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मुर्शिदाबाद हिंसा: 2026 के बंगाल चुनाव को देखते हुए मुद्दे को भुनाने की कोशिश में BJP, बनाई ये रणनीति - MURSHIDABAD VIOLENCE

मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर बीजेपी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमलावर है. 2026 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रदर्शन तेज कर रही है. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट.

Murshidabad violence BJP raising issue against TMC Mamata banerjee 2026 west bengal assembly polls
मुर्शिदाबाद हिंसा के खिलाफ भाजपा का प्रदर्शन (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 19, 2025 at 8:45 PM IST

4 Min Read

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद भड़की हिंसा ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस घटना को लेकर तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर लगातार हमलावर है. बीजेपी ने ममता सरकार पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफलता का आरोप लगाते हुए बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग को और तेज कर दिया है.

दूसरी ओर, ममता बनर्जी ने हिंसा को 'पूर्व नियोजित' करार देते हुए बीजेपी, केंद्र सरकार और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर सवाल उठाया है, सूत्रों की मानें तो भाजपा इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर और प्रदर्शन तेज करने की योजना बना रही है.

बीजेपी का दावा है कि मुर्शिदाबाद में 400 से अधिक हिंदू परिवारों को 'जबरन विस्थापित' किया गया. हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया, और बीएसएफ की पांच कंपनियों को तैनात किया गया. बीजेपी इस हिंसा को ममता बनर्जी की 'तुष्टीकरण की राजनीति' का नाम दे रही है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने ममता सरकार पर हिंदुओं के खिलाफ 'हिंसा' को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.

ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट. (ETV Bharat)

सूत्रों के मुताबिक, मामला कुछ शांत होने के बाद बीजेपी के कुछ वरिष्ठ केंद्रीय नेता मुर्शिदाबाद का दौरा भी कर सकते हैं, जो पीड़ितों से मिलकर उन्हें सांत्वना देंगे और केंद्र की सरकार के तरफ से हरसंभव मदद देने के वादे किए जाएंगे.

हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है और कई लोग विस्थापित हुए हैं. इसको लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिल रही है. सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी इस घटना को 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए अपने चुनावी अभियान की शुरुआत के रूप में इस्तेमाल कर रही है, क्योंकि बीजेपी ने इस घटना को व्यापक स्तर पर उठाने की कोशिश की है.

  • भाजपा ने हेल्पलाइन की स्थापना की है. इसके तहत पार्टी ने मालदा में विस्थापित हिंदुओं की सहायता के लिए दो हेल्पलाइन नंबर शुरू किए.
  • पार्टी लगातार प्रदर्शन और रैलियां कर रही है जिसके तहत 16 अप्रैल को कोलकाता में बीजेपी विधायकों ने 'हिंदू शहीद दिवस' मनाया और ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की.
  • बंगाल भाजपा के नेता लगातार केंद्र से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं. बीजेपी सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने मुर्शिदाबाद सहित चार जिलों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) लागू करने की भी मांग की.
  • सामाजिक मीडिया अभियान के तहत बीजेपी नेताओं और समर्थकों ने सोशल मीडिया पर इस घटना को 'हिंदू नरसंहार' के रूप में प्रचारित किया, जिससे 'हिंदू खतरे में' का नैरेटिव बनाया जा रहा है.
  • राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया जा रहा है.

हालांकि बीजेपी ने अभी औपचारिक रूप से अपने 2026 चुनावी अभियान की शुरुआत नहीं की है, लेकिन मुर्शिदाबाद हिंसा पर उसका आक्रामक रुख और संगठित कदम (हेल्पलाइन, प्रदर्शन, सोशल मीडिया कैंपेन) यह संकेत देते हैं कि पार्टी इस मुद्दे को अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश कर रही है. ये मुद्दे बीजेपी की रणनीति में शामिल हो सकते हैं और इस माध्यम से वोटों के ध्रुवीकरण की संभावना भी काफी बढ़ गई है. साथ ही केंद्रीय बलों की तैनाती और AFSPA जैसे सुझावों के जरिए भाजपा को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है.

इस मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला का कहना है कि ममता बनर्जी खुलेआम तुष्टीकरण कर हिंदुओं के खिलाफ साजिश कर रही हैं, वो इमामों के साथ बैठक कर रहीं. मगर मुर्शिदाबाद पर चुप हैं. आखिर उनकी मजबूरी क्या है. उन्होंने कहा कि ममता के पास हिंदुओं के लिए आखिर ममता क्यों नहीं हैं. उनका दावा है कि ममता भाजपा से घबराकर दमनकारी नीति अपना रही हैं.

