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नीट पेपर लीक के मुख्य आरोपी सिकंदर यादवेन्दु को बड़ी राहत, पटना हाई कोर्ट ने शर्त के साथ दी जमानत - NEET PAPER LEAK

पटना हाईकोर्ट ने NEET पेपर लीक केस में सिकंदर यादवेन्दु को नियमित ज़मानत दी, जबकि सनसनीखेज रूप से मीडिया ने उसे मास्टरमाइंड बताया था-

PATNA HIGH COURT
कॉसेप्ट फोटो (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : April 9, 2025 at 6:31 PM IST

2 Min Read

पटना : बिहार की पटना हाई कोर्ट ने कथित रूप से नीट अंडरग्रेजुएट 2024 की परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक कर परीक्षार्थियों तक पहुंचाने के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे मुख्य अभियुक्त सिकंदर यादवेन्दु को नियमित ज़मानत दी है. इस मामले में मीडिया द्वारा की गई सनसनीखेज़ रिपोर्टिंग ने सिकंदर यादवेन्दु को षड्यंत्र का मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपी के रूप में प्रस्तुत किया, जिससे उनके चरित्र को गंभीर नुकसान हुआ.

'यादवेन्दु का सॉल्वर से कोई संबंध नहीं' : हाईकोर्ट द्वारा दिए गए ज़मानत के निर्णय ने अब उनके पक्ष में स्थिति को स्पष्ट किया है. इस मामले में शास्त्रीनगर थाना कांड संख्या- 358/2024 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. बाद में जांच सीबीआई को सौंप दी गई, जिसने 23 जून, 2024 को इस मामले को अपने रिकॉर्ड पर लिया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अपूर्व हर्ष की दलील थी कि याचिकाकर्ता निर्दोष हैं और उनके विरुद्ध लगाए गए आरोप पूर्णतः निराधार हैं.

PATNA HIGH COURT
पटना हाई कोर्ट (ETV Bharat)

जांच में यादवेन्दु की भूमिका स्पष्ट : जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि सिकंदर यादवेन्दु की भूमिका केवल अपने परिजनों को होटल में कमरा दिलाने तक सीमित थी. उनका पेपर लीक करने या सॉल्वर बैठाने जैसे किसी भी षड्यंत्र से कोई संबंध नहीं पाया गया.

यादवेन्दु को कोर्ट से निर्देश : मीडिया द्वारा किए गए सनसनीखेज़ प्रचार ने उनके परिवार पर गहरा प्रभाव डाला. लेकिन अब कोर्ट द्वारा ज़मानत मिलने के बाद उनका परिवार को बड़ी राहत मिली. साथ ही कोर्ट ने यादवेन्दु को निर्देश दिया है कि वह जांच और पुलिस कार्रवाई में पूरा सहयोग करें.

5 मई 2024 को NEET पेपर लीक मामले में पहले ईओयू फिर सीबीआई ने जांच शुरू की. सीबीआई ने फर्स्ट एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आठ आरोपियों को नामजद किया गया था. इसमें संजीव मुखिया, सिकंदर यादवेंदु, आयुष राज, रॉकी, अमित आनंद, नीतीश कुमार, बिट्टू और अखिलेश के नाम शामिल है. इनमें आज पटना हाईकोर्ट ने यादवेन्दु को सशर्त जमानत दे दी है. इस मामले में कुल 30 से ज्यादा संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

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'यादवेन्दु का सॉल्वर से कोई संबंध नहीं' : हाईकोर्ट द्वारा दिए गए ज़मानत के निर्णय ने अब उनके पक्ष में स्थिति को स्पष्ट किया है. इस मामले में शास्त्रीनगर थाना कांड संख्या- 358/2024 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. बाद में जांच सीबीआई को सौंप दी गई, जिसने 23 जून, 2024 को इस मामले को अपने रिकॉर्ड पर लिया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अपूर्व हर्ष की दलील थी कि याचिकाकर्ता निर्दोष हैं और उनके विरुद्ध लगाए गए आरोप पूर्णतः निराधार हैं.

PATNA HIGH COURT
पटना हाई कोर्ट (ETV Bharat)

जांच में यादवेन्दु की भूमिका स्पष्ट : जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि सिकंदर यादवेन्दु की भूमिका केवल अपने परिजनों को होटल में कमरा दिलाने तक सीमित थी. उनका पेपर लीक करने या सॉल्वर बैठाने जैसे किसी भी षड्यंत्र से कोई संबंध नहीं पाया गया.

यादवेन्दु को कोर्ट से निर्देश : मीडिया द्वारा किए गए सनसनीखेज़ प्रचार ने उनके परिवार पर गहरा प्रभाव डाला. लेकिन अब कोर्ट द्वारा ज़मानत मिलने के बाद उनका परिवार को बड़ी राहत मिली. साथ ही कोर्ट ने यादवेन्दु को निर्देश दिया है कि वह जांच और पुलिस कार्रवाई में पूरा सहयोग करें.

5 मई 2024 को NEET पेपर लीक मामले में पहले ईओयू फिर सीबीआई ने जांच शुरू की. सीबीआई ने फर्स्ट एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आठ आरोपियों को नामजद किया गया था. इसमें संजीव मुखिया, सिकंदर यादवेंदु, आयुष राज, रॉकी, अमित आनंद, नीतीश कुमार, बिट्टू और अखिलेश के नाम शामिल है. इनमें आज पटना हाईकोर्ट ने यादवेन्दु को सशर्त जमानत दे दी है. इस मामले में कुल 30 से ज्यादा संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

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