ETV Bharat / bharat

बूढ़ापहाड़ में खत्म हुआ माओवादियों का बिहार लीडरशिप, एक करोड़ के इनामी का बॉडीगार्ड था मनीष यादव - NAXALITE COMMANDER ENCOUNTER

लातेहार में हुई मुठभेड़ में नक्सली कमांडर मनीष यादव मारा गया है. इस पर पांच लाख रुपये का इनाम था.

naxal-manish-yadav-killed-in-encounter-also-maoists-bihar-leadership-end-in-budhapahar
प्रतीकात्मक तस्वीर (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 26, 2025 at 8:23 AM IST

3 Min Read

पलामू: माओवादियों का ट्रेनिंग सेंटर बूढ़ापहाड़ में बिहार का लीडरशिप खत्म हो गया है. लातेहार के महुआडांड़ में सुरक्षबलों के साथ हुई मुठभेड़ में पांच लाख के इनामी नक्सली कमांडर मनीष यादव मारा गया है. मनीष यादव बिहार के गया के छकरबंधा का रहने वाला था.

बूढ़ापहाड़ में मनीष यादव बिहार के इलाके का अंतिम टॉप कमांडर था. मनीष यादव बूढ़ा पहाड़ में पिछले एक दशक से सक्रिय रहा है. माओवादियों के दस्ते में मनीष यादव साधारण कैडर था, लेकिन धीरे-धीरे वह माओवादियों का सबजोनल कमांडर बन गया था. जिस इलाके में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है, उसी इलाके में मनीष का ससुराल भी है.

50 से अधिक नक्सल हमले का आरोपी है मनीष यादव

मनीष यादव लातेहार पलामू, गढ़वा, चतरा, बिहार के गया और औरंगाबाद में 50 से अधिक नक्सल हमले का आरोपी है. बिहार के इलाके में मनीष यादव सक्रिय था और फिर बाद में वह बूढ़ापहाड़ के इलाके में माओवादियों के दस्ते का सदस्य बन गया था. चर्चित कटिया मुठभेड़, जिसमें सीआरपीएफ जवान के पेट में बम प्लांट किया गया था और 13 जवान शहीद हुए थे. इस घटना का मनीष यादव आरोपी रहा है. 2018-19 में गढ़वा के पोलपोल नक्सल हमला हुआ था, इस हमले में छह जवान शहीद हुए थे. इस घटना का भी मुख्य आरोपी मनीष यादव रहा है.

एक करोड़ इनामी का बॉडीगार्ड था मनीष यादव

मुठभेड़ में मार गया इनामी नक्सली मनीष यादव कभी एक करोड़ के इनामी देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद का बॉडीगार्ड हुआ करता था. अरविंद के साथ एक-47 लिए हुए मनीष यादव का तस्वीर वायरल भी हुआ था. 2018 में बूढ़ापहाड़ इलाके में बीमारी से अरविंद की मौत हो गई थी. अरविंद की मौत के बाद मनीष यादव बूढ़ापहाड़ इलाके में बना रहा और बाद में वह सबजोनल कमांडर बन गया. मनीष यादव बूढापहाड़ से लेकर बिहार के छकरबंधा कॉरिडोर का सबसे बड़ा कुरियर था.

तीन दशक तक बूढ़ापहाड़ पर बिहार के लीडरशिप का था कब्जा

झारखंड छत्तीसगढ़ सीमा पर मौजूद बूढ़ापहाड़ का इलाका माओवादियों का ट्रेनिंग सेंटर रहा है. बूढ़ापहाड़ में तीन दशक तक बिहार की लीडरशिप हावी रही है. 2018 तक बिहार के जहानाबाद के रहने वाले देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद बूढ़ापहाड़ का इंचार्ज हुआ करता था. अरविंद की मौत के बाद आंध्र प्रदेश के रहने वाले सुधाकरण कमांडर बना था. सुधाकरण के बाद बिहार के रहने वाले मिथिलेश मेहता, विमल यादव, नवीन यादव और सौरव उर्फ मारकस बाबा बूढ़ापहाड़ का इंचार्ज बना था.