यह भी पढ़ें- नवीन पटनायक लगातार नौवीं बार BJD अध्यक्ष बने, बोले- ओडिशा के हित हमारे लिए सर्वोपरि

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद भड़की हिंसा ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस घटना को लेकर तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर लगातार हमलावर है. बीजेपी ने ममता सरकार पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफलता का आरोप लगाते हुए बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग को और तेज कर दिया है.

दूसरी ओर, ममता बनर्जी ने हिंसा को 'पूर्व नियोजित' करार देते हुए बीजेपी, केंद्र सरकार और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर सवाल उठाया है, सूत्रों की मानें तो भाजपा इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर और प्रदर्शन तेज करने की योजना बना रही है.

बीजेपी का दावा है कि मुर्शिदाबाद में 400 से अधिक हिंदू परिवारों को 'जबरन विस्थापित' किया गया. हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया, और बीएसएफ की पांच कंपनियों को तैनात किया गया. बीजेपी इस हिंसा को ममता बनर्जी की 'तुष्टीकरण की राजनीति' का नाम दे रही है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने ममता सरकार पर हिंदुओं के खिलाफ 'हिंसा' को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.

ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट. (ETV Bharat)

सूत्रों के मुताबिक, मामला कुछ शांत होने के बाद बीजेपी के कुछ वरिष्ठ केंद्रीय नेता मुर्शिदाबाद का दौरा भी कर सकते हैं, जो पीड़ितों से मिलकर उन्हें सांत्वना देंगे और केंद्र की सरकार के तरफ से हरसंभव मदद देने के वादे किए जाएंगे.

हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है और कई लोग विस्थापित हुए हैं. इसको लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिल रही है. सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी इस घटना को 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए अपने चुनावी अभियान की शुरुआत के रूप में इस्तेमाल कर रही है, क्योंकि बीजेपी ने इस घटना को व्यापक स्तर पर उठाने की कोशिश की है.

  • भाजपा ने हेल्पलाइन की स्थापना की है. इसके तहत पार्टी ने मालदा में विस्थापित हिंदुओं की सहायता के लिए दो हेल्पलाइन नंबर शुरू किए.
  • पार्टी लगातार प्रदर्शन और रैलियां कर रही है जिसके तहत 16 अप्रैल को कोलकाता में बीजेपी विधायकों ने 'हिंदू शहीद दिवस' मनाया और ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की.
  • बंगाल भाजपा के नेता लगातार केंद्र से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं. बीजेपी सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने मुर्शिदाबाद सहित चार जिलों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) लागू करने की भी मांग की.
  • सामाजिक मीडिया अभियान के तहत बीजेपी नेताओं और समर्थकों ने सोशल मीडिया पर इस घटना को 'हिंदू नरसंहार' के रूप में प्रचारित किया, जिससे 'हिंदू खतरे में' का नैरेटिव बनाया जा रहा है.
  • राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया जा रहा है.

हालांकि बीजेपी ने अभी औपचारिक रूप से अपने 2026 चुनावी अभियान की शुरुआत नहीं की है, लेकिन मुर्शिदाबाद हिंसा पर उसका आक्रामक रुख और संगठित कदम (हेल्पलाइन, प्रदर्शन, सोशल मीडिया कैंपेन) यह संकेत देते हैं कि पार्टी इस मुद्दे को अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश कर रही है. ये मुद्दे बीजेपी की रणनीति में शामिल हो सकते हैं और इस माध्यम से वोटों के ध्रुवीकरण की संभावना भी काफी बढ़ गई है. साथ ही केंद्रीय बलों की तैनाती और AFSPA जैसे सुझावों के जरिए भाजपा को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है.

इस मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला का कहना है कि ममता बनर्जी खुलेआम तुष्टीकरण कर हिंदुओं के खिलाफ साजिश कर रही हैं, वो इमामों के साथ बैठक कर रहीं. मगर मुर्शिदाबाद पर चुप हैं. आखिर उनकी मजबूरी क्या है. उन्होंने कहा कि ममता के पास हिंदुओं के लिए आखिर ममता क्यों नहीं हैं. उनका दावा है कि ममता भाजपा से घबराकर दमनकारी नीति अपना रही हैं.

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