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मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी की पुष्टि हुई, बेल्जियम ने कहा- भारत से मिला प्रत्यर्पण अनुरोध - MEHUL CHOKSI ARREST

बेल्जियम की संघीय लोक सेवा ने बताया कि मेहुल चोकसी को 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया और उसे हिरासत में रखा गया है.

Mehul Choksi arrest updates Belgium statement on extradition request from india
मेहुल चोकसी (File Photo - ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 14, 2025 at 5:55 PM IST

3 Min Read

नई दिल्ली/ ब्रसेल्स: बेल्जियम की सरकार ने भी भगोड़े भारतीय कारोबारी मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी है. बेल्जियम की संघीय लोक सेवा ने सोमवार को बताया कि चोकसी को 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया और अभी उसे हिरासत में रखा गया है. बयान में कहा गया कि भारत ने चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध पेश किया है.

बेल्जियम की संघीय लोक सेवा ने मीडिया को बताया कि मेहुल चोकसी को कानूनी सलाहकार तक पहुंच सुनिश्चित की गई है.

बयान में कहा गया कि बेल्जियम की संघीय लोक न्याय सेवा यह पुष्टि कर सकती है कि भारतीय अधिकारियों ने चोकसी के लिए प्रत्यर्पण अनुरोध प्रस्तुत किया है. जैसा कि व्यक्तिगत मामलों में मानक है, इस स्तर पर कोई और जानकारी साझा नहीं की जा सकती है.

मेहुल चोकसी
मेहुल चोकसी (ANI)

चोकसी के प्रत्यर्पण में कितना समय लगेगा?
चोकसी के प्रत्यर्पण के संबंध में पूर्व भारतीय राजनयिक केपी फैबियन ने कहा कि मेहुल चोकसी का प्रत्यर्पण एक बेहतरीन निर्णय होगा, लेकिन इसमें लंबा समय लग सकता है. तहव्वुर राणा के अमेरिका से प्रत्यर्पण का उदाहरण देते हुए फैबियन ने कहा कि उसे लाने में 17 साल लग गए, इसलिए हमें चोकसी के मामले में भी जल्द ही ऐसा होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि सभी प्रत्यर्पण कार्यवाही में समय लगेगा और बाधाएं हो सकती हैं. चोकसी के बारे में कहा गया है कि वह अपनी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर प्रत्यर्पण को चुनौती देने जा रहा है.

फैबियन ने एएनआई को बताया कि 2018 से चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक से अरबों रुपये की धोखाधड़ी कर फरार हैं. हम उनका पीछा कर रहे हैं. फैबियन का कहना है कि कोई यह निश्चित रूप से नहीं कह सकता कि बेल्जियम सरकार उसे प्रत्यर्पित करेगी या नहीं, लेकिन भारत को इसके लिए प्रयास करते रहना चाहिए.

प्रत्यर्पण को चुनौती देगा मेहुल चोकसी
चोकसी की गिरफ्तारी की रिपोर्ट के बाद उसके वकील विजय अग्रवाल ने सोमवार को कहा कि अगर चोकसी को भारत प्रत्यर्पित किया गया तो उसके मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा. अग्रवाल ने कहा कि बचाव पक्ष दो मुख्य आधारों पर प्रत्यर्पण को चुनौती देगा- मामले की राजनीतिक प्रकृति और भारत में चोकसी के लिए उचित उपचार को लेकर चिंताएं.

अग्रवाल ने कहा, "यह एक प्रक्रिया है. मूलतः हम दो आधारों पर इसका बचाव करेंगे. एक तो यह राजनीतिक मामला है और दूसरा भारत में मानवीय स्थिति के कारण." उन्होंने आगे दावा किया कि चोकसी को भगोड़ा घोषित नहीं किया गया क्योंकि वह भारतीय जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करता रहा.

2018 से फरार है चोकसी
65 वर्षीय हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी 2 जनवरी, 2018 को भारत से भाग गया था. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 13,850 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को चोकसी की तलाश है. अरबों रुपये की इस बैंक धोखाधड़ी में उसका भतीजा नीरव मोदी भी आरोप है.

