूस के कार्टन, खाना और पानी उपलब्ध कराया.

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