
पीएम मोदी ने किया नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन, जानें इसकी खासियत
नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का पहला चरण 19,650 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है. जिसमें एक टर्मिनल और एक रनवे शामिल है.

Published : October 8, 2025 at 2:34 PM IST
|Updated : October 8, 2025 at 3:35 PM IST
मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण का उद्घाटन किया. इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उद्योगपति गौतम अडाणी मौजूद थे. 19,650 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह मुंबई का दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है. इसका नाम डी.बी. पाटिल नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट रखा गया है, जो महाराष्ट्र के किसान नेता थे.
पहले चरण में एक टर्मिनल और एक रनवे का निर्माण किया गया है. इस एयरपोर्ट से सालाना 2 करोड़ यात्री उड़ान भर सकेंगे. नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल को राष्ट्रीय फूल कमल के डिजाइन में विकसित किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर से नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नियमित उड़ानें शुरू होंगी.
#WATCH | Navi Mumbai, Maharashtra | Prime Minister Narendra Modi inaugurates Phase 1 of the Navi Mumbai International Airport, built at a cost of around Rs 19,650 crore.
— ANI (@ANI) October 8, 2025
(Source: DD News) pic.twitter.com/ff3z7MvhsH
एयरपोर्ट का उद्घाटन करने से पहले पीएम मोदी ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया और लिखा, "नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए नवी मुंबई जा रहा हूं. इसके साथ ही, मुंबई महानगर क्षेत्र को अपना दूसरा प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मिल जाएगा, जिससे वाणिज्य और संपर्क को बढ़ावा मिलेगा. मुंबई मेट्रो लाइन-3 के अंतिम चरण का भी उद्घाटन किया जाएगा. हम मुंबई के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और इस गतिशील शहर के लोगों के लिए 'जीवन की सुगमता' को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं."
On the way to Navi Mumbai to take part in the programme marking the inauguration of Phase-1 of the Navi Mumbai International Airport. With this, the Mumbai Metropolitan Region will get its second major international airport, thus boosting commerce and connectivity. The final… pic.twitter.com/t6v82O6Een
— Narendra Modi (@narendramodi) October 8, 2025
क्यों खास है नवीं मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट
मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट को विकसित करने की जिम्मेदारी अडाणी ग्रुप और महाराष्ट्र सरकार के लैंड डेवलपमेंट प्राधिकरण (CIDCO) को मिली है. अडाणी ग्रुप की हिस्सेदारी 74% है और CIDCO के पास 26% हिस्सेदारी है.
- एआई ऑपरेटेड फुली ऑटोमेटेड प्रोटोटाइपिंग केपैबल टर्मिनल
- चार गेट और तीन सेंटर होंगे- अल्फा, ब्रावो और चार्ली
- 88 चेक-इन काउंटर- 66 ट्रेडिशनल और 22 सेल्फ चेक-इन-काउंटर
- ऑनलाइन बैगेज ड्रॉप सर्विस
- कैटेगरी 2 इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम
- फूड हॉल, फूड प्री-बुकिंग की सुविधा
- भारत का पहला कम्पलीट डिजिटल एयरपोर्ट
- व्हीकल पार्किंग स्लॉट की प्री-बुकिंग
- इको-फ्रैंडली फ्यूल का इस्तेमाल
- सभी टर्मिनलों को जोड़ने वाला ऑटोमेटेड पीपल मूवर
- हैदराबाद, सूरत और अहमदाबाद जैसे शहरों के यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर ही इमिग्रेशन
- घने कोहरे में भी सुरक्षित उतरेंगे विमान
- भारत का पहला फुली डिजिटल हवाई अड्डा
दुनिया का सबसे सुरक्षित एयरपोर्ट
नवी मुंबई हवाई अड्डे की वास्तुकला आकर्षित करने वाली है. लंदन स्थित विश्व-प्रसिद्ध वास्तुशिल्प फर्म ज़ाहा हदीद आर्किटेक्ट्स (ZHA) द्वारा डिजाइन किया गया यह एयरपोर्ट भारत के राष्ट्रीय पुष्प कमल से प्रेरित है. 'तैरता हुआ कमल' थीम परंपरा और आधुनिकता के एक सुंदर मिश्रण का प्रतिनिधित्व करती है. टर्मिनल में कमल की पंखुड़ियों की तरह खुलने वाले 12 मूर्तिकला स्तंभ हैं, जबकि 17 बड़े स्तंभ इस भव्य संरचना को सहारा देते हैं. 1,160 हेक्टेयर में फैले इस प्रोजेक्ट में पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन, आधुनिक प्रकाश व्यवस्था और विशाल हॉल शामिल हैं.
