कोलकाता: पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए केंद्रीय बलों को तैनात किया है. कुछ इलाकों में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बताई गई है.
इस बीच, कांग्रेस सांसद ईशा खान चौधरी ने रविवार को तृणमूल कांग्रेस सरकार से जिले में शांति बहाली के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया.
चौधरी मालदा दक्षिण क्षेत्र के सांसद हैं. उनके संसदीय क्षेत्र में मुर्शिदाबाद जिले की समसेरगंज विधानसभा सीट भी आती है, जो वक्फ संशोधन अधिनियम को वापस लेने की मांग को लेकर शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान शुरू हुई हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित है.
कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा, "इस हिंसा के मूल कारणों को दूर करने और क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए सभी दलों और समुदाय के नेताओं को एक साथ लाना महत्वपूर्ण है."
चौधरी ने कहा कि वह शमशेरगंज जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने स्थिति को और अधिक बिगड़ने से रोकने के लिए उन्हें ऐसा न करने को कहा.
उन्होंने कहा, "पुलिस ने कहा कि मेरे दौरे से लोगों की भीड़ जमा हो सकती है, जो इस समय ठीक नहीं है. उनके निर्देशों का सम्मान करते हुए मैंने आगे न बढ़ने का निर्णय लिया है."
पुलिस के अनुसार मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा में तीन लोग मारे गए हैं और कई अन्य घायल हुए हैं. शुक्रवार को जिले में हिंसा भड़कने के कारण पुलिस वैन समेत कई वाहनों में आग लगा दी गई, दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की गई और सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके गए.
हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू है और इंटरनेट सेवा निलंबित है. पुलिस ने हिंसा के संबंध में शनिवार रात तक 150 लोगों को गिरफ्तार किया है.
400 से अधिक हिंदुओं को भागना पड़ा: भाजपा नेता का दावा
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि हिंसा के बाद 400 से अधिक हिंदुओं को मुर्शिदाबाद के धुलियान से भागने और मालदा जिले के बैष्णबनगर के एक स्कूल में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा.
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "बंगाल में धार्मिक उत्पीड़न एक हकीकत है. टीएमसी की तुष्टीकरण की राजनीति ने कट्टरपंथी तत्वों को बढ़ावा दिया है. हिंदुओं को शिकार बनाया जा रहा है, हमारे लोग अपनी ही जमीन पर जान बचाने के लिए भाग रहे हैं! कानून-व्यवस्था को इस तरह से बिगड़ने देने के लिए राज्य सरकार को शर्म आनी चाहिए."
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