लालू यादव की इफ्तार पार्टी, बगल में बैठे पशुपति पारस, मुकेश सहनी और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने बनाई दूरी
नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी के बाद आरजेडी ने भी इसका आयोजन किया. लालू यादव के साथ पशुपति पारस भी पहुंचे. कांग्रेस रही दूर. पढ़ें

Published : March 24, 2025 at 9:22 PM IST
पटना : रमजान के महीने में राजनीतिक दलों के द्वारा दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया जाता है. आज राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की तरफ से इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया. लालू प्रसाद के इफ्तार पार्टी में मुस्लिम संगठनों के लोग और वामपंथी दल और कांग्रेस के कुछ विधायक शामिल हुए. कांग्रेस के बड़े नेताओं ने इफ्तार पार्टी से दूरी बनाई. यही नहीं वीआईपी के मुकेश भी नहीं पहुंचे.
राजद के इफ्तार पार्टी : रमजान के महीने में हर साल राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव इफ्तार पार्टी का आयोजन करते हैं. लालू प्रसाद हर साल अपने सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड पर इफ्तार पार्टी का आयोजन करते थे. लेकिन आज लालू प्रसाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधान परिषद के सदस्य अब्दुल बारी सिद्दीकी के सरकारी आवास 12 स्ट्रेंड रोड पर किया गया.
RJD के बड़े नेता हुए शामिल : इफ्तार पार्टी में लालू प्रसाद यादव खुद एक्टिव दिखे. इफ्तार पार्टी में लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बिहार विधानसभा में विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी, शिवानंद तिवारी सहित राजद के सभी विधायक महागठबंधन के सहयोगी वामपंथी दलों के नेता और कई विधायक इफ्तार पार्टी में शामिल हुए. कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास इस इफ्तार पार्टी में शामिल हुई.
कांग्रेस के बड़े नेता की दूरी : लालू प्रसाद के इफ्तार पार्टी में कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास नजर आई लेकिन बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं एवं बिहार के प्रभारी ने इफ्तार पार्टी से दूरी बनाई. राजद के विधान परिषद सुनील सिंह ने कहा कि कांग्रेस के कई विधायक इस इफ्तार में शामिल हुए थे. लेकिन नए प्रदेश अध्यक्ष और नए प्रदेश प्रभारी के शामिल नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी पार्टी करने नेताओं से ले ली जाए इस मौके पर इस तरीके का सवाल कोई मायने नहीं रखता.

कांग्रेस के बड़े नेताओं की दूरी पर जानकारों की राय : वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडेय ने बताया कि बिहार में महागठबंधन की सियासत लालू प्रसाद यादव के इर्द-गिर्द घूमती रहती थी. बिहार में कांग्रेस की राजनीति भी पिछले 25 वर्षों से राजद के सहारे ही चलती रही है. लेकिन कांग्रेस पार्टी अब अपना संगठन विस्तार करने में लगी हुई है. यही कारण है कि नए प्रभारी एवं नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की गई है.
''लालू प्रसाद के द्वारा दी गई इफ्तार पार्टी में कांग्रेस के बड़े नेताओं की दूरी यह दिखा रही है कि महागठबंधन में सब कुछ सामान्य नहीं है. कांग्रेस के कुछ एक विधायकों का पहुंचना और बिहार कांग्रेस के बड़े नेताओं का इस इफ्तार पार्टी में शामिल नहीं होना यह संकेत दे रहा है कि कहीं कांग्रेस कुछ अलग राजनीति या रणनीति तो नहीं बना रही. सबसे बड़ी बात है कि कृष्णा अल्लावारु जब से बिहार के प्रभारी बने हैं एक बार भी लालू प्रसाद से मुलाकात करने नहीं गए.''- अरुण पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार

RLJP हुई शामिल : लालू प्रसाद द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में महागठबंधन में नए राजनीतिक समीकरण देखने को मिला. राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस, बिहार अध्यक्ष प्रिंस राज और पार्टी के वरिष्ठ नेता सूरजभान सिंह इस इफ्तार पार्टी में शामिल हुए. ईटीवी भारत से बातचीत में पशुपति कुमार पारस ने बताया कि रमजान का पवित्र महीना चल रहा है. इफ्तार पार्टी में शामिल हुए हैं. बिहार में नई राजनीतिक समीकरण के सवाल पर उन्होंने कहा कि ''समय आने पर सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा.''
इफ्तार में सभी धर्म के लोग हुए शामिल : राजद के विधान पार्षद सुनील सिंह ने मुख्यमंत्री के इफ्तार पार्टी और लालू प्रसाद के इफ्तार पार्टी पर कहा कि लालू प्रसाद की इफ्तार पार्टी में सभी धर्म के लोग स्वतः शामिल हुए हैं. CM पर तंज कसते उन्होंने कहा कि यहां पर मोबाइल पर भी प्रतिबंध नहीं रहता, क्योंकि 10 साल में पृथ्वी समाप्त हो जाएगी.

''दोनों के यहां होने वाले इफ्तार पार्टी का रंग सबने देखा है. सर्व धर्म के लोग इस इफ्तार पार्टी में शामिल हुए हैं. सभी मुस्लिम संगठनों के लोग इस इफ्तार पार्टी में शामिल होने के लिए आए थे. मुख्यमंत्री के यहां आने जाने वालों के लिए पाबंदी रहती है लेकिन यहां पाबंदी नहीं रहती है.''- सुनील सिंह, राजद विधान पार्षद
इफ्तार के बहाने सियासत : बता दें कि रमजान के महीने में राजनीतिक दलों के द्वारा इफ्तार पार्टी देने की परंपरा रही है. वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडेय का कहना है कि लालू प्रसाद का सबसे मजबूत वोट बैंक मुस्लिम है इसीलिए लालू प्रसाद इफ्तार का पार्टी देना नहीं भूलते. कल जिस तरीके से 8 मुस्लिम संगठनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इफ्तार पार्टी का विरोध किया यह विधानसभा चुनाव से पहले एक संकेत था कि मुस्लिम जदयू से बहुत ज्यादा खुश नहीं है.

''आज लालू प्रसाद के इफ्तार पार्टी में दावा किया गया कि सभी मुस्लिम संगठन शामिल हुए हैं. लालू प्रसाद यह संदेश देना चाहते हैं कि बिहार की राजनीति में मुसलमान का यदि सबसे कोई सच्चा हितैशी है तो वह राजद है.''- अरुण पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार
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