बारिश और कोहरे के दौरान सुरक्षित लैंडिंग के लिए, अत्याधुनिक श्रेणी-III इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) लगाया गया है, जो 300 मीटर की दृश्यता में भी विमानों की लैंडिंग करा सकता है. यह नवी मुंबई हवाई अड्डे को दुनिया के सबसे सुरक्षित और कुशल हवाई अड्डों में से एक बनाएगा.
फेज-1 की विशेषताएं
पहले चरण में एक टर्मिनल और एक रनवे होगा, जिसकी वार्षिक यात्री क्षमता 2 करोड़ और कार्गो क्षमता 0.8 मिलियन मीट्रिक टन होगी. हवाई अड्डे में चार मुख्य द्वार (अल्फा, ब्रावो, चार्ली और डेल्टा) और 88 चेक-इन काउंटर हैं. इनमें से 66 कर्मचारी-संचालित हैं और 22 स्वयं-चेक-इन काउंटर हैं. शुरुआत में, हवाई सेवाएं केवल सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक उपलब्ध रहेंगी और प्रति घंटे 10 विमान उड़ान भरेंगे और उतरेंगे. पूरी क्षमता पर, हवाई अड्डा प्रति घंटे 40 विमानों को संभाल सकेगा. इसके अलावा, जेन-जेड यात्रियों के लिए डिजी-यात्रा तकनीक लागू की गई है.
अंतरराष्ट्रीय विमानन केंद्र का दर्जा
नवी मुंबई एयरपोर्ट को दुबई और लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट की तर्ज पर अंतरराष्ट्रीय विमानन केंद्र का दर्जा दिया गया है. चार टर्मिनलों और दो समानांतर रनवे के साथ, यह हवाई अड्डा पूरी क्षमता से 9 करोड़ यात्रियों और 3.25 मिलियन मीट्रिक टन कार्गो को संभालने में सक्षम होगा. अडाणी समूह ने पहले चरण के लिए 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है और दूसरे चरण के लिए 30,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश की घोषणा की है. दूसरे टर्मिनल की डिजाइन प्रक्रिया शुरू हो गई है. यूरोप और अमेरिका के प्रमुख शहरों को जोड़ने वाला यह एयरपोर्ट एशिया में एक प्रमुख विमानन केंद्र बनने की राह पर है. इसके अलावा, कम लागत वाली वाहक टर्मिनल की वार्षिक क्षमता 2 मिलियन यात्रियों की होगी.

पर्यावरण-अनुकूल और यात्री-अनुकूल सुविधाएं
नवी मुंबई एयरपोर्ट के निर्माण में पर्यावरण-अनुकूल डिजाइन और हरित अवधारणाओं का उपयोग किया गया है. 5G कनेक्टिविटी, वाटर टैक्सी और एकीकृत मोबिलिटी ऐप 'मुंबई वन' के साथ यात्रा आसान होगी. जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (जेएनपीटी) के निकट होने के कारण लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा मिलेगा. यात्रियों की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक नेविगेशन और सुरक्षा प्रणालियां शामिल की गई हैं.
देश की आर्थिक प्रगति में योगदान
नवी मुंबई एयरपोर्ट के पूरा होने के बाद, पनवेल, उल्वे और खारघर में रियल एस्टेट को बढ़ावा मिलेगा. लाखों नौकरियों का सृजन होगा और शहरी विकास को गति मिलेगी. बीकेसी से हवाई अड्डे तक एक सुरंग बनाने की संभावना तलाशी जा रही है ताकि इसे मुंबई से जोड़ा जा सके. अटल सेतु और मेट्रो लाइन-3 जैसी परियोजनाओं के साथ, यह हवाई अड्डा दुबई या लंदन जैसा अनुभव प्रदान करेगा. इसलिए, यह हवाई अड्डा मुंबई महानगर क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर ले जाएगा और भारत की आर्थिक प्रगति में योगदान देगा.
नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत की सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट परियोजना है, जिसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत विकसित किया गया है. मुंबई महानगर क्षेत्र के दूसरे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में यह, छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (सीएसएमआईए) के साथ मिलकर काम करेगा ताकि भीड़भाड़ कम की जा सके और मुंबई को वैश्विक बहु-हवाई अड्डा प्रणालियों की श्रेणी में शामिल किया जा सके.
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