ई-मेल और WhatsApp के युग में भी जिंदा है डाक का सफर, जानिए आज भी कितने जरूरी हैं 'डाकिया बाबू'
डिजिटल, ऑनलाइन ई-कॉमर्स सर्विस के दौर में आज भी डाक विभाग निभा रहा अहम जिम्मेदारी. पत्र ही नहीं कई सेवाएं घर-घर पहुंचा रहे डाकिया.

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team
Published : October 9, 2025 at 3:08 PM IST
श्रेया शर्मा की रिपोर्ट
शिमला: एक वक्त था जब डाकिया चिट्ठियों के साथ लोगों की उम्मीदें, खुशियां और दर्द लेकर आता था. आज डिजिटल का दौर है, संदेश ई-मेल या व्हाट्सऐप पर पहुंच जाते हैं, लेकिन फिर भी हर गांव और कस्बे में पोस्ट ऑफिस अब भी जरूरी है. बल्कि पहले से ज्यादा. फर्क सिर्फ इतना है कि अब डाकघर सिर्फ खत नहीं पहुंचाता, बल्कि डिजिटल भारत का अहम हिस्सा बन चुका है. हर साल 10 अक्टूबर को नेशनल पोस्ट ऑफिस डे मनाते हैं.
डाक विभाग का सुनहरा सफरनामा
आज भले ही ईमेल, जीमेल और व्हाट्सऐप समेत तमाम डिजिटल प्लेटफॉर्म ने संवाद के तरीके बदल दिए हों, लेकिन भारत पोस्ट यानी भारतीय डाक विभाग अब भी सबसे भरोसेमंद संचार और सेवा नेटवर्क है. 1.5 लाख से ज्यादा पोस्ट ऑफिस के साथ यह दुनिया का सबसे बड़ा डाक नेटवर्क है, जिनमें ज्यादातर ग्रामीण भारत में हैं. देश के जिन इलाकों में आज भी जहां इंटरनेट या स्मार्टफोन नहीं पहुंचे हैं, वहां तक डाक विभाग हर सेवा पहुंचा रहा है.

अब डाकिया सिर्फ पत्र नहीं, बैंक और सरकारी सेवाएं भी घर-घर पहुंचा रहा– पोस्टमैन पवन शर्मा
पवन शर्मा पिछले 10 सालों से डाक विभाग में काम कर रहे हैं. बारिश हो या बर्फ, वो अपना काम बखूबी निभाते आ रहे हैं. पवन शर्मा कहते हैं, "आज हमारा काम सिर्फ चिट्ठियां देने तक सीमित नहीं है. हम अब गांवों तक बैंकिंग सुविधाएं ले जा रहे हैं. इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक से डिजिटल ट्रांजेक्शन करवाते हैं, बिजली-पानी के बिल जमा करवाते हैं, आधार अपडेट करवाते हैं और पेंशनर्स के जीवन प्रमाण पत्र के लिए बायोमेट्रिक सेवा देते हैं. गांवों के बुजुर्ग और महिलाएं हम पर भरोसा करती हैं. हम उनके लिए बैंक, सरकार और परिवार तीनों का काम निभा रहे हैं."
गांव की हर जरूरत का केंद्र बन गया है पोस्ट ऑफिस
पवन शर्मा बताते हैं कि, अब मोबाइल एप के जरिए भी कई सेवाएं घर बैठे पूरी हो रही हैं. हमारा पोस्ट ऑफिस अब गांव की हर जरूरत का केंद्र बन गया है. जहां न बैंक है न कोई सुविधा केंद्र, वहां डाकिया ही सबसे भरोसेमंद कड़ी हैं.

वहीं, वरिष्ठ पोस्ट मास्टर मनोहरलाल का कहना है कि, "लोगों के मन में अब भी डाक विभाग की पहचान सिर्फ चिट्ठियों तक सीमित है, लेकिन असल में हम रोजमर्रा से लेकर आर्थिक, वित्तीय और भविष्य की जरूरतों तक की सभी सेवाएं एक ही छत के नीचे दे रहे हैं. पोस्ट ऑफिस अब सरकार और जनता के बीच सबसे भरोसेमंद लिंक बन चुका है. हम सुकन्या समृद्धि योजना, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, आरडी, टीडी, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम जैसी योजनाएं चला रहे हैं. बीमा (PLI और RPLI) की सुविधा भी दे रहे हैं, जिसमें व्यक्ति को न सिर्फ सुरक्षा मिलती है बल्कि मैच्योरिटी पर आर्थिक लाभ और लोन की सुविधा भी मिलती है."
एक ही छत के नीचे सैकड़ों सुविधाएं
आज के पोस्ट ऑफिस में सिर्फ डाक टिकट नहीं, बल्कि हर नागरिक के जीवन से जुड़ी सेवाएं मिल रही हैं. लघु बचत योजनाएं जैसे आरडी, सेविंग अकाउंट, पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, टर्म डिपॉजिट, सीनियर सिटीजन अकाउंट, एमआईएस, एनएससी जैसी सरकारी स्कीम की सुविधा मिल रही है. इसके अलावा बीमा योजनाओं (PLI/RPLI) में बीमा सुरक्षा के साथ लोन और मैच्योरिटी लाभ भी पोस्ट ऑफिस से मिल रहा है. पोस्ट ऑफिस में डिजिटल बैंकिंग सुविधा यानी एटीएम, नेफ्ट, और इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) के माध्यम से बिजली बिल, रिचार्ज, टैक्स भुगतान जैसी सेवाएं मिल रही हैं. पोस्ट ऑफिस में आधार कार्ड बनवाने और अपडेट करवाने की सुविधा मिल रही है.

