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जम्मू कश्मीर चुनाव: PDP उम्मीदवार पर हमला, महबूबा का AIP पर बड़ा आरोप, बताया प्रॉक्सी पार्टी - Jammu Kashmir Election 2024

PDP Chief Mehbooba Mufti Targets AIP : जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान शोपियां में पीडीपी के उम्मीदवार यावर शफी बंदे और कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर हमला किया गया, जिसमें यावर घायल हो गए. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इस हमले के लिए आवामी इत्तिहाद पार्टी (एआईपी) को जिम्मेदार ठहराया है और कड़ी आलोचना की है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 9, 2024, 7:42 PM IST

PDP Chief Mehbooba Mufti Targets on AIP
पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (ETV Bharat)

श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को शोपियां जिले में अपनी पार्टी के उम्मीदवार यावर शफी बंदे और कार्यकर्ताओं पर कथित हमले के बाद आवामी इत्तिहाद पार्टी (एआईपी) की कड़ी आलोचना की. मुफ्ती के अनुसार, एआईपी कार्यकर्ताओं ने पीडीपी सदस्यों पर डंडों से हमला किया, जिसमें पीडीपी उम्मीदवार यावर बंदे गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका एसएमएचएस अस्पताल में इलाज चल रहा है.

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पार्टी नेता इंजीनियर राशिद के जेल में होने के बावजूद पूरे क्षेत्र में एआईपी उम्मीदवारों के अचानक उभरने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "मुफ्ती मोहम्मद सईद को पीडीपी बनाने में 50 साल लग गए, लेकिन हमारे पास अभी भी हर सीट पर उम्मीदवार उतारने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. लेकिन एआईपी कैसे हर सीट पर उम्मीदवार खड़ा करने का प्रबंधन करती है, जबकि राशिद जेल में हैं? उन्हें इतना धन और हिंसा का सहारा लेने की हिम्मत कहां से मिलती है?

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती का बयान (ETV Bharat)

मुफ्ती ने दावा किया कि पीडीपी को लगातार निशाना बनाया जा रहा है और अगर उनकी पार्टी ने भी इसी तरह की हरकतें की होतीं, तो उसके कार्यकर्ताओं को जेल हो जाती. उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव में अन्य राजनीतिक दलों द्वारा सरकार के उद्देश्यों को पूरा करने में विफल रहने के बाद एआईपी को 'प्रॉक्सी पार्टी' के रूप में समर्थन दिया जा रहा है.

पीडीपी प्रमुख ने कहा, "मैं सरकार से कहना चाहती हूं कि एआईपी को आगे करके आप यह संकेत दे रहे हैं कि किसी अन्य पार्टी को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है. एआईपी ने पीडीपी कार्यकर्ताओं पर हमला करने की हिम्मत कैसे की? अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई?"

एआईपी से सावधान रहने की अपील
महबूबा मुफ्ती ने लोगों से एआईपी से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि पार्टी का उद्देश्य वोटों को विभाजित करना है, खासकर पीडीपी को निशाना बनाना, क्योंकि यह एकमात्र पार्टी है जो लगातार लोगों के लिए खड़ी हुई है और सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है.

एपीआई ने मुफ्ती की टिप्पणी की निंदा की
इधर, महबूबा मुफ्ती के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए एआईपी के प्रवक्ता रियाज मजीद ने पीडीपी प्रमुख की टिप्पणी की निंदा की. मजीद ने कहा, "महबूबा मुफ्ती झूठ बोलकर लोगों का भरोसा जीतने की कोशिश कर रही हैं, जो उनके लिए उचित नहीं है. चुनाव लड़ने के लिए किसी को धन की जरूरत नहीं है; सिर्फ ईमानदारी, अच्छे इरादे और लोगों के भरोसे की जरूरत है."

उन्होंने पीडीपी पर राजनीति को पैसे से जोड़ने का आरोप लगाया और दावा किया कि पीडीपी की राजनीति हमेशा अवैध धन से चलती रही है. मजीद ने आगे कहा कि एआईपी एक जन आंदोलन है और वे लोग इसका समर्थन कर रहे हैं जो परिवार की राजनीति को खत्म करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "अगर लोग हमारे साथ खड़े होते हैं, तो हम न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश में उम्मीदवार उतारेंगे."

