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Explainer : JEE MAIN में क्या होता है पर्सेंटाइल और कैसे डिसाइड होती है AIR, समझिए... - JEE MAINS

जेईई मेन 2025 में 24 कैंडिडेट्स को 100 पर्सेंटाइल आई, लेकिन AIR 1 सिर्फ एक को मिला. जानिए क्या है पर्सेंटाइल और रैंक का फार्मूला...

जेईई मेन 2025
जेईई मेन 2025 (ETV Bharat (Symbolic))
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 19, 2025 at 8:16 PM IST

6 Min Read

कोटा : देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन 2025 के परिणाम में देश भर के 24 कैंडिडेट 100 पर्सेंटाइल लेकर आए हैं. इनकी ऑल इंडिया रैंक उनके एनटीए स्कोर पर टाई-ब्रेकिंग क्राइटेरिया लगाकर तय की गई है. ऐसे में परफेक्ट स्कोर यानी 300 में 300 अंक लाने वाले कोटा से कोचिंग कर रहे ओम प्रकाश बेहरा को ऑल इंडिया रैंक 1 दी गई है, जबकि उन्हीं के समान 100 पर्सेंटाइल स्कोर करने वाले अन्य कैंडिडेट्स को निचली रैंक मिली है.

100 पर्सेंटाइल का मतलब शिफ्ट का टॉपर भी कहा जा सकता है. जेईई मेन परीक्षा में कैंडिडेट की रैंक उनके परीक्षा में किए गए स्कोर के आधार पर तय की जाती है. इसमें एक समान अंक आने पर टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया लगाकर उनकी रैंक निकाली जाती है, जबकि पर्सेंटाइल परीक्षा की शिफ्ट के आधार पर निकाली जाती है. एक शिफ्ट में एक 100 पर्सेंटाइल आना तय होता है, जबकि एक से अधिक 100 पर्सेंटाइल भी एक शिफ्ट में आ सकती. एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि पर्सेंटाइल और ऑल इंडिया रैंक दो अलग-अलग विषय हैं. पर्सेंटाइल नॉर्मलाइजेशन की एक प्रक्रिया है, जबकि ऑल इंडिया रैंक नॉर्मलाइजेशन व इसके बाद टाई-ब्रेकिंग नियमों के आधार पर तय की जाती है.

जेईई मेन 2025
ऐसे निकलती है पर्सेंटाइल. (ETV Bharat gfx)

पढे़ं. कोटा से कोचिंग कर रहे ओम प्रकाश बेहरा ने JEE Main में हासिल किए परफेक्ट 300 अंक, बने ऑल इंडिया टॉपर

पर्सेंटाइल का ये है मतलब : देव शर्मा ने बताया कि 100 पर्सेंटाइल यानी शिफ्ट का टॉपर भी उसे कहा जा सकता है, इसीलिए जितनी शिफ्ट में परीक्षा होती है, उतने कैंडिडेट 100 पर्सेंटाइल लेकर आते हैं. पर्सेंटाइल का मतलब सीधे तौर पर यह कहा जा सकता है कि जितनी पर्सेंटाइल कैंडिडेट की है, उतने फीसदी बच्चे उसे नीचे स्कोर वाले हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे 96 पर्सेंटाइल किसी कैंडिडेट का आए हैं तो इसका अर्थ है कि चार फीसदी बच्चे उससे ज्यादा अंक लेकर आए हैं, जबकि शेष 96 फीसदी कैंडिडेट के उससे कम अंक हैं. यह पर्सेंटाइल निकालने का एक अलग ही फार्मूला लगता है.

पढ़ें. JEE MAIN 2025 का परिणाम घोषित, 24 कैंडिडेट्स ने हासिल किए 100 पर्सेंटाइल, सबसे ज्यादा टॉपर्स राजस्थान से

यह होता है मैथमेटिक्स का फार्मूला : शिफ्ट में कैंडिडेट और उसके नीचे जितने कैंडिडेट्स ने स्कोर किए हैं, इस नंबर को 100 से गुणा करते हैं. इसके बाद जितने कैंडिडेट शिफ्ट में बैठे थे, उनका भाग दिया जाता है. इसके बाद जो फिगर आता है, इतनी पर्सेंटाइल कैंडिडेट की बनती है. उदाहरण के तौर पर परीक्षा की शिफ्ट में 1000 कैंडिडेट बैठे, जिस कैंडिडेट का पर्सेंटाइल निकालना है. इसी आधार पर जिस कैंडिडेट का पहला नंबर आया है, उसका 100 पर्सेंटाइल माना जाएगा. इसी तरह जो कैंडिडेट ऊपर से 19वें नंबर पर आया है, ऐसे में उसके नीचे 981 कैंडिडेट हैं. इसके आधार पर उसकी पर्सेंटाइल 98.1 होगी. यह नंबर उसके रा-स्कोर के आधार पर तय होगा.