ये भी पढ़ें: मारा गया नक्सली कमांडर! 10 लाख का इनामी भी गिरफ्तार, रात भर चली पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़

लातेहार में नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़, जेजेएमपी सुप्रीमो समेत दो नक्सली ढेर

जेजेएमपी सुप्रीमो पप्पू लोहरा पर दर्जनों नक्सल हमलों का था आरोप, माओवादी भी खाते थे खौफ

पलामू: माओवादियों का ट्रेनिंग सेंटर बूढ़ापहाड़ में बिहार का लीडरशिप खत्म हो गया है. लातेहार के महुआडांड़ में सुरक्षबलों के साथ हुई मुठभेड़ में पांच लाख के इनामी नक्सली कमांडर मनीष यादव मारा गया है. मनीष यादव बिहार के गया के छकरबंधा का रहने वाला था.

बूढ़ापहाड़ में मनीष यादव बिहार के इलाके का अंतिम टॉप कमांडर था. मनीष यादव बूढ़ा पहाड़ में पिछले एक दशक से सक्रिय रहा है. माओवादियों के दस्ते में मनीष यादव साधारण कैडर था, लेकिन धीरे-धीरे वह माओवादियों का सबजोनल कमांडर बन गया था. जिस इलाके में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है, उसी इलाके में मनीष का ससुराल भी है.

50 से अधिक नक्सल हमले का आरोपी है मनीष यादव

मनीष यादव लातेहार पलामू, गढ़वा, चतरा, बिहार के गया और औरंगाबाद में 50 से अधिक नक्सल हमले का आरोपी है. बिहार के इलाके में मनीष यादव सक्रिय था और फिर बाद में वह बूढ़ापहाड़ के इलाके में माओवादियों के दस्ते का सदस्य बन गया था. चर्चित कटिया मुठभेड़, जिसमें सीआरपीएफ जवान के पेट में बम प्लांट किया गया था और 13 जवान शहीद हुए थे. इस घटना का मनीष यादव आरोपी रहा है. 2018-19 में गढ़वा के पोलपोल नक्सल हमला हुआ था, इस हमले में छह जवान शहीद हुए थे. इस घटना का भी मुख्य आरोपी मनीष यादव रहा है.

एक करोड़ इनामी का बॉडीगार्ड था मनीष यादव

मुठभेड़ में मार गया इनामी नक्सली मनीष यादव कभी एक करोड़ के इनामी देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद का बॉडीगार्ड हुआ करता था. अरविंद के साथ एक-47 लिए हुए मनीष यादव का तस्वीर वायरल भी हुआ था. 2018 में बूढ़ापहाड़ इलाके में बीमारी से अरविंद की मौत हो गई थी. अरविंद की मौत के बाद मनीष यादव बूढ़ापहाड़ इलाके में बना रहा और बाद में वह सबजोनल कमांडर बन गया. मनीष यादव बूढापहाड़ से लेकर बिहार के छकरबंधा कॉरिडोर का सबसे बड़ा कुरियर था.

तीन दशक तक बूढ़ापहाड़ पर बिहार के लीडरशिप का था कब्जा

झारखंड छत्तीसगढ़ सीमा पर मौजूद बूढ़ापहाड़ का इलाका माओवादियों का ट्रेनिंग सेंटर रहा है. बूढ़ापहाड़ में तीन दशक तक बिहार की लीडरशिप हावी रही है. 2018 तक बिहार के जहानाबाद के रहने वाले देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद बूढ़ापहाड़ का इंचार्ज हुआ करता था. अरविंद की मौत के बाद आंध्र प्रदेश के रहने वाले सुधाकरण कमांडर बना था. सुधाकरण के बाद बिहार के रहने वाले मिथिलेश मेहता, विमल यादव, नवीन यादव और सौरव उर्फ मारकस बाबा बूढ़ापहाड़ का इंचार्ज बना था.

ये भी पढ़ें: मारा गया नक्सली कमांडर! 10 लाख का इनामी भी गिरफ्तार, रात भर चली पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़

लातेहार में नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़, जेजेएमपी सुप्रीमो समेत दो नक्सली ढेर

जेजेएमपी सुप्रीमो पप्पू लोहरा पर दर्जनों नक्सल हमलों का था आरोप, माओवादी भी खाते थे खौफ

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.