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सिंधु और सतलुज नदियां कहां से निकलती हैं और किन देशों में से बहती हैं, जानें - INDUS RIVER ORIGIN

भारत और पाकिस्तान से बहने वाली सिंधु और सतलुज नदियों का उद्गम कहां है. यह बहुत कम लोग ही जानते हैं.

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सिंधु नदी (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 17, 2025 at 2:40 PM IST

3 Min Read

हैदराबाद: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को स्थित कर दिया है. भारत का यह कदम पाकिस्तान पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है.

सिंधु जल संधि भारत को सिंधु सिस्टम की पूर्वी नदियों – सतलुज, व्यास और रावी के पानी का उपयोग करने की अनुमति देती है, पश्चिमी नदियों – सिंधु, झेलम और चिनाब से पाकिस्तान को पानी मिलता है.

हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि सिंधु और सतलुज नदियों का उद्गम कहां है. आइए जानते हैं कि ये दोनों महत्वपूर्ण नदियां कहां से निकलती हैं और किन देशों से होकर गुजरती हैं.

सिंधु और सतलुज नदियां का उद्गम हिमालय के उच्च ऊंचाई वाले ग्लेशियर्स से होता है. दोनों नदियां तिब्बत से निकलती हैं, जो चीन के कब्जे में है. सिंधु नदी तिब्बत में उत्तर से पश्चिम की दिशा में बहती है और फिर लद्दाख में प्रवेश करती है. इसके बाद जम्मू-कश्मीर से होते हुए यह उत्तरी पाकिस्तान में प्रवेश करती है और पंजाब और सिंध प्रांत से होते हुए यह अरब सागर में समा जाती है.

हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी
हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी (ETV Bharat)

तिब्बत के सेंग खबाब हिमनद से निकलती है सिंधु नदी
सिंधु नदी तिब्बत के सेंग खबाब नाम के हिमनद से निकलती है, जो मानसरोवर झील और कैलाश पर्वत के पास है. सेंग खबाब हिमनद से छोटी धाराओं में बहने वाला पानी सिंधु नदी का निर्माण करता है.

सतलुज नदी की बात करें तो इसका भी उद्गम तिब्बत में है. यह आमतौर पर पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहती है. तिब्बत से निकलने के बाद यह हिमालय से होकर गुजरती है और फिर भारत के हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करती है. इसके बाद यह नांगल के पास पंजाब के मैदानों से होकर बहती है और पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले ब्यास नदी में मिल जाती है.

हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी
हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी (ETV Bharat)

राकसताल झील के पास से निकलती है सतलुज नदी
सतलुज नदी कैलाश पर्वत के पास तिब्बती पठार में राकसताल झील (Rakastal Lake) के पास से निकलती है. सतलुज नदी हिमाचल प्रदेश की पांच नदियों में सबसे बड़ी है. यह शिपकी (ऊंचाई = 6,608 मीटर) में हिमाचल में प्रवेश करती है और किन्नौर, शिमला, कुल्लू, सोलन, मंडी और बिलासपुर जिलों से दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहती है. हिमाचल प्रदेश में इसका मार्ग राकसताल झील से 320 किमी दूर है, जिसमें प्रसिद्ध सहायक नदियां हैं. स्पीति, रोपा, ताइती, काशंग, मुलगांव, यूला, वांगर, थ्रॉन्ग और रूपी दाहिने किनारे की सहायक नदियां हैं, जबकि तिरुंग, गयाथिंग, बसपा, डुलिंग और सोलडांग बाएं किनारे की सहायक नदियां हैं.

हिमाचल प्रदेश में इसका कुल जलग्रहण क्षेत्र 20,000 वर्ग किलोमीटर है. इसका वैदिक नाम सतुद्री और संस्कृत नाम शतद्रु है. सतलुज नदी का लगभग 50,140 किलोमीटर का जलग्रहण क्षेत्र स्थायी हिम रेखा से 4,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. सतलुज घाटी के ऊपरी हिस्से स्थायी हिम आवरण के नीचे हैं. सतलुज नदी के किनारों पर बसी प्रमुख मानव बस्तियां नमगिया, कल्पा, रामपुर, तत्तापानी, सुनी और बिलासपुर हैं. इसकी कुल लंबाई 1,448 किलोमीटर है.