मजीद ने मुफ्ती पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनका मानना है कि केवल मुफ्ती, अब्दुल्ला और गांधी परिवार को ही शासन करने का अधिकार है. उन्होंने कहा, "जब कोई दूसरा व्यक्ति राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करता है, तो उसे तुरंत एजेंट करार दे दिया जाता है." उन्होंने दावा किया किया एआईपी को मिल रहे लोगों के भारी समर्थन से परिवार की राजनीति खत्म हो जाएगी.

यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर चुनाव: भाजपा ने उम्मीदवारों की छठी सूची जारी की, कठुआ से भारत भूषण को मैदान में उतारा

श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को शोपियां जिले में अपनी पार्टी के उम्मीदवार यावर शफी बंदे और कार्यकर्ताओं पर कथित हमले के बाद आवामी इत्तिहाद पार्टी (एआईपी) की कड़ी आलोचना की. मुफ्ती के अनुसार, एआईपी कार्यकर्ताओं ने पीडीपी सदस्यों पर डंडों से हमला किया, जिसमें पीडीपी उम्मीदवार यावर बंदे गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका एसएमएचएस अस्पताल में इलाज चल रहा है.

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पार्टी नेता इंजीनियर राशिद के जेल में होने के बावजूद पूरे क्षेत्र में एआईपी उम्मीदवारों के अचानक उभरने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "मुफ्ती मोहम्मद सईद को पीडीपी बनाने में 50 साल लग गए, लेकिन हमारे पास अभी भी हर सीट पर उम्मीदवार उतारने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. लेकिन एआईपी कैसे हर सीट पर उम्मीदवार खड़ा करने का प्रबंधन करती है, जबकि राशिद जेल में हैं? उन्हें इतना धन और हिंसा का सहारा लेने की हिम्मत कहां से मिलती है?

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती का बयान (ETV Bharat)

मुफ्ती ने दावा किया कि पीडीपी को लगातार निशाना बनाया जा रहा है और अगर उनकी पार्टी ने भी इसी तरह की हरकतें की होतीं, तो उसके कार्यकर्ताओं को जेल हो जाती. उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव में अन्य राजनीतिक दलों द्वारा सरकार के उद्देश्यों को पूरा करने में विफल रहने के बाद एआईपी को 'प्रॉक्सी पार्टी' के रूप में समर्थन दिया जा रहा है.

पीडीपी प्रमुख ने कहा, "मैं सरकार से कहना चाहती हूं कि एआईपी को आगे करके आप यह संकेत दे रहे हैं कि किसी अन्य पार्टी को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है. एआईपी ने पीडीपी कार्यकर्ताओं पर हमला करने की हिम्मत कैसे की? अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई?"

एआईपी से सावधान रहने की अपील
महबूबा मुफ्ती ने लोगों से एआईपी से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि पार्टी का उद्देश्य वोटों को विभाजित करना है, खासकर पीडीपी को निशाना बनाना, क्योंकि यह एकमात्र पार्टी है जो लगातार लोगों के लिए खड़ी हुई है और सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है.

एपीआई ने मुफ्ती की टिप्पणी की निंदा की
इधर, महबूबा मुफ्ती के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए एआईपी के प्रवक्ता रियाज मजीद ने पीडीपी प्रमुख की टिप्पणी की निंदा की. मजीद ने कहा, "महबूबा मुफ्ती झूठ बोलकर लोगों का भरोसा जीतने की कोशिश कर रही हैं, जो उनके लिए उचित नहीं है. चुनाव लड़ने के लिए किसी को धन की जरूरत नहीं है; सिर्फ ईमानदारी, अच्छे इरादे और लोगों के भरोसे की जरूरत है."

उन्होंने पीडीपी पर राजनीति को पैसे से जोड़ने का आरोप लगाया और दावा किया कि पीडीपी की राजनीति हमेशा अवैध धन से चलती रही है. मजीद ने आगे कहा कि एआईपी एक जन आंदोलन है और वे लोग इसका समर्थन कर रहे हैं जो परिवार की राजनीति को खत्म करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "अगर लोग हमारे साथ खड़े होते हैं, तो हम न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश में उम्मीदवार उतारेंगे."

मजीद ने मुफ्ती पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनका मानना है कि केवल मुफ्ती, अब्दुल्ला और गांधी परिवार को ही शासन करने का अधिकार है. उन्होंने कहा, "जब कोई दूसरा व्यक्ति राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करता है, तो उसे तुरंत एजेंट करार दे दिया जाता है." उन्होंने दावा किया किया एआईपी को मिल रहे लोगों के भारी समर्थन से परिवार की राजनीति खत्म हो जाएगी.

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