जेईई मेन 2025
इन राज्यों से सर्वाधिक 100 पर्सेंटाइल आई. (ETV Bharat gfx)

पढ़ें. JEE MAIN टॉपर ओमप्रकाश 10वीं तक नहीं जानते थे IIT में कैसे मिलता है एडमिशन, कोटा ने दिया परफेक्ट स्कोर

इसलिए की जाती है नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया : देव शर्मा ने बताया कि दो या उससे अधिक शिफ्ट में आयोजित होने वाली परीक्षा में इस नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है. नॉर्मलाइजेशन करने का मतलब यह होता है कि एग्जाम में उस दिन क्या स्थिति थी और पेपर का लेवल किस तरह का था. किसी शिफ्ट में कठिन तो किसी में आसान होता है, इसीलिए पर्सेंटाइल में स्कोर निकालकर परिणाम दिया जाता है, ताकि कैंडिडेट्स को समान अवसर मिल सके.

जेईई मेन 2025
6 साल में यह रहा आंकड़ा. (ETV Bharat gfx)

पढे़ं. JEE Main में टॉपर में तेलंगाना है टॉप पोजिशन पर, राजस्थान दूसरे पर, आंध्र प्रदेश दे रहा टक्कर

इस बार ये 24 कैंडिडेट लेकर आएं हैं 100 पर्सेंटाइल : जेईई मेन की परीक्षा में राजस्थान के ओम प्रकाश बेहरा, सक्षम जिंदल, अर्णव सिंह, रजित गुप्ता, मोहम्मद अनस, लक्ष्य शर्मा व आयूष सिंघल 100 पर्सेंटाइल की लिस्ट में हैं. इसके अलावा आंध्र प्रदेश से साई मनोग्ना गुथिकोंडा, दिल्ली दक्ष व हर्ष झा, गुजरात से शिवेन विकास तोषनीवाल और अदित प्रकाश बागडे, कर्नाटक से कुशाग्र गुप्ता, महाराष्ट्र से आयुष रवि चौधरी, सानिध्य सराफ व विषाद जैन, तेलंगाना से वंगला अजय रेड्डी, बानी ब्रता माझी व हर्ष ए गुप्ता ने भी 100 पर्सेंटाइल हासिल की है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश से श्रेया लोहिया, कुशाग्र बैंगाहा व सौरभ, पश्चिम बंगाल से देवदत्ता मांझी व अर्चिसमान नंदी 100 पर्सेंटाइल के क्लब में शामिल हुए हैं.

जेईई मेन 2025
इयर वाइज एग्जाम शिफ्ट और पर्सेंटाइल. (ETV Bharat gfx)

पढ़ें. बिना जेईई मेन व एडवांस्ड क्लियर किए IIT से करें पढ़ाई, यह मिलेगी डिग्री, साइंस स्ट्रीम भी जरूरी नहीं

तो मिल जाती है संयुक्त रूप से AIR-1: देव शर्मा ने बताया कि ओम प्रकाश बेहरा ने परफेक्ट स्कोर बनाया. उनके 300 में से 300 अंक आए हैं. ऐसे में इस बार के टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया के अनुसार अगर 300 में से 300 अंक कोई दूसरा कैंडिडेट भी लेकर आता तो दोनों को संयुक्त रूप से ऑल इंडिया रैंक मिलती, क्योंकि उनके सभी सब्जेक्ट में बराबर अंक हैं. दूसरी तरफ कोई अंक काटा भी नहीं है, इसलिए ऋणात्मक और धनात्मक अंक का टाई ब्रेकिंग का फार्मूला भी काम नहीं करता. साल 2025 की तरह ही 2021 में भी किया गया था. हालांकि, साल 2022 और 2023 में पैरामीटर अलग थे. इसके अनुसार टाई होने पर जिसकी उम्र ज्यादा होती थी, उसे एआईआर में प्राथमिकता दी जाती थी. आयु में भी टाई होने पर जेईई-मेन के एप्लीकेशन नंबर को लिया जाता था.

साल 2025 में यह लगाया गया टाई ब्रेकिंग रूल्स

  1. मैथमेटिक्स में अधिक अंक प्राप्त करने वाले कैंडिडेट को बेहतर रैंक दी.
  2. फिजिक्स में अधिक अंक प्राप्त करने वाले कैंडिडेट को बेहतर रैंक दी.
  3. केमिस्ट्री में अधिक अंक प्राप्त करने वाले कैंडिडेट को बेहतर रैंक दी.
  4. जिन कैंडिडेट के सही व गलत उत्तरों का अनुपात कम रहा, उन्हें बेहतर रैंक दी.
  5. जिन कैंडिडेट के मैथमेटिक्स में सही व गलत उत्तरों का अनुपात कम रहा, उन्हें बेहतर रैंक दी.
  6. जिन कैंडिडेट के फिजिक्स में सही व गलत उत्तरों का अनुपात कम रहा, उन्हें बेहतर रैंक दी.
  7. जिन कैंडिडेट के केमिस्ट्री विषय में सही व गलत उत्तरों का अनुपात कम रहा, उन्हें बेहतर रैंक दी.
  8. इन सभी स्थितियों में टाई रहता है तो कैंडिडेट को सामान रैंक दी.