यह भी पढ़ें- Explained: सिंधु जल संधि क्या है... कब हुआ था समझौता, पाकिस्तान के लिए क्यों जरूरी, जानें सबकुछ

हैदराबाद: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को स्थित कर दिया है. भारत का यह कदम पाकिस्तान पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है.

सिंधु जल संधि भारत को सिंधु सिस्टम की पूर्वी नदियों – सतलुज, व्यास और रावी के पानी का उपयोग करने की अनुमति देती है, पश्चिमी नदियों – सिंधु, झेलम और चिनाब से पाकिस्तान को पानी मिलता है.

हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि सिंधु और सतलुज नदियों का उद्गम कहां है. आइए जानते हैं कि ये दोनों महत्वपूर्ण नदियां कहां से निकलती हैं और किन देशों से होकर गुजरती हैं.

सिंधु और सतलुज नदियां का उद्गम हिमालय के उच्च ऊंचाई वाले ग्लेशियर्स से होता है. दोनों नदियां तिब्बत से निकलती हैं, जो चीन के कब्जे में है. सिंधु नदी तिब्बत में उत्तर से पश्चिम की दिशा में बहती है और फिर लद्दाख में प्रवेश करती है. इसके बाद जम्मू-कश्मीर से होते हुए यह उत्तरी पाकिस्तान में प्रवेश करती है और पंजाब और सिंध प्रांत से होते हुए यह अरब सागर में समा जाती है.

हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी
हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी (ETV Bharat)

तिब्बत के सेंग खबाब हिमनद से निकलती है सिंधु नदी
सिंधु नदी तिब्बत के सेंग खबाब नाम के हिमनद से निकलती है, जो मानसरोवर झील और कैलाश पर्वत के पास है. सेंग खबाब हिमनद से छोटी धाराओं में बहने वाला पानी सिंधु नदी का निर्माण करता है.

सतलुज नदी की बात करें तो इसका भी उद्गम तिब्बत में है. यह आमतौर पर पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहती है. तिब्बत से निकलने के बाद यह हिमालय से होकर गुजरती है और फिर भारत के हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करती है. इसके बाद यह नांगल के पास पंजाब के मैदानों से होकर बहती है और पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले ब्यास नदी में मिल जाती है.

हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी
हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी (ETV Bharat)

राकसताल झील के पास से निकलती है सतलुज नदी
सतलुज नदी कैलाश पर्वत के पास तिब्बती पठार में राकसताल झील (Rakastal Lake) के पास से निकलती है. सतलुज नदी हिमाचल प्रदेश की पांच नदियों में सबसे बड़ी है. यह शिपकी (ऊंचाई = 6,608 मीटर) में हिमाचल में प्रवेश करती है और किन्नौर, शिमला, कुल्लू, सोलन, मंडी और बिलासपुर जिलों से दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहती है. हिमाचल प्रदेश में इसका मार्ग राकसताल झील से 320 किमी दूर है, जिसमें प्रसिद्ध सहायक नदियां हैं. स्पीति, रोपा, ताइती, काशंग, मुलगांव, यूला, वांगर, थ्रॉन्ग और रूपी दाहिने किनारे की सहायक नदियां हैं, जबकि तिरुंग, गयाथिंग, बसपा, डुलिंग और सोलडांग बाएं किनारे की सहायक नदियां हैं.

हिमाचल प्रदेश में इसका कुल जलग्रहण क्षेत्र 20,000 वर्ग किलोमीटर है. इसका वैदिक नाम सतुद्री और संस्कृत नाम शतद्रु है. सतलुज नदी का लगभग 50,140 किलोमीटर का जलग्रहण क्षेत्र स्थायी हिम रेखा से 4,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. सतलुज घाटी के ऊपरी हिस्से स्थायी हिम आवरण के नीचे हैं. सतलुज नदी के किनारों पर बसी प्रमुख मानव बस्तियां नमगिया, कल्पा, रामपुर, तत्तापानी, सुनी और बिलासपुर हैं. इसकी कुल लंबाई 1,448 किलोमीटर है.

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