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वीर सावरकर पर टिप्पणी मामले में लखनऊ की अदालत ने राहुल गांधी को किया तलब - RAHUL GANDH

वीर सावरकर पर विवादित टिप्पणी मामले में ACJM कोर्ट ने कांग्रेस सांसद को 10 जनवरी को पेश होने का दिया आदेश

राहुल गांधी
राहुल गांधी (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 13, 2024, 8:09 PM IST

Updated : Dec 13, 2024, 8:50 PM IST

लखनऊ: राजधानी की ACJM कोर्ट ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को वीर सावरकर पर विवादित टिप्पणी व भड़काऊ भाषण देने के मामले में तलब किया है. राहुल को 10 जनवरी को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने राहुल को प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) और 505 के तहत अपराध के लिए दोषी पाया है. कोर्ट ने उनका पक्ष जानने के लिए 10 जनवरी 2025 को पेश होने का आदेश दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई तय तारीख पर होगी.

दरअसल, 1 अक्टूबर को याचिकाकर्ता अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय ने एमपी/एमएलए कोर्ट में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग वाली अर्जी दी थी. नृपेन्द्र पांडेय ने याचिका में आरोप लगाया था कि गांधी ने 17 दिसंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में एक प्रेस वार्ता के दौरान वीर सावरकर को 'अंग्रेजों का नौकर' और 'पेंशन लेने वाला' कहा था. उन्होंने वीर सावरकर को अंग्रेजों का मददगार व अपनी रिहाई के लिए माफी मांगने वाला बताकर कई आरोप लगाए थे. इतना ही नहीं उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहले से पम्पलेट भी पत्रकारों के बीच बांटे गए थे.

अधिवता के मुताबिक, कोर्ट ने बयान व गवाहों के साक्ष्य को गंभीरता से लिया था. सभी तथ्यों और साक्ष्यों का अवलोकन करते हुए कोर्ट ने पाया कि राहुल गांधी का बयान समाज में घृणा और वैमनस्य फैलाने वाला था, जो भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) और 505 के तहत दंडनीय अपराध है.

लखनऊ: राजधानी की ACJM कोर्ट ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को वीर सावरकर पर विवादित टिप्पणी व भड़काऊ भाषण देने के मामले में तलब किया है. राहुल को 10 जनवरी को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने राहुल को प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) और 505 के तहत अपराध के लिए दोषी पाया है. कोर्ट ने उनका पक्ष जानने के लिए 10 जनवरी 2025 को पेश होने का आदेश दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई तय तारीख पर होगी.

दरअसल, 1 अक्टूबर को याचिकाकर्ता अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय ने एमपी/एमएलए कोर्ट में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग वाली अर्जी दी थी. नृपेन्द्र पांडेय ने याचिका में आरोप लगाया था कि गांधी ने 17 दिसंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में एक प्रेस वार्ता के दौरान वीर सावरकर को 'अंग्रेजों का नौकर' और 'पेंशन लेने वाला' कहा था. उन्होंने वीर सावरकर को अंग्रेजों का मददगार व अपनी रिहाई के लिए माफी मांगने वाला बताकर कई आरोप लगाए थे. इतना ही नहीं उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहले से पम्पलेट भी पत्रकारों के बीच बांटे गए थे.

अधिवता के मुताबिक, कोर्ट ने बयान व गवाहों के साक्ष्य को गंभीरता से लिया था. सभी तथ्यों और साक्ष्यों का अवलोकन करते हुए कोर्ट ने पाया कि राहुल गांधी का बयान समाज में घृणा और वैमनस्य फैलाने वाला था, जो भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) और 505 के तहत दंडनीय अपराध है.

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Last Updated : Dec 13, 2024, 8:50 PM IST
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