नई दिल्ली: गृह मामलों की संसदीय समिति के वरिष्ठ सदस्य समिक भट्टाचार्य ने गुरुवार को दावा किया कि उपद्रवियों से खुद को बचाने के लिए मुर्शिदाबाद से एक वर्ग के लोग बड़े पैमाने पर झारखंड और पश्चिम बंगाल के अन्य जिलों की ओर पलायन कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत और सैकड़ों अन्य लोग घायल हुए.
हिंसा के कुछ दिनों बाद समिक भट्टाचार्य ने दावा किया कि अवैध प्रवासियों के साथ-साथ बांग्लादेश की खुफिया एजेंसियों का हिंसा से सीधा संबंध है. भट्टाचार्य ने कहा, "अवैध अप्रवासियों और बांग्लादेशी खुफिया बलों ने अपने मॉड्यूल को सक्रिय कर दिया है और घुसपैठियों के साथ-साथ बदमाशों को भी भारत के अंदर भेज दिया है. यह जनसांख्यिकीय आक्रमण है."
ईटीवी भारत से बात करते हुए पश्चिम बंगाल से मौजूदा सांसद और संसदीय समिति के सदस्य भट्टाचार्य ने कहा कि वक्फ अधिनियम के नाम पर हिंदुओं पर हमला किया जा रहा है.
भट्टाचार्य ने कहा, "वक्फ अधिनियम का विरोध करने के नाम पर हिंदुओं के घरों पर हमला किया जा रहा है. झारखंड और मालदा सहित पश्चिम बंगाल के अन्य जिलों में हिंदुओं का बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है."
इससे पहले पश्चिम बंगाल के बिष्णुपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद सौमित्र खान ने गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष राधा मोहन दास अग्रवाल से अपील की थी कि राज्य के हिंसा प्रभावित जिलों का संसदीय समिति का तत्काल दौरा सुनिश्चित किया.
सौमित्र खान ने अग्रवाल से हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के साथ-साथ मुर्शिदाबाद के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को भी तलब करने की अपील की है.
भट्टाचार्य ने कहा, "संसदीय समिति का दौरा बहुत जरूरी है. समिति को पता होना चाहिए कि राज्य में क्या हो रहा है. यहां की स्थिति कल्पना से परे है."
पश्चिम बंगाल की स्थिति को पूरी तरह चिंताजनक बताते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य में ऐसी स्थिति कभी नहीं आई.
भट्टाचार्य ने कहा, "सिर्फ 400 लोग ही अपने घर खाली नहीं कर रहे हैं, बल्कि कई हजार परिवार अपनी जान बचाने के लिए अपने घरों में रह रहे हैं. वे बिखरे हुए हैं. वे सुरक्षित जगहों पर जा रहे हैं."
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में जब नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा था, तो हर जगह पुलिस के जवान तैनात थे. लेकिन अब स्थिति बिल्कुल अलग है. जब हिंसा भड़की, तब मुर्शिदाबाद में कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था. भट्टाचार्य ने कहा कि स्थिति बहुत दयनीय है.
जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन चाहती है, तो भट्टाचार्य ने कहा कि यह संविधान के संरक्षक पर निर्भर करता है.
उन्होंने पूछा, "पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है और संवैधानिक तंत्र पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है. पश्चिम बंगाल में अनुच्छेद 356 क्यों नहीं लगाया जाता?"
इस बीच, गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल की स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है. सूत्रों ने बताया, "केंद्र ने सभी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से कहा है कि वे कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें."
मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बाद केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने राज्य के डीजीपी, मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी.
बैठक के बाद राज्य के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों की पांच अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं.
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