'चुनाव से पहले बिखर जाएगा NDA..' महागठबंधन का हिस्सा बनने के बाद पशुपति पारस की पहली प्रतिक्रिया
पशुपति पारस ने कहा चुनाव से पहले NDA टूट सकता है साथ ही महागठबंधन के सीट बंटवारा को लेकर भी प्रतिक्रिया दी-

Published : September 8, 2025 at 7:13 PM IST
पटना : RLJP अध्यक्ष पशुपति पारस ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि चुनाव से पहले NDA गठबंधन में खटास आ सकती है और टूट कर बिखर जाएगा. इस दौरान उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा कि महागठबंधन का सीट बंटवारा जल्द ही फाइनल होगा. इसके लिए पशुपति पारस ने बकायदा तारीख भी साझा किया.
NDA गठबंधन पर खतरा : दरअसल, पशुपति पारस से चिराग और मांझी के बीच टकराव को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने दो टूक कहा कि चिराग पासवान और जीतन राम मांझी आपस में टकराने के कगार पर हैं. सीटों के बंटवारे को लेकर अभी एनडीए में सही तरीके से समाधान नहीं हुआ है, और उनके अनुसार चुनाव आते-आते NDA गठबंधन बिखर सकता है, टूट सकता है.
#WATCH पटना (बिहार): RLJP अध्यक्ष पशुपति पारस ने कहा, " मुझे लगता है कि चुनाव आते आते nda गठबंधन टूट जाएगा… 15-20 सितंबर के बीच महागठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा हो सकता है।" pic.twitter.com/BI6xnWBldi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 8, 2025
''मुझको तो लगता है कि चुनाव आते-आते एनडीए गठबंधन बिखर जाएगा, टूट-फूट जाएगा, सही नहीं रहेगा''- पशुपति पारस, अध्यक्ष, आरएलजेपी
महागठबंधन में RLJP की सक्रिय भागीदारी : पशुपति पारस अब महागठबंधन के हिस्सा हो चुके हैं. ऐसे में उन्होंने महागठबंधन पर भी अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि यह गठबंधन लंबा राजनीतिक सफर कर चुका है. अब उनकी पार्टी विधिवत रूप से इसमें शामिल है और भविष्य के कार्यक्रमों में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित रहेगी. ये सवाल इसलिए उठा क्योंकि राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' में पशुपति पारस और उनकी पार्टी की सहभागिता नहीं दिखी थी.
सीट बंटवारे की रूपरेखा : पारस ने कहा कि देशभर में सभी गठबंधन दलों के बीच अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. जानकारी के अनुसार 15 से 20 सितंबर के बीच महागठबंधन का सीट बंटवारा फाइनल हो जाएगा.
'कम सीट लेकर अधिक सीट जीतना समझदारी' : पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने चिराग के 47 से 120 सीटों पर चुनाव लड़ने के दावे पर भी उन्होंने अपनी राय दी. पशुपति पारस ने एक तरह से अपने भतीजे को सलाह भी दि कम सीट लेकर अधिक सीट पर जीत हासिल करना ही समझदारी भरा कदम है.
''कितने सीट पर हम चुनाव लड़ेंगे? यह कोई मायने नहीं रखता. मायने यह रखता है कि कितना हमारे पास जिताऊ उम्मीदवार हैं, कितने हमारे पास संगठनकर्ता हैं, कितना मेरा जनाधार है और जनता के बीच में. जब चुनाव के दरमियान जनता के बीच जाइएगा तो जनता खोजेगी कि आपका संगठनकर्ता कौन है? आपका सही उम्मीदवार कौन है? जिताऊ उम्मीदवार कौन है? अधिक सीट लेना बहुत बुद्धिमानी नहीं है. कम सीट लेकर अधिक सीट जीतना, यह बुद्धिमानी है.''- पशुपति पारस, अध्यक्ष, आरएलजेपी
भतीजे को चाचा की सलाह : पशुपति पारस ने आगे कहा कि जब चुनाव के दौरान नेता जनता के बीच जाएंगे, तो जनता संगठनकर्ता और सही उम्मीदवार को पहचान लेगी. उनका मानना है कि अधिक सीट लेने से बुद्धिमानी नहीं है, कम सीट लेकर अधिक जीत हासिल करना ही समझदारी है. यह कहीं न कहीं भतीजे चिराग को रणनीतिक दिशा देने जैसा भी माना जा सकता है
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