कोटा : देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन 2025 के परिणाम में देश भर के 24 कैंडिडेट 100 पर्सेंटाइल लेकर आए हैं. इनकी ऑल इंडिया रैंक उनके एनटीए स्कोर पर टाई-ब्रेकिंग क्राइटेरिया लगाकर तय की गई है. ऐसे में परफेक्ट स्कोर यानी 300 में 300 अंक लाने वाले कोटा से कोचिंग कर रहे ओम प्रकाश बेहरा को ऑल इंडिया रैंक 1 दी गई है, जबकि उन्हीं के समान 100 पर्सेंटाइल स्कोर करने वाले अन्य कैंडिडेट्स को निचली रैंक मिली है.

100 पर्सेंटाइल का मतलब शिफ्ट का टॉपर भी कहा जा सकता है. जेईई मेन परीक्षा में कैंडिडेट की रैंक उनके परीक्षा में किए गए स्कोर के आधार पर तय की जाती है. इसमें एक समान अंक आने पर टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया लगाकर उनकी रैंक निकाली जाती है, जबकि पर्सेंटाइल परीक्षा की शिफ्ट के आधार पर निकाली जाती है. एक शिफ्ट में एक 100 पर्सेंटाइल आना तय होता है, जबकि एक से अधिक 100 पर्सेंटाइल भी एक शिफ्ट में आ सकती. एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि पर्सेंटाइल और ऑल इंडिया रैंक दो अलग-अलग विषय हैं. पर्सेंटाइल नॉर्मलाइजेशन की एक प्रक्रिया है, जबकि ऑल इंडिया रैंक नॉर्मलाइजेशन व इसके बाद टाई-ब्रेकिंग नियमों के आधार पर तय की जाती है.

जेईई मेन 2025
ऐसे निकलती है पर्सेंटाइल. (ETV Bharat gfx)

पढे़ं. कोटा से कोचिंग कर रहे ओम प्रकाश बेहरा ने JEE Main में हासिल किए परफेक्ट 300 अंक, बने ऑल इंडिया टॉपर

पर्सेंटाइल का ये है मतलब : देव शर्मा ने बताया कि 100 पर्सेंटाइल यानी शिफ्ट का टॉपर भी उसे कहा जा सकता है, इसीलिए जितनी शिफ्ट में परीक्षा होती है, उतने कैंडिडेट 100 पर्सेंटाइल लेकर आते हैं. पर्सेंटाइल का मतलब सीधे तौर पर यह कहा जा सकता है कि जितनी पर्सेंटाइल कैंडिडेट की है, उतने फीसदी बच्चे उसे नीचे स्कोर वाले हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे 96 पर्सेंटाइल किसी कैंडिडेट का आए हैं तो इसका अर्थ है कि चार फीसदी बच्चे उससे ज्यादा अंक लेकर आए हैं, जबकि शेष 96 फीसदी कैंडिडेट के उससे कम अंक हैं. यह पर्सेंटाइल निकालने का एक अलग ही फार्मूला लगता है.

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यह होता है मैथमेटिक्स का फार्मूला : शिफ्ट में कैंडिडेट और उसके नीचे जितने कैंडिडेट्स ने स्कोर किए हैं, इस नंबर को 100 से गुणा करते हैं. इसके बाद जितने कैंडिडेट शिफ्ट में बैठे थे, उनका भाग दिया जाता है. इसके बाद जो फिगर आता है, इतनी पर्सेंटाइल कैंडिडेट की बनती है. उदाहरण के तौर पर परीक्षा की शिफ्ट में 1000 कैंडिडेट बैठे, जिस कैंडिडेट का पर्सेंटाइल निकालना है. इसी आधार पर जिस कैंडिडेट का पहला नंबर आया है, उसका 100 पर्सेंटाइल माना जाएगा. इसी तरह जो कैंडिडेट ऊपर से 19वें नंबर पर आया है, ऐसे में उसके नीचे 981 कैंडिडेट हैं. इसके आधार पर उसकी पर्सेंटाइल 98.1 होगी. यह नंबर उसके रा-स्कोर के आधार पर तय होगा.

