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मिजोरम भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य घोषित - MIZORAM A FULLY LITERATE STATE

मिजोरम भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने पूर्ण साक्षरता हासिल की है.

मिजोरम के लोग अपना पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत करते हुए
मिजोरम के लोग अपना पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत करते हुए (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 20, 2025 at 11:50 PM IST

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आइजोल: मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने मंगलवार को राज्य को देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया. लालदुहोमा ने यह घोषणा मिजोरम विश्वविद्यालय (एमजेडयू) में एक समारोह में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी की उपस्थिति में की.

मुख्यमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लालदुहोमा के हवाले से कहा, "ऐसे में जब हम इस उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं, हम निरंतर शिक्षा, डिजिटल पहुंच और व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से साक्षरता को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराते हैं."

उन्होंने कहा, अब हम उच्च लक्ष्य रखें. सभी मिजो लोगों के लिए डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता और उद्यमशीलता कौशल." चौधरी ने इस उपलब्धि के लिए राज्य सरकार और लोगों को बधाई दी.

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 20 मई को आइजोल में आयोजित एक विशेष समारोह के दौरान यह घोषणा की गई. मिजोरम को 20 फरवरी, 1987 को राज्य का दर्जा मिला था. यह राज्य 21,081 वर्ग किमी (8,139 वर्ग मील) के भौगोलिक क्षेत्र में फैला हुआ है.

2011 की जनगणना के अनुसार, मिजोरम ने 91.33 प्रतिशत साक्षरता दर दर्ज की, जो भारत में तीसरे स्थान पर है. इस मजबूत नींव पर निर्माण करते हुए, शेष गैर-साक्षर व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें शिक्षित करने के लिए उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम) लागू किया गया.

अगस्त-सितंबर 2023 में पूरे राज्य में क्लस्टर रिसोर्स सेंटर कोऑर्डिनेटर (CRCC) द्वारा किए गए डोर-टू-डोर सर्वेक्षण में 3,026 गैर-साक्षर (नॉन लिटरेट) लोगों की पहचान की गई. इनमें से 1,692 शिक्षार्थी शिक्षण-शिक्षण गतिविधियों में सक्रिय रूप से लगे हुए थे.

इस हिसाब से, मिजोरम ने शिक्षा मंत्रालय द्वारा परिभाषित 95 प्रतिशत साक्षरता दर (जिसे पूर्ण साक्षरता के बराबर माना जाता है) से ऊपर, पूर्ण साक्षरता का आंकड़ा पार कर लिया है. मंत्रालय ने कहा कि 2023-24 के लिए PFLS सर्वेक्षण के अनुसार भी, मिजोरम की साक्षरता दर 98.20 प्रतिशत है.

सामुदायिक भावना के एक उल्लेखनीय प्रदर्शन में, 292 स्वयंसेवी शिक्षक, जिनमें छात्र, शिक्षक, संसाधन व्यक्ति और CRCC शामिल हैं, इस पहल का नेतृत्व करने के लिए आगे आए. कर्तव्य की गहरी भावना (कर्तव्य बोध) और मिजो सांस्कृतिक मूल्य से प्रेरित होकर, इन स्वयंसेवकों ने पूर्ण साक्षरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम या न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (NILP) एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसे 2022-2027 तक लागू किया जाएगा. NEP 2020 के साथ संरेखित यह योजना उन वयस्कों (15 वर्ष और उससे अधिक आयु) को लक्षित करती है जो स्कूल नहीं जा सकते. इस योजना के पांच घटक हैं, बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक कौशल और सतत शिक्षा.

उल्लास योजना का विजन भारत को जन-जन साक्षर बनाना है और यह कर्तव्य बोध की भावना पर आधारित है और इसे स्वयंसेवा के आधार पर लागू किया जा रहा है.

उल्लास योजना के तहत देश भर में अब तक 1.77 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी (नव साक्षर) बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता आकलन परीक्षा (एफएलएनएटी) में शामिल हुए हैं. उल्लास मोबाइल ऐप पर 2.37 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी और 40.84 लाख स्वयंसेवी शिक्षक पंजीकृत हैंय इससे पहले 24.06.2024 को लद्दाख पूर्ण साक्षरता घोषित करने वाली पहली प्रशासनिक इकाई बनी थी, मंत्रालय ने अपने बयान में उल्लेख किया था.