डिजिटल गैप को खत्म करना मुख्य उद्देश्य!
फिलेटली और माई स्टैम्प यानी अपनी फोटो या किसी स्मृति के साथ डाक टिकट बनवाने की अनोखी सेवा उपलब्ध है. जियो-टैग और ई-कॉमर्स सपोर्ट के तहत आज पोस्टमैन न सिर्फ पार्सल दे रहा है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन ऑर्डर पहुंचाने में भी बड़ी भूमिका निभा रहा है. आज भारतीय डाक का मुख्य उद्देश्य डिजिटल गैप को खत्म करना है. यही वजह है कि भारतीय पोस्ट उन इलाकों में भी सेवाएं पहुंचा रहा है, जहां न बैंक हैं और न ही इंटरनेट सुविधा.

सस्ती और सुलभ सेवाएं
पोस्ट ऑफिस में स्पीड पोस्ट, रजिस्टर्ड पोस्ट, मनी ऑर्डर जैसी सस्ती और सुलभ सेवाएं मिल रही हैं जो आज भी आम लोगों की जरूरत है. बदलते समय के साथ आज पोस्ट ऑफिस से ई-कॉमर्स डिलीवरी भी हो रही है. अब अमेज़न, फ्लिपकार्ट और सरकारी ई-मार्केट जैसी साइटों की डिलीवरी भी इंडिया पोस्ट के जरिए होती है. इसके अलावा सरकारी योजनाओं पेंशन, सब्सिडी और आधार लिंक्ड योजनाओं के लाभ लाभार्थियों के घर तक सीधे पहुंचाना डाक विभाग की बड़ी जिम्मेदारी है.


'खत से ऐप तक' का सफर- डाक विभाग की नई पहचान
GPO शिमला में पोस्टल असिस्टेंट अभिषेक चौहान ने बताया कि, डिजिटल इंडिया के इस युग में डाक विभाग ने खुद को तकनीक के साथ ढाला है. अब गांव-गांव में IPPB के माध्यम से डिजिटल बैंकिंग हो रही है, बुजुर्गों को घर बैठे जीवन प्रमाण पत्र सेवा मिल रही है और युवा निवेश योजनाओं से जुड़ रहे हैं. डाक विभाग एक ऐसी व्यवस्था जो नवजात से लेकर बुजुर्ग तक, हर उम्र के व्यक्ति को किसी न किसी रूप में जोड़ती है. चिट्ठियों से शुरू हुई यह यात्रा अब डिजिटलीकरण के युग में प्रवेश कर चुकी है.

आधुनिक डाक विभाग की प्रमुख सेवाएं
आज के समय में टेक्नोलॉजी के साथ डाक विभाग हाथ से हाथ मिलाकर खुद को अपग्रेड कर आगे बढ़ रहा है. पोस्ट ऑफिस में आधार सेवा केंद्र में नाम, पता, जन्मतिथि अपडेट करने की सुविधा मिल रही है. इसके अलावा इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) यानी डिजिटल ट्रांजेक्शन, QR कोड सेवा का लाभ मिल रहा है. डाक विभाग से पासपोर्ट सेवा केंद्र में दस्तावेज सत्यापन और अपॉइंटमेंट जैसे अहम काम हो रहे हैं. डाक जीवन बीमा के तहत ग्रामीण और शहरी बीमा योजनाओं का लाभ मिल रहा है. सुकन्या समृद्धि योजना के तहत पोस्ट ऑफिस से बालिकाओं के लिए बचत योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है. बेटी बचाओ योजना के तहत 10 वर्ष से कम की बेटी के नाम खाता खोलने का काम भी पोस्ट ऑफिस में हो रहा है. डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र, पेंशनर्स की लाइफ सर्टिफिकेट बनाने का काम भी पोस्ट ऑफिस में हो रहा है.
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