जेईई मेन 2025
इन राज्यों से सर्वाधिक 100 पर्सेंटाइल आई. (ETV Bharat gfx)

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इसलिए की जाती है नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया : देव शर्मा ने बताया कि दो या उससे अधिक शिफ्ट में आयोजित होने वाली परीक्षा में इस नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है. नॉर्मलाइजेशन करने का मतलब यह होता है कि एग्जाम में उस दिन क्या स्थिति थी और पेपर का लेवल किस तरह का था. किसी शिफ्ट में कठिन तो किसी में आसान होता है, इसीलिए पर्सेंटाइल में स्कोर निकालकर परिणाम दिया जाता है, ताकि कैंडिडेट्स को समान अवसर मिल सके.

जेईई मेन 2025
6 साल में यह रहा आंकड़ा. (ETV Bharat gfx)

पढे़ं. JEE Main में टॉपर में तेलंगाना है टॉप पोजिशन पर, राजस्थान दूसरे पर, आंध्र प्रदेश दे रहा टक्कर

इस बार ये 24 कैंडिडेट लेकर आएं हैं 100 पर्सेंटाइल : जेईई मेन की परीक्षा में राजस्थान के ओम प्रकाश बेहरा, सक्षम जिंदल, अर्णव सिंह, रजित गुप्ता, मोहम्मद अनस, लक्ष्य शर्मा व आयूष सिंघल 100 पर्सेंटाइल की लिस्ट में हैं. इसके अलावा आंध्र प्रदेश से साई मनोग्ना गुथिकोंडा, दिल्ली दक्ष व हर्ष झा, गुजरात से शिवेन विकास तोषनीवाल और अदित प्रकाश बागडे, कर्नाटक से कुशाग्र गुप्ता, महाराष्ट्र से आयुष रवि चौधरी, सानिध्य सराफ व विषाद जैन, तेलंगाना से वंगला अजय रेड्डी, बानी ब्रता माझी व हर्ष ए गुप्ता ने भी 100 पर्सेंटाइल हासिल की है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश से श्रेया लोहिया, कुशाग्र बैंगाहा व सौरभ, पश्चिम बंगाल से देवदत्ता मांझी व अर्चिसमान नंदी 100 पर्सेंटाइल के क्लब में शामिल हुए हैं.

जेईई मेन 2025
इयर वाइज एग्जाम शिफ्ट और पर्सेंटाइल. (ETV Bharat gfx)

पढ़ें. बिना जेईई मेन व एडवांस्ड क्लियर किए IIT से करें पढ़ाई, यह मिलेगी डिग्री, साइंस स्ट्रीम भी जरूरी नहीं

तो मिल जाती है संयुक्त रूप से AIR-1: देव शर्मा ने बताया कि ओम प्रकाश बेहरा ने परफेक्ट स्कोर बनाया. उनके 300 में से 300 अंक आए हैं. ऐसे में इस बार के टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया के अनुसार अगर 300 में से 300 अंक कोई दूसरा कैंडिडेट भी लेकर आता तो दोनों को संयुक्त रूप से ऑल इंडिया रैंक मिलती, क्योंकि उनके सभी सब्जेक्ट में बराबर अंक हैं. दूसरी तरफ कोई अंक काटा भी नहीं है, इसलिए ऋणात्मक और धनात्मक अंक का टाई ब्रेकिंग का फार्मूला भी काम नहीं करता. साल 2025 की तरह ही 2021 में भी किया गया था. हालांकि, साल 2022 और 2023 में पैरामीटर अलग थे. इसके अनुसार टाई होने पर जिसकी उम्र ज्यादा होती थी, उसे एआईआर में प्राथमिकता दी जाती थी. आयु में भी टाई होने पर जेईई-मेन के एप्लीकेशन नंबर को लिया जाता था.

साल 2025 में यह लगाया गया टाई ब्रेकिंग रूल्स

  1. मैथमेटिक्स में अधिक अंक प्राप्त करने वाले कैंडिडेट को बेहतर रैंक दी.
  2. फिजिक्स में अधिक अंक प्राप्त करने वाले कैंडिडेट को बेहतर रैंक दी.
  3. केमिस्ट्री में अधिक अंक प्राप्त करने वाले कैंडिडेट को बेहतर रैंक दी.
  4. जिन कैंडिडेट के सही व गलत उत्तरों का अनुपात कम रहा, उन्हें बेहतर रैंक दी.
  5. जिन कैंडिडेट के मैथमेटिक्स में सही व गलत उत्तरों का अनुपात कम रहा, उन्हें बेहतर रैंक दी.
  6. जिन कैंडिडेट के फिजिक्स में सही व गलत उत्तरों का अनुपात कम रहा, उन्हें बेहतर रैंक दी.
  7. जिन कैंडिडेट के केमिस्ट्री विषय में सही व गलत उत्तरों का अनुपात कम रहा, उन्हें बेहतर रैंक दी.
  8. इन सभी स्थितियों में टाई रहता है तो कैंडिडेट को सामान रैंक दी.
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