ये भी पढ़ें: आइजोल और लेंगपुई एयर पोर्ट के बीच बेहतर होगी कनेक्टिविटी, त्लावंग नदी पर बनाया जा रहा पुल

आइजोल: मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने मंगलवार को राज्य को देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया. लालदुहोमा ने यह घोषणा मिजोरम विश्वविद्यालय (एमजेडयू) में एक समारोह में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी की उपस्थिति में की.

मुख्यमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लालदुहोमा के हवाले से कहा, "ऐसे में जब हम इस उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं, हम निरंतर शिक्षा, डिजिटल पहुंच और व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से साक्षरता को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराते हैं."

उन्होंने कहा, अब हम उच्च लक्ष्य रखें. सभी मिजो लोगों के लिए डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता और उद्यमशीलता कौशल." चौधरी ने इस उपलब्धि के लिए राज्य सरकार और लोगों को बधाई दी.

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 20 मई को आइजोल में आयोजित एक विशेष समारोह के दौरान यह घोषणा की गई. मिजोरम को 20 फरवरी, 1987 को राज्य का दर्जा मिला था. यह राज्य 21,081 वर्ग किमी (8,139 वर्ग मील) के भौगोलिक क्षेत्र में फैला हुआ है.

2011 की जनगणना के अनुसार, मिजोरम ने 91.33 प्रतिशत साक्षरता दर दर्ज की, जो भारत में तीसरे स्थान पर है. इस मजबूत नींव पर निर्माण करते हुए, शेष गैर-साक्षर व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें शिक्षित करने के लिए उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम) लागू किया गया.

अगस्त-सितंबर 2023 में पूरे राज्य में क्लस्टर रिसोर्स सेंटर कोऑर्डिनेटर (CRCC) द्वारा किए गए डोर-टू-डोर सर्वेक्षण में 3,026 गैर-साक्षर (नॉन लिटरेट) लोगों की पहचान की गई. इनमें से 1,692 शिक्षार्थी शिक्षण-शिक्षण गतिविधियों में सक्रिय रूप से लगे हुए थे.

इस हिसाब से, मिजोरम ने शिक्षा मंत्रालय द्वारा परिभाषित 95 प्रतिशत साक्षरता दर (जिसे पूर्ण साक्षरता के बराबर माना जाता है) से ऊपर, पूर्ण साक्षरता का आंकड़ा पार कर लिया है. मंत्रालय ने कहा कि 2023-24 के लिए PFLS सर्वेक्षण के अनुसार भी, मिजोरम की साक्षरता दर 98.20 प्रतिशत है.

सामुदायिक भावना के एक उल्लेखनीय प्रदर्शन में, 292 स्वयंसेवी शिक्षक, जिनमें छात्र, शिक्षक, संसाधन व्यक्ति और CRCC शामिल हैं, इस पहल का नेतृत्व करने के लिए आगे आए. कर्तव्य की गहरी भावना (कर्तव्य बोध) और मिजो सांस्कृतिक मूल्य से प्रेरित होकर, इन स्वयंसेवकों ने पूर्ण साक्षरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम या न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (NILP) एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसे 2022-2027 तक लागू किया जाएगा. NEP 2020 के साथ संरेखित यह योजना उन वयस्कों (15 वर्ष और उससे अधिक आयु) को लक्षित करती है जो स्कूल नहीं जा सकते. इस योजना के पांच घटक हैं, बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक कौशल और सतत शिक्षा.

उल्लास योजना का विजन भारत को जन-जन साक्षर बनाना है और यह कर्तव्य बोध की भावना पर आधारित है और इसे स्वयंसेवा के आधार पर लागू किया जा रहा है.

उल्लास योजना के तहत देश भर में अब तक 1.77 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी (नव साक्षर) बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता आकलन परीक्षा (एफएलएनएटी) में शामिल हुए हैं. उल्लास मोबाइल ऐप पर 2.37 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी और 40.84 लाख स्वयंसेवी शिक्षक पंजीकृत हैंय इससे पहले 24.06.2024 को लद्दाख पूर्ण साक्षरता घोषित करने वाली पहली प्रशासनिक इकाई बनी थी, मंत्रालय ने अपने बयान में उल्लेख किया था.

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