चोकसी ने कथित तौर पर 2014 से 2017 तक अपने सहयोगियों और अन्य पीएनबी अधिकारियों के साथ मिलीभगत की और पीएनबी से धोखाधड़ी से लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट हासिल किए, जिसके कारण पीएनबी को 6097.63 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

यह भी पढ़ें- मेहुल चोकसी को कब लाया जाएगा भारत? कानून मंत्री ने दिया जवाब

नई दिल्ली/ ब्रसेल्स: बेल्जियम की सरकार ने भी भगोड़े भारतीय कारोबारी मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी है. बेल्जियम की संघीय लोक सेवा ने सोमवार को बताया कि चोकसी को 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया और अभी उसे हिरासत में रखा गया है. बयान में कहा गया कि भारत ने चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध पेश किया है.

बेल्जियम की संघीय लोक सेवा ने मीडिया को बताया कि मेहुल चोकसी को कानूनी सलाहकार तक पहुंच सुनिश्चित की गई है.

बयान में कहा गया कि बेल्जियम की संघीय लोक न्याय सेवा यह पुष्टि कर सकती है कि भारतीय अधिकारियों ने चोकसी के लिए प्रत्यर्पण अनुरोध प्रस्तुत किया है. जैसा कि व्यक्तिगत मामलों में मानक है, इस स्तर पर कोई और जानकारी साझा नहीं की जा सकती है.

मेहुल चोकसी
मेहुल चोकसी (ANI)

चोकसी के प्रत्यर्पण में कितना समय लगेगा?
चोकसी के प्रत्यर्पण के संबंध में पूर्व भारतीय राजनयिक केपी फैबियन ने कहा कि मेहुल चोकसी का प्रत्यर्पण एक बेहतरीन निर्णय होगा, लेकिन इसमें लंबा समय लग सकता है. तहव्वुर राणा के अमेरिका से प्रत्यर्पण का उदाहरण देते हुए फैबियन ने कहा कि उसे लाने में 17 साल लग गए, इसलिए हमें चोकसी के मामले में भी जल्द ही ऐसा होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि सभी प्रत्यर्पण कार्यवाही में समय लगेगा और बाधाएं हो सकती हैं. चोकसी के बारे में कहा गया है कि वह अपनी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर प्रत्यर्पण को चुनौती देने जा रहा है.

फैबियन ने एएनआई को बताया कि 2018 से चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक से अरबों रुपये की धोखाधड़ी कर फरार हैं. हम उनका पीछा कर रहे हैं. फैबियन का कहना है कि कोई यह निश्चित रूप से नहीं कह सकता कि बेल्जियम सरकार उसे प्रत्यर्पित करेगी या नहीं, लेकिन भारत को इसके लिए प्रयास करते रहना चाहिए.

प्रत्यर्पण को चुनौती देगा मेहुल चोकसी
चोकसी की गिरफ्तारी की रिपोर्ट के बाद उसके वकील विजय अग्रवाल ने सोमवार को कहा कि अगर चोकसी को भारत प्रत्यर्पित किया गया तो उसके मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा. अग्रवाल ने कहा कि बचाव पक्ष दो मुख्य आधारों पर प्रत्यर्पण को चुनौती देगा- मामले की राजनीतिक प्रकृति और भारत में चोकसी के लिए उचित उपचार को लेकर चिंताएं.

अग्रवाल ने कहा, "यह एक प्रक्रिया है. मूलतः हम दो आधारों पर इसका बचाव करेंगे. एक तो यह राजनीतिक मामला है और दूसरा भारत में मानवीय स्थिति के कारण." उन्होंने आगे दावा किया कि चोकसी को भगोड़ा घोषित नहीं किया गया क्योंकि वह भारतीय जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करता रहा.

2018 से फरार है चोकसी
65 वर्षीय हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी 2 जनवरी, 2018 को भारत से भाग गया था. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 13,850 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को चोकसी की तलाश है. अरबों रुपये की इस बैंक धोखाधड़ी में उसका भतीजा नीरव मोदी भी आरोप है.

चोकसी ने कथित तौर पर 2014 से 2017 तक अपने सहयोगियों और अन्य पीएनबी अधिकारियों के साथ मिलीभगत की और पीएनबी से धोखाधड़ी से लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट हासिल किए, जिसके कारण पीएनबी को 6097.63 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

यह भी पढ़ें- मेहुल चोकसी को कब लाया जाएगा भारत? कानून मंत्री ने दिया जवाब

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